अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग (rpsc ajmer) के तत्वावधान में वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक) प्रतियोगी परीक्षा-2018 के तहत उत्तीर्ण (passed) हुए अभ्यर्थियों की काउंसलिंग (councelling) जल्द कराई जाएगी। आयोग ऑफलाइन काउंसलिंग कराएगा। इसकी तैयारियां शुरू हो गई है।
आयोग (rajasthan public srvice commission) ने पिछले साल मई में वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2018 के तहत आवेदन मांगे थे। इनमें हिंदी (hindi), अंग्रेजी (english), सामाजिक विज्ञान (science), उर्दू (urdu), पंजाबी (punjabi), सिंधी (sindhi), संस्कृत (sanskrit) और विज्ञान (science) विषय शामिल थे। आयोग ने इन विषयों की परीक्षाएं बीते साल 28 अक्टूबर से 2 नवंबर तक कराई थी। इन विषयों के परिणाम बीते अगस्त में निकाले जा चुके हैं।
ऑफलाइन होगी काउंसलिंग
सचिव के. के. शर्मा ने बताया कि वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2018 के तहत अभ्यर्थियों की काउंसलिंग (councelling) कराई जानी है। आयोग इनकी ऑफलाइन काउंसलिंग कराएगा। इसका कार्यक्रम (schedule) शीघ्र जारी किया जाएगा। काउंसलिंग में करीब 30 से 35 दिन लगेंगे। इस दौरान अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेजों (original documents)की जांच की जाएगी।
छह महीने बाद मिला विश्वविद्यालय को कुलसचिव
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) को छह महीने बाद स्थाई कुलसचिव मिल गया है। राज्य सरकार ने संजय कुमार माथुर को कुलसचिव नियुक्त किया है। माथुर मौजूदा वक्त जिला रसद अधिकारी पद पर कार्यरत हैं। विश्वविद्यालय में बीते फरवरी तक अनिता चौधरी कुलसचिव पद पर कार्यरत थीं। इस दौरान सेवानिवृत्त कार्मिकों (retired staff) की पैंशन ग्रेच्यूटी भुगतान, सातवें वेतनमान, विभागीय पदोन्नति, संघ के कार्यालय और फर्नीचर खरीद (purchase) मामलों को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारी संघ पदाधिकारियों और कुलसचिव (registrar) के बीच तकरार हो गई थी। इस बीच चौधरी का तबादल हो गया। तबसे वित्त नियंत्रक भागीरथ सोनी ही कुलसचिव पद संभाले हुए थे।
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह (r.p.singh) के कामकाज पर हाईकोर्ट की रोक और स्थाई कुलसचिव नहीं होने से विश्वविद्यालय में कामकाज गड़बड़ा चुका है। कार्यवाहक कुलसचिव सोनी की भी डीन कमेटी सदस्यों, छात्रों (students), शिक्षकों (teachers) से कई मामलों में तकरार हो गई थी। कुलसचिव की नियुक्ति से विश्वविद्यालय के सामान्य कामकाज में सहूलियत हो सकेगी।
आयोग (rajasthan public srvice commission) ने पिछले साल मई में वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2018 के तहत आवेदन मांगे थे। इनमें हिंदी (hindi), अंग्रेजी (english), सामाजिक विज्ञान (science), उर्दू (urdu), पंजाबी (punjabi), सिंधी (sindhi), संस्कृत (sanskrit) और विज्ञान (science) विषय शामिल थे। आयोग ने इन विषयों की परीक्षाएं बीते साल 28 अक्टूबर से 2 नवंबर तक कराई थी। इन विषयों के परिणाम बीते अगस्त में निकाले जा चुके हैं।
ऑफलाइन होगी काउंसलिंग
सचिव के. के. शर्मा ने बताया कि वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2018 के तहत अभ्यर्थियों की काउंसलिंग (councelling) कराई जानी है। आयोग इनकी ऑफलाइन काउंसलिंग कराएगा। इसका कार्यक्रम (schedule) शीघ्र जारी किया जाएगा। काउंसलिंग में करीब 30 से 35 दिन लगेंगे। इस दौरान अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेजों (original documents)की जांच की जाएगी।
छह महीने बाद मिला विश्वविद्यालय को कुलसचिव
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) को छह महीने बाद स्थाई कुलसचिव मिल गया है। राज्य सरकार ने संजय कुमार माथुर को कुलसचिव नियुक्त किया है। माथुर मौजूदा वक्त जिला रसद अधिकारी पद पर कार्यरत हैं। विश्वविद्यालय में बीते फरवरी तक अनिता चौधरी कुलसचिव पद पर कार्यरत थीं। इस दौरान सेवानिवृत्त कार्मिकों (retired staff) की पैंशन ग्रेच्यूटी भुगतान, सातवें वेतनमान, विभागीय पदोन्नति, संघ के कार्यालय और फर्नीचर खरीद (purchase) मामलों को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारी संघ पदाधिकारियों और कुलसचिव (registrar) के बीच तकरार हो गई थी। इस बीच चौधरी का तबादल हो गया। तबसे वित्त नियंत्रक भागीरथ सोनी ही कुलसचिव पद संभाले हुए थे।
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह (r.p.singh) के कामकाज पर हाईकोर्ट की रोक और स्थाई कुलसचिव नहीं होने से विश्वविद्यालय में कामकाज गड़बड़ा चुका है। कार्यवाहक कुलसचिव सोनी की भी डीन कमेटी सदस्यों, छात्रों (students), शिक्षकों (teachers) से कई मामलों में तकरार हो गई थी। कुलसचिव की नियुक्ति से विश्वविद्यालय के सामान्य कामकाज में सहूलियत हो सकेगी।
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