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राजस्थान: स्कूल फीस तय करने में मां-बाप की भी मर्जी चलेगी

जयपुर  राजस्थान अब उन चुनिंदा राज्यों की जमात में शामिल हो गया है जहां स्कूलों द्वारा फीज़ बढ़ाए जाने के फैसले में छात्रों के अभिभावकों की मर्जी भी शामिल होगी। मंगलवार को इस संबंध में राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान स्कूल्स (रेग्यूलेशन ऑफ फी) अधिनियम 2016 को पारित कर दिया।

देश की टॉप 10 यूनिवर्सिटीज, JNU तीसरे नंबर पर, राजस्थान को भी मिली जगह

सीकर(राजस्थान).केंद्र सरकार ने देश के टॉप यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की लिस्ट जारी की है। हाल ही में विवादित जेएनयू को भी लिस्ट में तीसरा स्थान मिला है। वहीं लिस्ट में इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु पहले स्थान पर रहा। इसके साथ राजस्थान के तीन अन्य एजुकेशन इंस्टीट्यूट रैंकिंग पर खरे उतर पाए हैं।

सरकारी स्कूल में पढ़े राजनेताओं व अधिकारियों के बच्चे !

-छोटी स्कूलों पर गिरेगी गाज, बड़ों को होगा फायदा -उद्देश्यों पर खरा नहीं उतरता फीस विनियमन एक्ट
-विधानसभा में चर्चा के दौरान बोले विधायक बेनीवाल नागौर. सरकारी स्कूलों में भवन निर्माण, आधुनिक प्रयोगशाला, शौचालय निर्माण और अत्याधुनिक सुविधाओं को बढ़ावा देना चाहिए ताकि लोगों का मोह निजी स्कूलों की तरफ  ना बढ़े। राजनेताओं के साथ अधिकारियों के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए विशेष कानून लाना

मंत्री का वादा- स्कूलों को नहीं बनने देंगे दुकान

जयपुर. प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए प्रस्तावित फीस सम्बन्धी कानून न सिर्फ निजी स्कूलों के शुल्क का नियमन करेगा, बल्कि यूनिफॉर्म, किताबों और अन्य सम्बन्धित सामग्री को लेकर भी अभिभावकों की परेशानी दूर करने के प्रावधान इसमें होगा।

कलियुगी गुरुजी...पूछे ऐसे गंदे सवाल, बेटियां हो गई शर्मसार

पुष्कर। मंशातलाई क्षेत्र में संचालित राजकीय स्वामी रणछोड़दास उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत  शिक्षक पर कक्षा सात व आठ की छात्राओं ने पढ़ाई के दौरान अश्लीलता भरे सवाल पूछने के आरोप लगाए हैं। 

अध्यापक की कारगुजारी से भड़के ग्रामीण, स्कूल पर जड़ा ताला

ग्राम पंचायत मानावतों का गुड़ा के अंतर्गत गांव हट्टाजी का गुड़ा का प्राथमिक विद्यालय होली के बाद बंद पड़ा था। अध्यापक होली के बाद घर गया था। वह सोमवार सुबह 9 बजे विद्यालय पहुंचा, जिससे पूर्व अक्रोशित ग्रामीणों ने अध्यापक को हटाने की मांग को लेकर विद्यालय पर ताला लगा दिया। बाद में अधिकारियों द्वारा यहां दूसरा शिक्षक लगाए जाने के बाद ही ग्रामीणों ने ताला खोला।

सरकार का तोहफा, 17 हजार शिक्षकों के घर आई खुशियां

अलवर. सन् 2012 में राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से चयनित जिले के 17000 शिक्षकों के घर में इस माह खुशियां आई हैं। इन शिक्षकों को दुगने से अधिक वेतन और लाखोंं का रुपए का एरियर मिलेगा। अलवर जिले में 2012 में चयनित शिक्षकों को तभी से 13 हजार 200 रुपए का वेतन मिलता आया है।

सरकारी नौकरी से परेशान शिक्षक करना चाहते हैं ये काम

बांसवाड़ा। प्रदेश में तबादलों के लिए प्रतिबंधित दस जिलों में कार्यरत शिक्षक परेशान, पांच से दस साल की नौकरी छोडऩे की ठानी।गृह जिले में नई नौकरी के लिए रीट परीक्षा दी मरता क्या नहीं करता। प्रतिबंधित जिले से तबादला नहीं करने की अपनी नीति से परेशान शिक्षकों ने अपनी पांच से दस साल की नौकरी तक को छोडऩे की ठान ली और अपने गृह जिले में नई नौकरी हासिल करने की कोशिश लिए दुबारा रीट की परीक्षा दे डाली और अब इन्हें परिणाम का इंतजार है।

2012 में सीधे भर्ती हुए शिक्षकों को शीघ्र मिलेगा नियमित वेतनमान

भरतपुर. वर्ष 2012 की सीधी भर्ती परीक्षा में नियुक्त हुए शिक्षकों (जिन्होंने दो वर्ष का संतोषजनक परीवीक्षाकाल  पूर्ण कर लिया है) को शीघ्र नियमित वेतनमान मिल सकेगा। सोमवार को इस सम्बंध में जिला परिषद से आदेश जारी होने के बाद देर शाम काफी मशक्कत के बाद डीईओ प्रारम्भिक ने बीईईओ के नाम पत्र जारी कर दिया।

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