जयपुर राजस्थान अब उन चुनिंदा राज्यों की जमात
में शामिल हो गया है जहां स्कूलों द्वारा फीज़ बढ़ाए जाने के फैसले में
छात्रों के अभिभावकों की मर्जी भी शामिल होगी। मंगलवार को इस संबंध में
राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान स्कूल्स (रेग्यूलेशन ऑफ फी) अधिनियम 2016 को
पारित कर दिया।
यह अधिनियम मौजूदा राजस्थान स्कूल्स (रेग्यूलेशन ऑफ कलेक्शन ऑफ फी) ऐक्ट की जगह लेगा। स्कूली शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा, 'इस अधिनियम की मुख्य बात यह है कि स्कूल की फीज तय करने में अब एक तीन स्तरीय समिति की भूमिका होगी।' इस समिति में 10 सदस्य होंगे। इनमें 5 सदस्य अभिभावकों के बीच से चुने जाएंगे।
बाकी 5 सदस्यों में 3 शिक्षक, स्कूल के प्रिंसिपल और स्कूल प्रशासन द्वारा नामांकित एक उम्मीदवार होगा। यही समिति सालाना फीज को तय करेगी। हालांकि इस फैसले को उच्च स्तर पर चुनौती दी जा सकती है। अगर समिति में शामिल होने के लिए 5 से ज्यादा अभिभावक इच्छुक होंगे, तो उस स्थिति में नामों का फैसला लॉटरी के आधार पर तय किया जाएगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
यह अधिनियम मौजूदा राजस्थान स्कूल्स (रेग्यूलेशन ऑफ कलेक्शन ऑफ फी) ऐक्ट की जगह लेगा। स्कूली शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा, 'इस अधिनियम की मुख्य बात यह है कि स्कूल की फीज तय करने में अब एक तीन स्तरीय समिति की भूमिका होगी।' इस समिति में 10 सदस्य होंगे। इनमें 5 सदस्य अभिभावकों के बीच से चुने जाएंगे।
बाकी 5 सदस्यों में 3 शिक्षक, स्कूल के प्रिंसिपल और स्कूल प्रशासन द्वारा नामांकित एक उम्मीदवार होगा। यही समिति सालाना फीज को तय करेगी। हालांकि इस फैसले को उच्च स्तर पर चुनौती दी जा सकती है। अगर समिति में शामिल होने के लिए 5 से ज्यादा अभिभावक इच्छुक होंगे, तो उस स्थिति में नामों का फैसला लॉटरी के आधार पर तय किया जाएगा।
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