8 राज्यों में प्राथमिक शिक्षकों के 6.25 लाख पद खाली - The Rajasthan Teachers Blog - राजस्थान - शिक्षकों का ब्लॉग

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Wednesday 18 September 2019

8 राज्यों में प्राथमिक शिक्षकों के 6.25 लाख पद खाली

नई दिल्ली। प्राइमरी शिक्षा जो हर बच्चे को ठीक प्रकार से मिलना चाहिए, यह उसका अधिकार है, भारत में नहीं मिल पा रही है। हिन्दी-भाषी राज्यों के आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के सवा छह लाख स्वीकृत पद खाली पड़े हैं। सबसे ज्यादा खाली पद यूपी और बिहार में हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान के हालात हरियाणा से भी खराब है। 

यूपी-बिहार के हालात सबसे खराब, केरल-तमिलनाडु सबसे अच्छे

समग्र शिक्षा अभियान के तहत होने वाले राज्यों की कार्यक्रम अनुमोदन बोर्ड (पीएबी) की बैठक में राज्यों की ओर से दिए गए नवीनतम आंकड़ों से ये खुलासा हुआ है। हिन्दी भाषी राज्यों में हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान में स्थिति यूपी-बिहार और झारखंड की तुलना में काफी बेहतर है। वहीं, दक्षिण भारतीय राज्य केरल और तमिलनाडु अन्य मामलों की तरह इसमें भी अव्वल हैं। 

हिंदी-भाषी राज्यों में 6.22 लाख स्वीकृत पद खाली

पीएबी में पेश आंकड़े बताते हैं कि हिन्दी-भाषी राज्यों में शिक्षकों के कुल 622844 स्वीकृत पद खाली पड़े हुए हैं। इसमें से 393804 पद यूपी और बिहार में खाली हैं। इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश  में जहां शिक्षकों के 180998 पद खाली पड़े हैं (कुल स्वीकृत पदों का 31.22 फीसदी), वहीं दूसरी तरफ इस राज्य में 78 हजार 372 शिक्षक बिना किसी जरूरत स्कूलों में तैनात हैं। शिक्षकों की कमी के चलते राज्य के 90 फीसदी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम तीन विषयों के शिक्षक मौजूद नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के 41 फीसदी प्राथमिक स्कूलों और 42 फीसदी उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक-शिष्य अनुपात बुरी तरह बिगड़ा हुआ है। 

झारखंड: 37.62 फीसदी पद खाली

झारखंड में एलिमेंटरी शिक्षकों के 37.62 फीसदी पद खाली पड़े हैं। इसी तरह, बिहार में शिक्षकों के 212806 पद खाली हैं, जो कि  कुल स्वीकृत पदों का 35.91 फीसदी है। शिक्षकों की कमी के चलते 37.5 फीसदी उच्च प्राथमिक स्कूलों में कोई भी विषय शिक्षक  नहीं हैं।

हरियाणा : नियुक्ति के मामले में स्थिति बेहतर

खराब लैंगिक अनुपात के लिए बदनाम हरियाणा शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में गुजरात और महाराष्ट्र से आगे है और केरल-तमिलनाडु जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों की बराबरी कर रहा है। यहां के आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के मात्र 3.33 फीसदी पद ही खाली पड़े हैं।

हिंदी भाषी राज्यों में आठवीं तक के सरकारी स्कूलों की स्थिति

राज्य       स्वीकृत पद     खाली पद    फीसदी
यूपी          579622        180998       31.22
बिहार       592541         212806      35.91
झारखंड    186865        70296         37.62
छत्तीसगढ़    163728      38592         23.57
मध्यप्रदेश    363099      74355         20.47
उत्तराखंड    46053       7005           15.21
राजस्थान    283416      36589         12.90
हरियाणा    66131        2203             3.33

गैर-हिंदीभाषी राज्यों की स्थिति

राज्य      स्वीकृत पद    खाली पद    फीसदी
केरल         126382    1371          1.08
तमिलनाडु   147913    2362          1.59
गुजरात       217106    4219          1.94
कर्नाटक    182783    11774          6.44
महाराष्ट्र     324801    23563          7.25

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