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हाईकोर्ट ने बीएड धारक शिक्षकों की वेतन वृद्धि संबंधी वेतन विसंगति तीन महीने में निपटाने के आदेश दिए

राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर खंडपीठ ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2006 में बीएड योग्यता धारक शिक्षकों की वेतन वृद्धि संबंधी वेतन विसंगति का निपटारा करने के आदेश दिए हैं।
न्यायालय ने राज्य सरकार को 3 माह की अवधि में इन शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि का काल्पनिक लाभ देने का आदेश दिया।

न्यायालय ने कहा है कि इस अवधि में याचिका कर्ताओं को राहत नहीं मिले तो वे नए सिरे से अदालत में याचिका दायर कर सकते हैं। जस्टिस पुष्पेंद्रसिंह भाटी ने यह आदेश बशीर अहमद सहित 55 अन्य शिक्षकों की याचिका का निपटारा करते हुए दिया। अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि अदालत ने कहा एक साथ भर्ती होने के बावजूद वेतन में अंतर नहीं हो सकता। आरपीएससी ने 2006 में 28 हजार से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती की थी।

जिसमें बीएसटीसी योग्यताधारी शिक्षकों को माह सितंबर 2007 में राजकीय विद्यालयों में नियुक्ति दी गई लेकिन बीएड योग्यताधारी शिक्षकों को राजकीय उप्रा विद्यालयों में नियुक्ति 4 माह बाद जनवरी 2008 में दी गई। पहले नियुक्ति होने के कारण बीएसटीसी योग्यताधारी शिक्षकों को पहली वेतन वृद्धि 2 वर्ष परीवीक्षा काल पूरा होने पर एक जुलाई 2010 को मिल गई जबकि बीएड योग्यताधारी शिक्षकों को 1 जुलाई 2011 को मिली। न्यायालय ने बीएसटीसी शिक्षकों के समान ही वेतन वृद्धि का काल्पनिक लाभ देने के आदेश दिए हैं। विभिन्न याचिकाओं में पूर्व में हाईकोर्ट जोधपुर ने निस्तारण करते हुए शिक्षकों के पक्ष में आदेश दिए थे लेकिन राज्य सरकार व शिक्षा विभाग ने अभी तक ये आदेश लागू नहीं किए हैं।

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