भास्कर संवाददाता | डूंगरपुर/पूंजपुर शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति को खत्म करने के लिए शिक्षा निदेशक ने
हर तीन माह में आदेश जारी कर रखा है। इसके बावजूद शिक्षा अधिकारी शिक्षकों
की प्रतिनियुक्ति कर रहे है।
इसके लिए शिक्षा अधिकारी संबंधित पीईईओ, सीबीईओ और अन्य अधिकारियों को पत्र जारी कर प्रतिनियुक्ति आदेश को लागू करने की बात कह रहे है। वही शिक्षक की प्रतिनियुक्ति से संबंधित स्कूल की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
सरकारी स्कूलों में पिछले तीन वर्ष से शाला दर्शन पोर्टल के माध्यम से सारी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। इसके तहत नामांकन, पद और उसके आधार पर नियुक्ति देने का कार्य भी सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाता है। शाला दर्शन पोर्टल में प्रत्येक स्कूल का पोर्ट फोलियो बना हुआ है। जहां पर बच्चों का नामांकन डालने के बाद ऑटोमेटिक पद स्वीकृत होता है। ऐसे में शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को लाभ देने के लिए सीधे प्रतिनियुक्ति के आदेश जारी कर रहे है। वही प्रतिनियुक्ति होने वाले शिक्षक अभी तक पुरानी स्कूल के पीईईओ से भुगतान प्राप्त कर रहे है। ऐसे में प्रतिनियुक्ति में जाने वाले शिक्षक को अपना वेतन मूल स्कूल से ही उठाना पड़ता है।
केस नंबर 1. साबला से सीधा झौथरी
राउप्रावि गडादासुंदी साबला में करीब 172 बच्चों का नामांकन है। यहां पर कार्यरत शिक्षक भीमचंद कटारा ने अपनी प्रतिनियुक्ति 15 दिन के लिए राउप्रावि भीलवा पंचेला झौथरी में करवा दिया। इसके लिए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक से आदेश क्रमांक 2019/1006 से निकला है। इस आदेश में केवल 15 दिन डेपुटेशन करने के आदेश है। इसके बावजूद अभी तक शिक्षक मूल स्कूल नहीं पहुंचा है। इसके बाद 5 जुलाई 2019 को पुन: साबला ब्लॉक ने शिक्षक का प्रतिनियुक्ति निरस्त कर मूल स्कूल में जाने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद शिक्षक अपने मूल स्कूल में आज तक नहीं पहुंचा है।
केस नंबर 2. साबला से आसपुर
राप्रावि दंडफला रायकी के शिक्षक देवीसिंह चुंडावत ने शिक्षण व्यवस्था के तहत अपनी प्रतिनियुक्ति राउप्रावि आसपुर में करा दी। इसके लिए भी जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक मुख्यालय से आदेश क्रमांक 2019/147 जारी किया गया। इसमें शिक्षक व्यवस्था का हवाला दिया गया है।
इसके लिए शिक्षा अधिकारी संबंधित पीईईओ, सीबीईओ और अन्य अधिकारियों को पत्र जारी कर प्रतिनियुक्ति आदेश को लागू करने की बात कह रहे है। वही शिक्षक की प्रतिनियुक्ति से संबंधित स्कूल की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
सरकारी स्कूलों में पिछले तीन वर्ष से शाला दर्शन पोर्टल के माध्यम से सारी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। इसके तहत नामांकन, पद और उसके आधार पर नियुक्ति देने का कार्य भी सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाता है। शाला दर्शन पोर्टल में प्रत्येक स्कूल का पोर्ट फोलियो बना हुआ है। जहां पर बच्चों का नामांकन डालने के बाद ऑटोमेटिक पद स्वीकृत होता है। ऐसे में शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को लाभ देने के लिए सीधे प्रतिनियुक्ति के आदेश जारी कर रहे है। वही प्रतिनियुक्ति होने वाले शिक्षक अभी तक पुरानी स्कूल के पीईईओ से भुगतान प्राप्त कर रहे है। ऐसे में प्रतिनियुक्ति में जाने वाले शिक्षक को अपना वेतन मूल स्कूल से ही उठाना पड़ता है।
केस नंबर 1. साबला से सीधा झौथरी
राउप्रावि गडादासुंदी साबला में करीब 172 बच्चों का नामांकन है। यहां पर कार्यरत शिक्षक भीमचंद कटारा ने अपनी प्रतिनियुक्ति 15 दिन के लिए राउप्रावि भीलवा पंचेला झौथरी में करवा दिया। इसके लिए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक से आदेश क्रमांक 2019/1006 से निकला है। इस आदेश में केवल 15 दिन डेपुटेशन करने के आदेश है। इसके बावजूद अभी तक शिक्षक मूल स्कूल नहीं पहुंचा है। इसके बाद 5 जुलाई 2019 को पुन: साबला ब्लॉक ने शिक्षक का प्रतिनियुक्ति निरस्त कर मूल स्कूल में जाने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद शिक्षक अपने मूल स्कूल में आज तक नहीं पहुंचा है।
केस नंबर 2. साबला से आसपुर
राप्रावि दंडफला रायकी के शिक्षक देवीसिंह चुंडावत ने शिक्षण व्यवस्था के तहत अपनी प्रतिनियुक्ति राउप्रावि आसपुर में करा दी। इसके लिए भी जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक मुख्यालय से आदेश क्रमांक 2019/147 जारी किया गया। इसमें शिक्षक व्यवस्था का हवाला दिया गया है।
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