राजस्थान शिक्षा विभाग में वर्षों से कार्यरत व्यावसायिक शिक्षक फिर से खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। प्लेसमेंट एजेंसी ने प्रशिक्षकों का टेंडर 30 जून को समाप्त कर दिया। जिससे करीब 700 लोगों को बेरोजगार हो गए। साथ ही, व्यावसायिक शिक्षा वाले बच्चों का भविष्य अंधरे में डाल दिया है।
राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शक्तिसिंह ने बताया कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान तहत संचालित राजकीय विद्यालयों में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों को एजेंसियां परेशान करती हैं। शिक्षकों का वेतन तक नहीं दिया है।
मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में प्लेसमेंट एजेंसियों को हटाकर सरकारी कंपनी के गठन की घोषणा की गई, जो अब तक लागू नहीं हुई, जिससे शिक्षक लगातार कई सालों से शोषित हो रहे हैं। उपाध्यक्ष भगवंत डांगी ने बताया कि शिक्षक और बच्चों की समस्या का समाधान करवाया जाए।
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