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राजस्थान यूनिवर्सिटी में प्राेफेसर, एसोसिएट अाैर असिस्टेंट प्रोफेसर्स के करीब 415 पद खाली

जयपुर | राजस्थान यूनिवर्सिटी में इस साल 20 प्रतिशत सीटाें का इजाफा होने से छात्रों की संख्या ताे 30 हजार के करीब पहुंच गई। लेकिन शिक्षकों की कमीं खल रही है। अब यूनिवर्सिटी इस कमी काे पूरा करने के लिए गेस्ट फेकल्टी का सहारा ले रही है।
यूनिवर्सिटी ने इस सेशन में कॉलेजों अाैर विभागों में मिलाकर करीब 250 गेस्ट फेकल्टी काे पढ़ाने के लिए अप्रूवल दे दी है। यूनिवर्सिटी के महाराजा, महारानी, कॉमर्स अाैर राजस्थान काॅलेज में मिलाकर करीब 195 गेस्ट फेकल्टी पढ़ा रहे हैं। राजस्थान यूनिवर्सिटी में प्राेफेसर, एसोसिएट अाैर असिस्टेंट प्रोफेसर्स के 900 से ज्यादा पद सेंक्शन हैं। लेकिन उनमें से करीब 415 ताे खाली पड़े हैं। इससे शिक्षा अाैर शाेध में नुकसान हाे रहा है।
यूनिवर्सिटी में सेल्फ फाइनेंस स्कीम (एसएफएस) में चलने वाले लगभग सभी काेर्स गेस्ट फेकल्टी के सहारे ही चल रहे हैं। यूनिवर्सिटी में गेस्ट फेकल्टी काे पढ़ाने के लिए 500 रुपए प्रति कालांश के दिये जाते हैं। लेकिन महीने में 25 हजार रुपए से ज्यादा का भुगतान नही कर सकते। इसके अलावा गेस्ट फेकल्टी की यूजीसी द्वारा निर्धारित योग्यता हाेनी चाहिए। यूनिवर्सिटी, कॉलेजों से रिटायर्ड शिक्षकों काे गेस्ट रखा जाता है।

शिक्षकाें के 415 पद खाली--

राजस्थान यूनिवर्सिटी में प्राेफेसर, एसोसिएट अाैर असिस्टेंट प्रोफेसर्स के 900 से ज्यादा पद सेंक्शन हैं। लेकिन उनमें से करीब 415 ताे खाली पड़े हैं। इससे शिक्षा अाैर शाेध में नुकसान हाे रहा है। यूजीसी के नियमों की मानी जाए ताे यूनिवर्सिटी में छात्र- शिक्षक अनुपात 1:20 हाेना चाहिए लेकिन यहां 1:60 हाे गया है। पिछले साल भी यूनिवर्सिटी ने शिक्षकों की भर्ती की थी। लेकिन उसमें भी प्रोफेसर ताे एक भी नही लिये गए। अब यूनिवर्सिटी का कहना है कि सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही भर्ती की जा सकती है।

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