राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार से वर्तमान
शिक्षा के ढांचे, वर्तमान पाठ्यक्रम व शिक्षकों की वेतन भुगतान की
प्रक्रिया में बदलाव करने, गत सरकार ने एकीकरण में बंद किए
स्कूलों का पुनः संचालन कराने शिक्षक स्थानांतरण में राजनैतिक हस्तक्षेप बंद कर तबादला नीति तय कर जल्द विभागीय आधार पर आवेदन पत्र लेकर स्थानांतरण शुरू करने की मांग की। साथ ही तबादलों माध्यमिक स्कूलों से प्रारंभिक एवं प्रारंभिक से माध्यमिक में स्थानांतरित होने का विकल्प देने तथा बाहरी एवं प्रतिबंधित जिलों में कार्यरत शिक्षकों को उनके गृह जिलों में स्थानांतरित करने की मांग की है।
संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को प्रेषित मांग पत्र में पिछली भाजपा सरकार में शिक्षा विभाग लागू पीईईओ, सीबीईओ, सीडीईओ बनाने के वर्तमान ढांचे की पुनः समीक्षा कर बदलाब करने, थर्ड से सैकंड ग्रेड प्रमोशन के नियमों में बदलाव कर वरिष्ठ अध्यापक पद पर एक सात विषयों के फार्मूले में बदलाब कर संख्यात्मक आधार पर वर्षो से सामाजिक विज्ञान, हिंदी, कॉमर्स, कृषि स्नातक शिक्षकों को विशेष अवसर देते हुए मिडिल स्कूल प्रधानाध्यापक एवं हैड टीचर के रूप में पदोन्नत करने, प्राथमिक शिक्षा में लागू सीसीई योजना को बंद कर परीक्षा आधारित पाठ्यक्रम लागू करने, समुदाय की भागीदारी के लिए मजरा दाणियों पर बालसभा आयोजित करने के निर्णय में बदलाव कर स्कूल कैम्पस में ही बालसभा आयोजित कराने, गत सरकार के दौरान प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को 6 डी का नाम देकर जबरन सैटअप परिवर्तन कर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में समायोजित करने की तानाशाही पूर्ण प्रक्रिया पर रोक लगाते हुये पहले की भांति विकल्प पत्र लेकर वरीयतानुसार स्वैच्छिक आधार शिक्षकों को प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक स्कूलों में लगाने, प्रबोधकों का पद नाम अध्यापक करते हुए मिडिल एंव माध्यमिक स्कूलों में वरिष्ठ प्रबोधक के पद सृजित कर पदोन्नत करने की ही मांग की है। जिलाध्यक्ष राजेश ने ज्ञापन में बताया कि पिछली सरकार ने एक तरफ पंचायत के उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्रिंसीपल को पीईईओ बना कर पंचायत के पीएस व यूपीएस स्कूलों की मॉनिटरिंग व वेतन आहरण के अधिकार दे दिए थे।नई व्यवस्था में शिक्षकों को दोहरी व्यवस्था में कार्य कर उत्पीड़न बढा है समय पर वेतन भी नहीं मिल रहा है।
शिक्षा की बेहतरी के लिए एकीकृत माध्यमिक स्कूलों से प्राथमिक स्कूल अलग संचालित हों : शर्मा
जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ज्ञापन में लिखा है कि पिछली सरकार के दौरान वर्षो से गांव शहरों में पृथक रूप रूप से संचालित प्राथमिक व मिडिल स्कूलों को माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में मर्ज कर दिया। इन स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों की बेकदरी हो रही है। उनकी शिक्षण व्यवस्था पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे बच्चों की नींव ही कमजोर हो रही है और बड़े बच्चों के साथ पढ़ने से बालमन पर विपरीत असर पढ़ रहा है। संघ ने सरकार से नौनिहालों के बाल मनोविज्ञान को देखते हुए व शिक्षा की बेहतरी के लिए एकीकृत माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों से कक्षा 1से 5 तक कि कक्षाओं के लिए पहले की भांति प्राथमिक विद्यालय पृथक संचालित किए जाने की मांग की।
स्कूलों का पुनः संचालन कराने शिक्षक स्थानांतरण में राजनैतिक हस्तक्षेप बंद कर तबादला नीति तय कर जल्द विभागीय आधार पर आवेदन पत्र लेकर स्थानांतरण शुरू करने की मांग की। साथ ही तबादलों माध्यमिक स्कूलों से प्रारंभिक एवं प्रारंभिक से माध्यमिक में स्थानांतरित होने का विकल्प देने तथा बाहरी एवं प्रतिबंधित जिलों में कार्यरत शिक्षकों को उनके गृह जिलों में स्थानांतरित करने की मांग की है।
संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को प्रेषित मांग पत्र में पिछली भाजपा सरकार में शिक्षा विभाग लागू पीईईओ, सीबीईओ, सीडीईओ बनाने के वर्तमान ढांचे की पुनः समीक्षा कर बदलाब करने, थर्ड से सैकंड ग्रेड प्रमोशन के नियमों में बदलाव कर वरिष्ठ अध्यापक पद पर एक सात विषयों के फार्मूले में बदलाब कर संख्यात्मक आधार पर वर्षो से सामाजिक विज्ञान, हिंदी, कॉमर्स, कृषि स्नातक शिक्षकों को विशेष अवसर देते हुए मिडिल स्कूल प्रधानाध्यापक एवं हैड टीचर के रूप में पदोन्नत करने, प्राथमिक शिक्षा में लागू सीसीई योजना को बंद कर परीक्षा आधारित पाठ्यक्रम लागू करने, समुदाय की भागीदारी के लिए मजरा दाणियों पर बालसभा आयोजित करने के निर्णय में बदलाव कर स्कूल कैम्पस में ही बालसभा आयोजित कराने, गत सरकार के दौरान प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को 6 डी का नाम देकर जबरन सैटअप परिवर्तन कर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में समायोजित करने की तानाशाही पूर्ण प्रक्रिया पर रोक लगाते हुये पहले की भांति विकल्प पत्र लेकर वरीयतानुसार स्वैच्छिक आधार शिक्षकों को प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक स्कूलों में लगाने, प्रबोधकों का पद नाम अध्यापक करते हुए मिडिल एंव माध्यमिक स्कूलों में वरिष्ठ प्रबोधक के पद सृजित कर पदोन्नत करने की ही मांग की है। जिलाध्यक्ष राजेश ने ज्ञापन में बताया कि पिछली सरकार ने एक तरफ पंचायत के उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्रिंसीपल को पीईईओ बना कर पंचायत के पीएस व यूपीएस स्कूलों की मॉनिटरिंग व वेतन आहरण के अधिकार दे दिए थे।नई व्यवस्था में शिक्षकों को दोहरी व्यवस्था में कार्य कर उत्पीड़न बढा है समय पर वेतन भी नहीं मिल रहा है।
शिक्षा की बेहतरी के लिए एकीकृत माध्यमिक स्कूलों से प्राथमिक स्कूल अलग संचालित हों : शर्मा
जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ज्ञापन में लिखा है कि पिछली सरकार के दौरान वर्षो से गांव शहरों में पृथक रूप रूप से संचालित प्राथमिक व मिडिल स्कूलों को माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में मर्ज कर दिया। इन स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों की बेकदरी हो रही है। उनकी शिक्षण व्यवस्था पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे बच्चों की नींव ही कमजोर हो रही है और बड़े बच्चों के साथ पढ़ने से बालमन पर विपरीत असर पढ़ रहा है। संघ ने सरकार से नौनिहालों के बाल मनोविज्ञान को देखते हुए व शिक्षा की बेहतरी के लिए एकीकृत माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों से कक्षा 1से 5 तक कि कक्षाओं के लिए पहले की भांति प्राथमिक विद्यालय पृथक संचालित किए जाने की मांग की।
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