जांच के नाम पर राजस्थान यूनिवर्सिटी में 2018 में भर्ती 147 शिक्षकों का स्थायीकरण अटका हुआ है, जबकि राजभवन ने ये क्लीयर कर दिया है कि वहां कोई मामला पेंडिंग नहीं है। इसी तरह यूनिवर्सिटी सालों से अटके 272 शिक्षकों के प्रमोशन को भी क्लीयर नहीं कर रही है। उसमें भी राज्य सरकार ने फरवरी में ही सशर्त मंजूरी दे दी थी।
दोनों मामले अटकने से यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक वातावरण बिगड़ रहा है। आए दिन शिक्षक धरने दे रहे हैं। इसी दौरान यूनिवर्सिटी में हुए रजिस्ट्रार शिक्षक विवाद मामले की जांच सरकार द्वारा गठित 3 सदस्यीय कमेटी कर रही है। जो इस सप्ताह में रिपोर्ट देगी।
यह था मामला
जब प्रो. आर के कोठारी कुलपति थे तब यूनिवर्सिटी में मई 2018 में भर्तियां हुई थी। सीधी भर्ती से 147 असिस्टेंट व एसोसिएट प्रोफेसर भर्ती हुए थे। 2 साल बाद इनका प्रोबेशन पीरियड पूरा हो गया। अब करीब 5 महीने बीतने के बाद भी यूनिवर्सिटी ने इनका स्थायीकरण नही किया है। जबकि सभी विभागों ने कंफर्मेशन रिपोर्ट भेज दी है।
मामले का निस्तारण हुआ
राज्यपाल
के सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि पूर्व कुलपति के कार्यकाल के दौरान
अनियमितताओं की शिकायतों की जांच कराई गई थी। मामले का निस्तारण हो चुका
है। शिक्षकों की अपॉइंटिंग अथॉरिटी यूनिवर्सिटी है, इसलिए नियमानुसार
कार्रवाई करे।
राजभवन से मिली हरी झंडी
- शिक्षकों के स्थायीकरण के मामले में राजभवन से अब पत्र मिला है। हरी झंडी मिल गई है, हम जल्दी ही कार्रवाई करेंगे। - प्रो. राजीव जैन, कुलपति
क्या कहते हैं रजिस्ट्रार हरफूल सिंह
Q. मामला राजभवन और एसीबी में पेंडिंग है ?
A. हमने ही राजभवन से प्रत्युत्तर प्राप्त करने के लिए लिखा था। अब राजभवन से पत्र मिला है कि मामले का निस्तारण हो चुका है।
Q. शिक्षक भर्ती से जुड़ा मामला एसीबी में अगर पेंडिंग है तो क्या कार्रवाई चल रही है?
A. एसीबी ने हमसे भर्ती से जुड़े दस्तावेज मांगे थे, जो उपलब्ध करा दिए। फिलहाल कम्युनिकेशन नही है।
Q. भर्ती में अनियमितताओं की क्या शिकायतें थी?
A. स्कोर, योग्यता संबंधी शिकायतें थी। जैसे कम योग्यता वालों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना।
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