प्रदेश के युवाओं को अब राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) का इंतजार है। कोरोना के चलते सरकार इसका आयोजन नहीं कर पा रही है। इस बीच ही पिछले आरटेट-रीट के प्रमाण पत्रों की वैधता ही खत्म हो गई। अब तक दो बार आरटेट, दो बार रीट हो चुकी है। इन चारों परीक्षाओं में 12,61,258 अभ्यर्थियों ने शिक्षक पात्रता प्राप्त की थी।
इनमें से अब तक 9,43,191 रीट-आरटेट के प्रमाण पत्रों की वैधता अवधि समाप्त हो चुकी है। इनमें से भी 7.50 लाख प्रमाण पत्रों की अवधि तो इसी साल अगस्त में समाप्त हुई है। ऐसे में ये उम्मीदवार सीधे तौर पर शिक्षक भर्ती से बाहर हो जाएंगे। इधर, हरियाणा सरकार ने वहां शिक्षक पात्रता के प्रमाण पत्रों की अवधि को पिछले दिनों एक साल बढ़ाकर वहां के लाखों अभ्यर्थियों को राहत दी है।
अगर राजस्थान सरकार भी यही तरीका अपनाती है तो प्रदेश के 9.43 लाख अभ्यर्थियों को राहत मिल सकती है। वैधता अवधि बढ़ने पर भविष्य में होने वाली 31 हजार पदों की शिक्षक भर्ती में पुराने प्रमाण पत्रों से ही पात्रता प्राप्त बेरोजगार शिक्षक शामिल हो सकेंगे। प्रमाण पत्रों की वैधता अवधि बढ़ने पर रीट में उच्च अंक प्राप्त कई बेरोजगार रीट में शामिल नहीं होंगे। इससे रीट में अभ्यर्थियों की भीड़ कम होने की भी संभावना रहेगी।
वैधता अवधि बढ़ने पर इन्हें मिल सकती है राहत
इनके प्रमाण पत्र अगले साल हो जाएंगे रद्द
रीट
2017 में लेवल वन के 64828 प्रमाण पत्र अगले साल 10 अप्रैल 2021 को और
लेवल टू के 233239 प्रमाण पत्र अगले साल 30 जुलाई 2021 को रद्द हो जाएंगे।
इससे पहले ही सरकार को शिक्षक भर्ती निकालनी चाहिए, ताकि इन प्रमाण पत्र
धारकों को राहत मिल सके।
- हम सरकार से रीट-आरटेट के प्रमाण पत्रों की अवधि 2021 तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने ऐसा कर भी दिया है। प्रमाण पत्रों की अवधि बढ़ने से रीट में अभ्यर्थियों की संख्या कम होने से कोरोनाकाल में सरकार को राहत मिलेगी। - दीपेंद्र शर्मा, अध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार संघ
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