शिक्षा विभाग में शाला दर्पण पर होने वाली ऑनलाइन अटेंडेंस के बाद हाजिरी को लेकर नया फरमान जारी हुआ है। अब जिले के करीब 15 हजार शिक्षकों को ऑनलाइन उपस्थिति शाला दर्पण में करने के साथ उपस्थिति पंजिका में अपने हस्ताक्षर कर संबंधित पीईईओ को भेजनी होगी। गंभीर बात यह है कि यह विभागीय निजता को सार्वजनिक करने की श्रेणी में आता है।
चूंकि एक शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करवाने के बाद ऑफलाइन अपनी उपस्थिति देकर उसकी फोटो सोशल मीडिया से किसी को भेजेगा तो संबंधित स्कूल और शिक्षक की सारी जानकारी किसी अन्य व्यक्ति के पास भी जाने की संभावना रहेगी। यही वजह है कि अब संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा ने शिक्षकों की ऑफलाइन उपस्थिति फोटो खींचकर उसको सोशल मीडिया से पीईईओ को भेजने के आदेश दिए हैं।
जब विभागीय अधिकारी अटेंडेंस ऑनलाइन देख सकते हैं तो ऑफलाइन क्यों?
राजस्थान
शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश उपाध्यक्ष रूपाराम रलिया का कहना है कि
शिक्षा विभाग ने ऑफलाइन अटेंडेंस का नियम तीन साल पहले समाप्त कर दिया और
निदेशक माध्यमिक ने आदेश दे रखे है कि शिक्षकों को अपनी उपस्थिति ऑनलाइन ही
करनी है। ऐसे में ऑफलाइन उपस्थिति के इस आदेश का कोई औचित्य नहीं रहता है।
इसके विरोध में हमने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
समय की बर्बादी और शिक्षकों की परेशानी
पहले
ऑनलाइन और अब ऑफलाइन उपस्थिति। दोनों अटेंडेंस साथ में करने से एक शिक्षक
को 10-15 मिनट का समय लगता है और विभागीय आदेशों के तहत स्कूल में शिक्षकों
को देरी से आने की दस मिनट तक की छूट दी गई है और यह उपस्थिति साढ़े सात
बजे स्कूल में आने के बाद आठ बजे से पहले भेजनी होगी।
स्कूलों में सुबह नौ बजे शुरू होता है स्माइल प्रोग्राम
राजस्थान
प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष तुलसीराम सोनी ने एडीएम
मदनलाल नेहरा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर बताया कि सरकारी स्कूलों
में अभी कोरोना को देखते हुए सुबह नौ बजे स्माइल प्रोग्राम के माध्यम से
ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होती है, जबकि संभागीय आयुक्त पाली जिले की एक सरकारी
स्कूल में सुबह साढ़े आठ बजे पहुंचे थे। ऐसे में उनको लगा कि टीचर पढ़ाई नहीं
करवा रहे हैं, जबकि वहां ऐसा कुछ नहीं था। ज्ञापन देने गए प्रतिनिधिमंडल
में खेमराज मीणा, भंवरसिंह राठौड़, मोहम्मद अली शेख, सहीराम विश्नोई,
शंकरलाल खदाव, श्याम सुंदर भांभू आदि शिक्षक उपस्थित थे।
इसलिए किया यह आदेश
गत सप्ताह संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने पाली जिले की एक स्कूल का दौरा किया था। वहां एक वीडियो भी वायरल हुआ, जो शिक्षक वर्ग में चर्चा का विषय बना हुआ है। शिक्षकों में संभागीय आयुक्त के इस दौरे में वीडियो में कहे जाने वाले शब्दों को लेकर रोष भी है। इधर संभागीय आयुक्त के औचक निरीक्षण को लेकर संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा प्रेमचंद सांखला ने यह आदेश जारी किए हैं।
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