शिक्षक बनने का सपना देख रहे प्रदेश के 10 लाख से अधिक बेरोजगार राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के आयोजन का इंतजार कर रहे हैं। ना तो रीट के सिलेबस में कोई बदलाव है और ना ही इसके परीक्षा पैटर्न में। इसके बावजूद सरकार रीट का आयोजन नहीं कर रही है।
इसको लेकर बेरोजगारों में भारी आक्रोश है। पहले 2 सितंबर को रीट का आयोजन प्रस्तावित था। लेकिन कोरोना के चलते सरकार ने इसके आयोजन की प्रक्रिया शुरू नहीं की। बेरोजगारों का कहना है कि अब जब सभी प्रकार की परीक्षाएं आयोजित हो रही है तो फिर सरकार को रीट का आयोजन भी जल्दी से जल्दी कर लेना चाहिए।
प्रदेश में अभी केवल 3.18 लाख ही रीट-आरटेट योग्यताधारी बचे हैं। साढ़े नौ लाख रीट-आरटेट के प्रमाण पत्रों की वैधता अवधि तो पहले ही समाप्त हो चुकी है। रीट के बाद प्रदेश में 31 हजार पदों पर तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती प्रस्तावित है।
शिक्षक भर्ती का पैटर्न बना मुसीबत, इसी के चलते रीट में देरी
जानकारों
का कहना है कि सरकार रीट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर सकती। लेकिन इस
बार शिक्षक भर्ती के पैटर्न में बदलाव प्रस्तावित है। इसमें सरकार यह तय
नहीं कर पा रही है कि रीट के बाद शिक्षक भर्ती के लिए अलग से परीक्षा कराई
जाए या वर्तमान में लागू प्रक्रिया में रीट और स्नातक के अंकों के वेटेज
में बदलाव किया जाए। शिक्षक भर्ती के पैटर्न के चक्कर में रीट का आयोजन
अटका हुआ है।
रीट प्रक्रिया शुरू हो तो भी मिल जाएगा शिक्षक भर्ती पैटर्न तय करने का समय
बेरोजगारों का कहना है कि सरकार रीट का आयोजन शुरू करे तो भी शिक्षक भर्ता का पैटर्न तय करने के लिए चार महीने से अधिक का समय मिल जाएगा। क्योंकि रीट की प्रक्रिया के बाद तीन महीने में तो रीट की परीक्षा होगी। इसके करीब एक महीने बाद परिणाम जारी होगा। शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया तो रीट के परिणाम के बाद शुरू होगी। ऐसे में तब तक शिक्षक भर्ती का पैटर्न तय कर लिया जाए। रीट में अनावश्यक देरी नहीं की जाए।
शिक्षामंत्री ने कहा था: 3 माह का समय देंगे अभ्यर्थी को
शिक्षामंत्री
गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि रीट का प्रक्रिया शुरू होने के बाद
अभ्यर्थियों को परीक्षा के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा। अगर इसके आधार
पर गणना की जाए तो इस महीने प्रक्रिया शुरू होने पर भी अगले साल जनवरी में
ही परीक्षा हो सकती है। हालांकि इसके आसार अभी नहीं लग रहे।
पहले 2 अगस्त फिर 2 सितंबर को था आयोजन
सरकार
ने दिसंबर में 2 अगस्त को रीट के आयोजन की घोषणा की थी। फिर इस साल अप्रैल
में इसको 2 सितंबर कर दिया। लेकिन 2 सितंबर को भी परीक्षा नहीं हो पाई और
इसकी तिथि भी नहीं बताई।
साढ़े नौ लाख रीट-आरटेट प्रमाण पत्र रद्द
राजस्थान
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा अब तक दो बार आरटेट, दो बार रीट हो चुकी है।
इनमें 12,61,258 अभ्यर्थियों ने शिक्षक पात्रता प्राप्त की थी। 9,43,191
के प्रमाण पत्रों की वैधता अवधि खत्म होने के बाद अब 3,18,067 अभ्यर्थियों
के पास रीट-आरटेट की योग्यता रह गई है।
- शिक्षक भर्ती के पैटर्न के चक्कर में रीट का आयोजन अटका रखा है। जबकि रीट के सिलेबस और पैटर्न में किसी प्रकार का बदलाव नहीं है। इसलिए सरकार को इसका आयोजन जल्दी कर लेना चाहिए। रीट का परिणाम आने तक शिक्षक भर्ती का पैटर्न भी तय कर लिया जाए। - उपेन यादव, संयोजक, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
- पिछले दिनों रीट को लेकर मीटिंग हुई थी। लेकिन अभी तक रीट के आयोजन को लेकर सरकार से बोर्ड के पास कोई निर्देश नहीं आए हैं। निर्देश मिलने के बाद बोर्ड तय समय में रीट की प्रक्रिया को पूरा कर देगा। - अरविंद कुमार सेंगवा, सचिव, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
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