सीकर. प्रदेश के बीएड व बीएसटीसी पास युवाओं के लिए राहतभरी खबर है। एनसीटीई के शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्रों की वैधता ताउम्र रखने के प्रस्ताव से बेरोजगारों में नौकरी की आस और जग गई है।
रीट व सीटेट सहित अन्य राज्यों की भी शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्रों की वैधता को लेकर एनसीटीई की 50 वीं साधारण सभा की बैठक में निर्णय लिया गया है। बैठक में सदस्यों ने नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए बीएड व बीएसटीसी पास अभ्यर्थियों को यह राहत दी है। इससे देशभर में शिक्षक भर्ती की परीक्षाओं की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों को बार-बार शिक्षक पात्रता परीक्षा देने से छुटकारा मिल सकेगा। नए नियमों के तहत अब अभ्यर्थी द्वारा एक बार टेट या अन्य शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उसकी सात साल वैधता होने की बजाय लाइफटाइम वैधता रहेगी। वह इसी प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक भर्तियों में शामिल हो सकेगा। हालांकि अंक सुधार के लिए परीक्षा में शामिल होने पर पाबंदी नहीं रहेगी। एनसीटीई ने वर्ष 2011 में पहली बार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती से पहले बीएड एवं बीएसटीसी धारकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्र्तीर्ण करने की अनिवार्यता लागू की थी। एनसीटीई के बदले हुए नियम सभी राज्यों के बीएसटीसी व बीएड डिग्रीधारी युवाओं पर लागू होंगे।
इस साल हुए सात लाख प्रमाण पत्र रद्द
राजस्थान
शिक्षक पात्रता प्रमाण पत्र की सात साल की वैधता होने के कारण प्रदेश में
इस साल रीट/आरटेट के 7,49,992 प्रमाण पत्र रद्द हो गए। चार अगस्त को
2,01,392 और 31 जुलाई को 5,48,600 अभ्यर्थियों के प्रमाण-पत्रों की वैधता
खत्म हो गई थी। जबकि 1,93,199 अभ्यर्थियों के रीट प्रमाण पत्रों की वैधता
पिछले साल मई में ही खत्म हो गई थी। प्रदेश में अब तक 9,43,191 रीट/आरटेट
प्रमाण पत्र रद्द हो चुके हैं। चार बार हुई आरटेट/रीट में 12,61,258
अभ्यर्थियों ने शिक्षक पात्रता प्राप्त की थी। अब महज 3,18,067 अभ्यर्थियों
के पास ही पात्रता है। इनमें से भी लेवल वन के प्रमाण पत्रों की अगले साल
अप्रेल तक और लेवल टू के प्रमाण पत्रों की वैधता जुलाई 2021 तक रहेगी।
पहले सात और फिर तीन साल तय हुई वैधता
राज्य सरकार ने वर्ष 2011 और 2012 में
आयोजित आरटेट के प्रमाण पत्रों की वैधता अवधि सात साल और वर्ष 2015 और 2017
में हुई रीट के प्रमाण पत्रों की तीन साल तय थी।
रीट को लेकर अहम बैठक 26 को
रीट
भर्ती के सिलेबस निर्धारण सहित अन्य बिन्दुओं को लेकर 26 अक्टूबर को
शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में शिक्षा संकुल
में बैठक होगी। इसमें शिक्षा विभाग की प्रमुख शासन सचिव, शिक्षा निदेशक व
बोर्ड सहित अन्य अधिकारी शामिल होंगे। इसमें एनसीटीई के नए नियमों को लेकर
चर्चा होगी।
पिछले प्रमाण पत्रों को लेकर एनसीटीई लेगी राय
शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्रों को लेकर एनसीटीई की टीम विधिक राय लेगी। इसके बाद राज्य सरकारों को इस संबंध में लिखा जाएगा। यदि इस साल वैधता समाप्त होने की वजह से रद्द हुए प्रमाण पत्र बहाल होते हैं तो प्रदेश में 31 हजार शिक्षकों के लिए होने वाली थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में और ज्यादा मारामारी रहेगी।
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