राजस्थान सरकार निजी और सरकारी स्कूलों में तीसरी भाषा के तौर
पर चौथी से 10वीं कक्षा तक संस्कृत अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है.
फिलहाल राज्य के स्कूलों में बच्चों को संस्कृत, पंजााबी, गुजराती, उर्दू,
सिंधी और बंगाली में से किसी एक को तीसरी भाषा के तौर चुनने का विकल्प मिला
हुआ है.
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राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव, प्रारंभिक
शिक्षा निदेशक और एनसीटीई को नोटिस जारी कर कहा है कि तृतीय श्रेणी अध्यापक
भर्ती-2017 के लेवल-2 में स्नातक के समकक्ष पात्रता रखने वाले अभ्यर्थियों
को शामिल नहीं किया जाए।