जिलेके 127 स्कूल ऐसे हैं जहां पर शारीरिक शिक्षक मौजूद हैं, लेकिन इन
स्कूलों से एक भी खिलाड़ी किसी भी खेल के लिए तैयार नहीं है। इसका खुलासा
62 वीं जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के दौरान हुआ।
इसमें देखने में आया कि जिले के 127 स्कूल ऐसे हैं जहां पर शारीरिक शिक्षक मौजूद हैं और खेल मैदान भी हैं, लेकिन इन स्कूलों ने किसी भी खेल में टीमें नहीं भेजी हैं। इसको डीईओ माध्यमिक ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी संस्था प्रधानों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसमें सबसे अधिक स्कूल अकलेरा और पिड़ावा ब्लॉक के हैं। दरअसल जिले में शारीरिक शिक्षकों की काफी कमी चल रही है, लेकिन जिन स्कूलों में शारीरिक शिक्षक हैं वहां भी विद्यार्थियों को खेल से नहीं जोड़ा जा रहा है। इसी का नतीजा है कि जिले से स्कूली खेल प्रतिभाएं जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं से आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। जिले में माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में 1 सितंबर से 10 सितंबर तक खेल प्रतियोगिताएं हुईं। इसमें कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन, सॉफ्टबाल, कुश्ती, जूडो, वॉलीबाॅल, टेबल टेनिस, हॉकी, हैंडबाल, फुटबाल, जिम्नास्टिक, तैराकी, बॉस्केटबाल, लॉन टेनिस, क्रिकेट की प्रतियोगिताएं हुई हैं। इसके अतिरिक्त एथलेटिक्स प्रतियोगिताएं भी हुई थीं।
^ जिन स्कूलों में शारीरिक शिक्षक होने के बावजूद भी वहां से एक भी खेल में विद्यार्थी को नहीं भेजा गया। इसके लिए संस्था प्रधानों पर कार्रवाई की जाएगी। अभी प्रारंभिक तौर पर 127 संस्था प्रधानों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। सुरेंद्रसिंह गौड़, डीईओ माध्यमिक
इसमें देखने में आया कि जिले के 127 स्कूल ऐसे हैं जहां पर शारीरिक शिक्षक मौजूद हैं और खेल मैदान भी हैं, लेकिन इन स्कूलों ने किसी भी खेल में टीमें नहीं भेजी हैं। इसको डीईओ माध्यमिक ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी संस्था प्रधानों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसमें सबसे अधिक स्कूल अकलेरा और पिड़ावा ब्लॉक के हैं। दरअसल जिले में शारीरिक शिक्षकों की काफी कमी चल रही है, लेकिन जिन स्कूलों में शारीरिक शिक्षक हैं वहां भी विद्यार्थियों को खेल से नहीं जोड़ा जा रहा है। इसी का नतीजा है कि जिले से स्कूली खेल प्रतिभाएं जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं से आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। जिले में माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में 1 सितंबर से 10 सितंबर तक खेल प्रतियोगिताएं हुईं। इसमें कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन, सॉफ्टबाल, कुश्ती, जूडो, वॉलीबाॅल, टेबल टेनिस, हॉकी, हैंडबाल, फुटबाल, जिम्नास्टिक, तैराकी, बॉस्केटबाल, लॉन टेनिस, क्रिकेट की प्रतियोगिताएं हुई हैं। इसके अतिरिक्त एथलेटिक्स प्रतियोगिताएं भी हुई थीं।
^ जिन स्कूलों में शारीरिक शिक्षक होने के बावजूद भी वहां से एक भी खेल में विद्यार्थी को नहीं भेजा गया। इसके लिए संस्था प्रधानों पर कार्रवाई की जाएगी। अभी प्रारंभिक तौर पर 127 संस्था प्रधानों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। सुरेंद्रसिंह गौड़, डीईओ माध्यमिक
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