राजस्थानशिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ ने प्रबोधकों द्वारा 9 वर्ष का
सेवाकाल पूर्ण करने के बाद भी चयनित वेतनमान स्वीकृत नहीं किए जाने पर रोष
व्यक्त करते हुए शिक्षामंत्री एवं शिक्षा सचिव को ज्ञापन भेज कर एसीपी
स्वीकृत करने, वरिष्ठ प्रबोधकों के पद स्वीकृत कर शिक्षकों के समान
पदोन्नति के अवसर मुहैया कराते हुए स्पष्ट सेवा नियम दिशा निर्देश जारी किए
जाने की मांग की है।
संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने अलग अलग ज्ञापनों में लिखा है कि राज्य सरकार की ओर से राजस्थान पंचायती राज प्रबोधक भर्ती सेवा नियम 2008 बनाकर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पैराटीचर शिक्षाकर्मियों को प्रबोधकों के पदों पर नियुक्ति प्रदान की गई थी। जिसमें अगले चरण में वरिष्ठ पद पर पदोन्नति एंव शिक्षकों के समान 9, 18 27 वर्षीय चयनित वेतनमान दिया जाना था। प्रबोधकों का अलग कैडर होने के बावजूद तृतीय श्रेणी शिक्षकों के समान वेतन भत्ते सेवा नियम प्रभावी हो रहे हैं, लेकिन नियुक्ति के बाद विभाग की ओर से जिला परिषद एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रबोधक के सेवा नियमों में पदोन्नति, एसीपी देने तबादलों को लेकर कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं की गई। जिसके चलते डीईओ प्रारम्भिक की ओर से प्रबोधकों को 9 वर्षीय एसीपी स्वीकृत नहीं की जा रही है। जबकि एक अक्टूबर को सेवाकाल पूरा कर चुके। जिले के 500 के करीब प्रबोधक सम्बंधित बीईईओ कार्यालयों में प्रकरण जमा करा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
ज्ञापन में लिखा है कि यही नहीं सरकार की ओर से माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा में वरिष्ठ प्रबोधकों के पद आज तक स्वीकृत नहीं किए गए हैं और ही विभाग की ओर से अभी तक वरिष्ठता सूची बनाई जा रही है। इस कारण प्रबोधकों को पदोन्नति के वंचित होना पड़ रहा है। जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने राज्य सरकार को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि राजस्थान अधीनस्थ सेवा नियम 1971 के तहत पंचायत राज सेवा के शिक्षकों को 3 वर्ष की सेवा पूरी करने पर 6 डी के तहत सैटअप परिवर्तन में शामिल कर माध्यमिक शिक्षा में लेने का प्रावधान किया हुआ है। लेकिन प्रबोधकों को 9 वर्ष बाद भी सैटअप परिवर्तन से वंचित होना पड़ रहा है। जबकि प्रबोधकों द्वारा समय-समय पर इन मांगों के संदर्भ में सरकार को अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
संघ ने प्रबोधकों के सेवा नियमों में संशोधन कर एक अक्टूबर से 9 साल की सेवा पूर्ण करने वाले प्रबोधकों को प्रथम एसीपी स्वीकृत करने के स्पष्ट आदेश सभी जिला परिषदों को एवं जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक उपलब्ध कराने, इस कैडर को भी 6डी की प्रक्रिया में शामिल कर बीएड योग्यताधरी प्रबोधकों का द्वितीय लेवल निर्धारित करते हुए विषय अध्यापक के रूप में सेट अप परिवर्तन कराए जाने की मांग की है। संघ ने शिक्षामंत्री से प्रबोधकों के साथ बरते जा रहे भेदभाव को दूर करते हुए शिक्षकों के समान पदोन्नति के समान अवसर उपलब्ध कराते हुए प्रधानाध्यापक मिडिल स्कूल एवं माध्यमिक स्कूलों में वरिष्ठ प्रबोधक के नवीन पद सृजित कर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू कराए जाने तथा प्रबोधक की स्थानांतरण प्रक्रिया आरंभ करने की मांग की है।
संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने अलग अलग ज्ञापनों में लिखा है कि राज्य सरकार की ओर से राजस्थान पंचायती राज प्रबोधक भर्ती सेवा नियम 2008 बनाकर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पैराटीचर शिक्षाकर्मियों को प्रबोधकों के पदों पर नियुक्ति प्रदान की गई थी। जिसमें अगले चरण में वरिष्ठ पद पर पदोन्नति एंव शिक्षकों के समान 9, 18 27 वर्षीय चयनित वेतनमान दिया जाना था। प्रबोधकों का अलग कैडर होने के बावजूद तृतीय श्रेणी शिक्षकों के समान वेतन भत्ते सेवा नियम प्रभावी हो रहे हैं, लेकिन नियुक्ति के बाद विभाग की ओर से जिला परिषद एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रबोधक के सेवा नियमों में पदोन्नति, एसीपी देने तबादलों को लेकर कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं की गई। जिसके चलते डीईओ प्रारम्भिक की ओर से प्रबोधकों को 9 वर्षीय एसीपी स्वीकृत नहीं की जा रही है। जबकि एक अक्टूबर को सेवाकाल पूरा कर चुके। जिले के 500 के करीब प्रबोधक सम्बंधित बीईईओ कार्यालयों में प्रकरण जमा करा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
ज्ञापन में लिखा है कि यही नहीं सरकार की ओर से माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा में वरिष्ठ प्रबोधकों के पद आज तक स्वीकृत नहीं किए गए हैं और ही विभाग की ओर से अभी तक वरिष्ठता सूची बनाई जा रही है। इस कारण प्रबोधकों को पदोन्नति के वंचित होना पड़ रहा है। जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने राज्य सरकार को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि राजस्थान अधीनस्थ सेवा नियम 1971 के तहत पंचायत राज सेवा के शिक्षकों को 3 वर्ष की सेवा पूरी करने पर 6 डी के तहत सैटअप परिवर्तन में शामिल कर माध्यमिक शिक्षा में लेने का प्रावधान किया हुआ है। लेकिन प्रबोधकों को 9 वर्ष बाद भी सैटअप परिवर्तन से वंचित होना पड़ रहा है। जबकि प्रबोधकों द्वारा समय-समय पर इन मांगों के संदर्भ में सरकार को अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
संघ ने प्रबोधकों के सेवा नियमों में संशोधन कर एक अक्टूबर से 9 साल की सेवा पूर्ण करने वाले प्रबोधकों को प्रथम एसीपी स्वीकृत करने के स्पष्ट आदेश सभी जिला परिषदों को एवं जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक उपलब्ध कराने, इस कैडर को भी 6डी की प्रक्रिया में शामिल कर बीएड योग्यताधरी प्रबोधकों का द्वितीय लेवल निर्धारित करते हुए विषय अध्यापक के रूप में सेट अप परिवर्तन कराए जाने की मांग की है। संघ ने शिक्षामंत्री से प्रबोधकों के साथ बरते जा रहे भेदभाव को दूर करते हुए शिक्षकों के समान पदोन्नति के समान अवसर उपलब्ध कराते हुए प्रधानाध्यापक मिडिल स्कूल एवं माध्यमिक स्कूलों में वरिष्ठ प्रबोधक के नवीन पद सृजित कर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू कराए जाने तथा प्रबोधक की स्थानांतरण प्रक्रिया आरंभ करने की मांग की है।
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