एजुकेशनरिपोर्टर | जयपुर लॉ और टेक्निकल कोर्स संचालन से जुड़ी बॉर काउंसिल ऑफ इंडिया या
एआईसीटीई जैसी सेंट्रल एजेंसीज से अब राज्य सरकार एक-एक साल की जगह तीन-तीन
साल के लिए कोर्स संचालन की एनओसी लेगी।
इसके लिए मौखिक सहमति बन चुकी है और राज्य सरकार को इसके लिए भर्तियां कमियां दूर करने की अंडरटेकिंग देनी होगी। राज्य सरकार प्रपोजल तैयार करके इन एजेंसियों के समक्ष रखने जा रही है। ऐसा होने से प्रदेश में कुछ जगहों पर लेट चल रहे लॉ टेक्निकल कोर्सेस समय पर शुरू हो सकेंगे।
प्रदेश में 40% से ज्यादा लॉ कॉलेज ऐसे है जहां पर अभी तक एडमिशन प्रोसेस शुरू नहीं हुए है। वहीं 60% कॉलेजों में अब जाकर एडमिशन प्रोसेस शुरू हुए हैं। ऐसे में लॉ प्रथम वर्ष के हजारों विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए प्राइवेट कॉलेजों की तुलना आधा ही समय पढ़ाई के लिए मिलेगा। उधर हाल ही में राज्य सरकार ने तीन नए इंजीनियरिंग कॉलेज बारां, भरतपुर आदि जगहों पर अस्थाई भवनों में शुरू कराए है। ऐसे में एआईसीटीई ने सिर्फ एक साल के लिए एनओसी दी है। अगले वर्ष एनओसी में देरी के कारण विद्यार्थियों के एडमिशन प्रभावित नहीं हो, इन सहित अन्य मामलों में राज्य सरकार एआईसीटीई से तीन-तीन साल की एनओसी मांगेगी।
^एनओसी मिलने में देरी से पढ़ाई पर असर पड़ता है। ऐसे में हमने व्यक्तिगत तौर पर सेंट्रल एजेंसियों को प्रपोजल रखा, जिस पर उन्होंने मौखिक सहमति दी थी। अब 3-3 साल के लिए एनओसी का प्रपोजल रखने जा रहे हैं। उम्मीद है कि इसे अप्रूवल मिलेगी। इस बीच ही हम शिक्षक भर्ती का प्रोसेस पूरा करेंगे। -किरण माहेश्वरी, उच्च शिक्षा मंत्री
इसके लिए मौखिक सहमति बन चुकी है और राज्य सरकार को इसके लिए भर्तियां कमियां दूर करने की अंडरटेकिंग देनी होगी। राज्य सरकार प्रपोजल तैयार करके इन एजेंसियों के समक्ष रखने जा रही है। ऐसा होने से प्रदेश में कुछ जगहों पर लेट चल रहे लॉ टेक्निकल कोर्सेस समय पर शुरू हो सकेंगे।
प्रदेश में 40% से ज्यादा लॉ कॉलेज ऐसे है जहां पर अभी तक एडमिशन प्रोसेस शुरू नहीं हुए है। वहीं 60% कॉलेजों में अब जाकर एडमिशन प्रोसेस शुरू हुए हैं। ऐसे में लॉ प्रथम वर्ष के हजारों विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए प्राइवेट कॉलेजों की तुलना आधा ही समय पढ़ाई के लिए मिलेगा। उधर हाल ही में राज्य सरकार ने तीन नए इंजीनियरिंग कॉलेज बारां, भरतपुर आदि जगहों पर अस्थाई भवनों में शुरू कराए है। ऐसे में एआईसीटीई ने सिर्फ एक साल के लिए एनओसी दी है। अगले वर्ष एनओसी में देरी के कारण विद्यार्थियों के एडमिशन प्रभावित नहीं हो, इन सहित अन्य मामलों में राज्य सरकार एआईसीटीई से तीन-तीन साल की एनओसी मांगेगी।
^एनओसी मिलने में देरी से पढ़ाई पर असर पड़ता है। ऐसे में हमने व्यक्तिगत तौर पर सेंट्रल एजेंसियों को प्रपोजल रखा, जिस पर उन्होंने मौखिक सहमति दी थी। अब 3-3 साल के लिए एनओसी का प्रपोजल रखने जा रहे हैं। उम्मीद है कि इसे अप्रूवल मिलेगी। इस बीच ही हम शिक्षक भर्ती का प्रोसेस पूरा करेंगे। -किरण माहेश्वरी, उच्च शिक्षा मंत्री
No comments:
Post a Comment