राजस्थान शिक्षा विभाग ने राज्यभर के शिक्षकों और अन्य कार्मिकों के तबादलों को लेकर बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है। विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार 7 फरवरी से स्थानांतरण प्रक्रिया पर पूर्ण रूप से रोक लागू कर दी जाएगी। इस निर्णय का उद्देश्य शैक्षणिक सत्र की निरंतरता बनाए रखना और प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु रखना बताया गया है।
चुनाव और शैक्षणिक सत्र को ध्यान में रखकर फैसला
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आगामी चुनावी गतिविधियों और चल रहे शैक्षणिक सत्र को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बार-बार होने वाले तबादलों से न केवल पढ़ाई प्रभावित होती है, बल्कि स्कूलों की व्यवस्थाएं भी बिगड़ती हैं। इसलिए तय तिथि के बाद किसी भी स्तर पर तबादले नहीं किए जाएंगे।
किन कार्मिकों पर लागू होगा आदेश
यह आदेश केवल शिक्षकों तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा विभाग से जुड़े सभी अधिकारी, कर्मचारी और सहायक स्टाफ पर लागू होगा। चाहे प्राथमिक, माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्तर हो, सभी के तबादलों पर रोक रहेगी।
पहले से लंबित मामलों का क्या होगा?
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, जो तबादला आदेश 7 फरवरी से पहले जारी हो चुके हैं, केवल उन्हीं पर विचार किया जा सकता है। इसके बाद नए तबादला प्रस्ताव स्वीकार नहीं किए जाएंगे। विशेष परिस्थितियों में ही उच्च स्तर से अनुमति मिलने पर अपवाद संभव है।
शिक्षकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस फैसले को लेकर शिक्षकों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कुछ शिक्षक इसे स्थिरता के लिहाज से सही बता रहे हैं, वहीं कुछ का कहना है कि लंबे समय से लंबित व्यक्तिगत कारणों वाले तबादलों पर भी रोक लगना परेशानी बढ़ा सकता है।
प्रशासन ने दी स्पष्ट चेतावनी
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस आदेश का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
निष्कर्ष:
राजस्थान शिक्षा विभाग का यह निर्णय प्रशासनिक अनुशासन और शैक्षणिक स्थिरता की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। 7 फरवरी के बाद तबादलों पर रोक से प्रदेश के स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
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