राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2025 को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से परीक्षा का आयोजन अब पूरे राज्य के बजाय केवल 14 जिलों में ही किया जाएगा। यह निर्णय डमी कैंडिडेट, फर्जीवाड़े और पेपर लीक जैसी घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाने के लिए लिया गया है।
राज्य सरकार और कर्मचारी चयन बोर्ड के अनुसार, सीमित जिलों में परीक्षा कराने से निगरानी व्यवस्था मजबूत होगी और प्रशासनिक नियंत्रण बेहतर रहेगा। पहले परीक्षा केंद्र 41 जिलों में बनाए जाने थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से अब संख्या घटा दी गई है।
कड़ी निगरानी और तकनीकी उपाय
इस बार परीक्षा के दौरान बायोमैट्रिक सत्यापन और फेस रिकग्निशन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। प्रवेश के समय अभ्यर्थियों की पहचान डिजिटल तरीके से की जाएगी, जिससे डमी उम्मीदवारों की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही दस्तावेज सत्यापन के दौरान भी तकनीकी जांच अनिवार्य होगी।
लाखों अभ्यर्थियों की परीक्षा
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के तहत हजारों पदों पर नियुक्ति की जानी है, जिसके लिए लाखों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। परीक्षा आगामी वर्ष की शुरुआत में निर्धारित तिथियों पर आयोजित होने की संभावना है। परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बल, उड़नदस्ते और सीसीटीवी कैमरों की भी विशेष व्यवस्था की जाएगी।
पारदर्शिता पर सरकार का जोर
सरकार का कहना है कि भर्ती परीक्षाओं में विश्वास बहाल करना प्राथमिकता है। बीते वर्षों में सामने आए घोटालों से सबक लेते हुए इस बार शून्य सहनशीलता नीति अपनाई जा रही है। सीमित जिलों में परीक्षा, तकनीकी सत्यापन और सख्त निगरानी से निष्पक्ष चयन सुनिश्चित किया जाएगा।
अभ्यर्थियों के लिए अहम सूचना
अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि वे परीक्षा से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करें, समय से पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचे और किसी भी तरह के अनुचित साधनों से दूरी बनाए रखें। नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष:
राजस्थान तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2025 में किए गए ये बदलाव न केवल परीक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएंगे, बल्कि योग्य अभ्यर्थियों को निष्पक्ष अवसर भी प्रदान करेंगे। यह कदम शिक्षा विभाग में पारदर्शिता की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।
No comments:
Post a Comment