बीकानेर. । एक तरफ राज्य की सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के
अभाव के कारण आए दिन तालाबंदी हो रही है वहीं सरकार
दूसरी ओर शिक्षकों को लगाने की बजाय उन्हे अन्य कार्यो में
लगाकर शिक्षण व्यवस्थाओं का बंटाधार करने में जुटी दिखाई
देती है।
स्कूलों में विषय अघ्यापकों व्याख्याताओं ,प्रधानाध्यापको
व प्रधानाचार्यो की कमी के चलते छात्र और ग्रामीण
शिक्षकों को लगाने के लिए आंदोलन कर रहे है तो वहंी सरकार
की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरुकता लाने के
लिए सरकारी स्कूलों के 189 प्रधानाचार्यो व 22
व्याख्याताओं को अपनी स्कूलों को छोड़कर पांच दिनों तक
सरकारी योजनाओ के प्रति जागरुकता बढ़ाने के कार्यक्रम का
प्रशिक्षण लेकर अपने अपने जिलो में जागरूकता लाने के प्रयास
करने होगें।
इससे पहले स्कूलों के वरिष्ठ अध्यापको व तृतीय श्रेणी
अध्यापको को एक माह के लिए जनगणना आंकड़ो को अपडेट
करने के लिए लगाया जा चुका है, जिसके कारण पहले से ही
संस्था प्रधानों को स्कूल संचालन में भारी परेशानियों का
सामना करना पड् रहा है और अब संस्था प्रधानों को ही स्क्ूलों
से प्रशिक्षण के लिए बुला लिया गया है।
शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के संयुक्त निदेशक
कार्मिक के हस्ताक्षरों से जारी आदेशों में राजकीय उच्च
अध्ययन संस्थान बीकानेर में 115 प्रधानाचार्यो व अजमेर के
राजकीय उच्च अध्ययन संस्थान में 74 प्रधानाचार्यो व 22
व्याख्याताओं को 26 अक्टूबर से पांच दिनों तक सरकार की
जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरुकता प्रशिक्षण
कार्यक्रम में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है ।
प्रशिक्षण के बाद इन प्रधानाचार्यो व व्याख्याताआंे को
रिपोर्ट दस दिवस में अपने अपने जिला शिक्षा अधिकारियों
को देनी होगी।
वैसे भी राज्य की सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के अभाव में
शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है तथा अद्ध्र्र वार्षिक
परीक्षाएं नजदीक है उसके बाद भी शिक्षकों को सरकार की
जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए शिक्षकों को
जागरुकता लाने का प्रशिक्षण देना सरकार की सरकारी
स्कूलों मंे शिक्षण व्यवस्था को सुधारने के प्रति उसकी
कितनी गंभीरता है इसको दर्शाता है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अभाव के कारण आए दिन तालाबंदी हो रही है वहीं सरकार
दूसरी ओर शिक्षकों को लगाने की बजाय उन्हे अन्य कार्यो में
लगाकर शिक्षण व्यवस्थाओं का बंटाधार करने में जुटी दिखाई
देती है।
स्कूलों में विषय अघ्यापकों व्याख्याताओं ,प्रधानाध्यापको
व प्रधानाचार्यो की कमी के चलते छात्र और ग्रामीण
शिक्षकों को लगाने के लिए आंदोलन कर रहे है तो वहंी सरकार
की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरुकता लाने के
लिए सरकारी स्कूलों के 189 प्रधानाचार्यो व 22
व्याख्याताओं को अपनी स्कूलों को छोड़कर पांच दिनों तक
सरकारी योजनाओ के प्रति जागरुकता बढ़ाने के कार्यक्रम का
प्रशिक्षण लेकर अपने अपने जिलो में जागरूकता लाने के प्रयास
करने होगें।
इससे पहले स्कूलों के वरिष्ठ अध्यापको व तृतीय श्रेणी
अध्यापको को एक माह के लिए जनगणना आंकड़ो को अपडेट
करने के लिए लगाया जा चुका है, जिसके कारण पहले से ही
संस्था प्रधानों को स्कूल संचालन में भारी परेशानियों का
सामना करना पड् रहा है और अब संस्था प्रधानों को ही स्क्ूलों
से प्रशिक्षण के लिए बुला लिया गया है।
शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के संयुक्त निदेशक
कार्मिक के हस्ताक्षरों से जारी आदेशों में राजकीय उच्च
अध्ययन संस्थान बीकानेर में 115 प्रधानाचार्यो व अजमेर के
राजकीय उच्च अध्ययन संस्थान में 74 प्रधानाचार्यो व 22
व्याख्याताओं को 26 अक्टूबर से पांच दिनों तक सरकार की
जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरुकता प्रशिक्षण
कार्यक्रम में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है ।
प्रशिक्षण के बाद इन प्रधानाचार्यो व व्याख्याताआंे को
रिपोर्ट दस दिवस में अपने अपने जिला शिक्षा अधिकारियों
को देनी होगी।
वैसे भी राज्य की सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के अभाव में
शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है तथा अद्ध्र्र वार्षिक
परीक्षाएं नजदीक है उसके बाद भी शिक्षकों को सरकार की
जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए शिक्षकों को
जागरुकता लाने का प्रशिक्षण देना सरकार की सरकारी
स्कूलों मंे शिक्षण व्यवस्था को सुधारने के प्रति उसकी
कितनी गंभीरता है इसको दर्शाता है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC