राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा-2014 निरस्त हो सकती है। परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक होने का मामला सामने आने के बाद आयोग ने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की जांच रिपोर्ट पर परीक्षा का भविष्य तय करने के लिए आयोग में नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
कमेटी की रिपोर्ट के बाद अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय किया जा सकता है।
राजस्थान लोकसेवा आयोग की ओर से 27 जुलाई 2013 को आयोग में कनिष्ठ लिपिक द्वितीय ग्रेड के 33 पदों और राजस्थान अधीनस्थ कार्यालयों में 7 हजार 538 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। 7 अक्टूबर 2013 को आवेदन की अंतिम तिथि तक आयोग को 7 लाख 5 हजार 277 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया।
इसमें से 5 हजार 685 अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त होने के चलते 6 लाख 99 हजार 592 अभ्यर्थी योग्य पाए गए। 11 जनवरी 2014 को प्रदेश के सभी जिला, उपखंड और तहसील मुख्यालयों पर आयोजित भर्ती परीक्षा में 5 लाख 30 हजार 227 लाख अभ्यर्थी उपस्थित हुए।
गिरोह ने किया खुलासा
जुलाई 2014 में आरएएस प्री 2013 के प्रश्र पत्र लीक मामले में पकड़े गए गिरोह ने कनिष्ठ लिपिक भर्ती का प्रश्न-पत्र भी लीक करने का खुलासा किया। एसओजी ने मामला दर्ज करते हुए छानबीन की तो प्रारंभिक जांच में प्रश्न-पत्र लीक होना पाया गया। एसओजी ने मामले में दर्जन अभ्यर्थियों को नामजद करते उनके खिलाफ चालान पेश किया है।
कमेटी कर रही मंथन
एसओजी ने मामले की जांच रिपोर्ट और आरोप पत्र की प्रति गत महीने आयोग को भी भेजी है। आयोग ने बीते गुरुवार को एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर ही कनिष्ठ लिपिक भर्ती के प्रश्न-पत्र लीक मामले में नामजद दस अभ्यर्थियों को भविष्य में आयोग की सभी परीक्षाओं के लिए अयोग्य घोषित किया है। आयोग ने अब परीक्षा का भविष्य तय करने के लिए आयोग के दो सदस्यों के साथ विधि अधिकारी और सचिव की कमेटी गठित की है। कमेटी एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर तय करेगी कि परीक्षा को निरस्त किया जाए या नहीं। आयोग प्रशासन से मिल रहे संकेत के मुताबिक परीक्षा को निरस्त किया जा सकता है।
12 करोड़ से ज्यादा मिली थी फीस
आरपीएससी को कनिष्ठ लिपिक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले सात लाख अभ्यर्थियों से 12 करोड़ रुपए से अधिक परीक्षा शुल्क मिला था।
यह हो सकता है आधार
आरपीएससी ने एमओजी की रिपोर्ट के आधार पर प्रश्न पत्र लीक होना मानते हुए आरएएस प्री 2013 को भी निरस्त किया है। आरएएस प्री -2013 का प्रश्र पत्र लीक करने वाले गिरोह ने ही कनिष्ठ लिपिक भर्ती का प्रश्र पत्र भी लीक किया है। एसओजी ने चालान भी पेश कर दिया है। इसी आधार पर आयोग कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा भी निरस्त कर सकता है।
पत्रिका व्यू
पहले आएएस प्री 2013, फिर कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा 2013 और अब कनिष्ठ लेखाकार एवं तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक और नकल के मामले सामने आने के बाद परीक्षाओं के साथ विद्यार्थियों के भविष्य पर भी संकट खड़ा हो गया है। आयोग की तीनों ही परीक्षाओं में साढ़े तीन लाख से सात लाख तक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। अभ्यर्थियों के आवेदन से मिले परीक्षा शुल्क से तो सरकारी खजाने में करोड़ों रुपए जमा हो गए, लेकिन दोबारा परीक्षाओं के आयोजन में विलंब, परीक्षा के भविष्य तय होने में देरी से लाखों युवा बेरोजगारों की रोजगार की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
सरकारी दफ्तरों तो खाली पदों के बावजूद कामकाज हो नियमित होने से सरकार का कामकाज तो प्रभावित नहीं हो रहा, लेकिन महंगाई के दौर में बेरोजगार युवाओं का जीवनयापन मुश्किल हो रहा है। पहले तो 2013-14 में निकली भर्तियों का परिणाम अब तक जारी नहीं हो सका है, यदि परीक्षाएं निरस्त कर दी गई तो फिर अभ्यर्थियों को नौकरी के लिए दो तीन साल इंतजार करना होगा।
कनिष्ठ लिपिक भर्ती को लेकर एसओजी की रिपोर्ट का अध्ययन करने, परीक्षा के भविष्य को लेकर रिपोर्ट देने के लिए कमेटी गठित की है। परीक्षा को लेकर निर्णय करने से पहले आधार होना चाहिए। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय करेंगे। ललित के पंवार, अध्यक्ष आरपीएससी

सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
कमेटी की रिपोर्ट के बाद अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय किया जा सकता है।
राजस्थान लोकसेवा आयोग की ओर से 27 जुलाई 2013 को आयोग में कनिष्ठ लिपिक द्वितीय ग्रेड के 33 पदों और राजस्थान अधीनस्थ कार्यालयों में 7 हजार 538 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। 7 अक्टूबर 2013 को आवेदन की अंतिम तिथि तक आयोग को 7 लाख 5 हजार 277 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया।
इसमें से 5 हजार 685 अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त होने के चलते 6 लाख 99 हजार 592 अभ्यर्थी योग्य पाए गए। 11 जनवरी 2014 को प्रदेश के सभी जिला, उपखंड और तहसील मुख्यालयों पर आयोजित भर्ती परीक्षा में 5 लाख 30 हजार 227 लाख अभ्यर्थी उपस्थित हुए।
गिरोह ने किया खुलासा
जुलाई 2014 में आरएएस प्री 2013 के प्रश्र पत्र लीक मामले में पकड़े गए गिरोह ने कनिष्ठ लिपिक भर्ती का प्रश्न-पत्र भी लीक करने का खुलासा किया। एसओजी ने मामला दर्ज करते हुए छानबीन की तो प्रारंभिक जांच में प्रश्न-पत्र लीक होना पाया गया। एसओजी ने मामले में दर्जन अभ्यर्थियों को नामजद करते उनके खिलाफ चालान पेश किया है।
कमेटी कर रही मंथन
एसओजी ने मामले की जांच रिपोर्ट और आरोप पत्र की प्रति गत महीने आयोग को भी भेजी है। आयोग ने बीते गुरुवार को एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर ही कनिष्ठ लिपिक भर्ती के प्रश्न-पत्र लीक मामले में नामजद दस अभ्यर्थियों को भविष्य में आयोग की सभी परीक्षाओं के लिए अयोग्य घोषित किया है। आयोग ने अब परीक्षा का भविष्य तय करने के लिए आयोग के दो सदस्यों के साथ विधि अधिकारी और सचिव की कमेटी गठित की है। कमेटी एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर तय करेगी कि परीक्षा को निरस्त किया जाए या नहीं। आयोग प्रशासन से मिल रहे संकेत के मुताबिक परीक्षा को निरस्त किया जा सकता है।
12 करोड़ से ज्यादा मिली थी फीस
आरपीएससी को कनिष्ठ लिपिक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले सात लाख अभ्यर्थियों से 12 करोड़ रुपए से अधिक परीक्षा शुल्क मिला था।
यह हो सकता है आधार
आरपीएससी ने एमओजी की रिपोर्ट के आधार पर प्रश्न पत्र लीक होना मानते हुए आरएएस प्री 2013 को भी निरस्त किया है। आरएएस प्री -2013 का प्रश्र पत्र लीक करने वाले गिरोह ने ही कनिष्ठ लिपिक भर्ती का प्रश्र पत्र भी लीक किया है। एसओजी ने चालान भी पेश कर दिया है। इसी आधार पर आयोग कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा भी निरस्त कर सकता है।
पत्रिका व्यू
पहले आएएस प्री 2013, फिर कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा 2013 और अब कनिष्ठ लेखाकार एवं तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक और नकल के मामले सामने आने के बाद परीक्षाओं के साथ विद्यार्थियों के भविष्य पर भी संकट खड़ा हो गया है। आयोग की तीनों ही परीक्षाओं में साढ़े तीन लाख से सात लाख तक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। अभ्यर्थियों के आवेदन से मिले परीक्षा शुल्क से तो सरकारी खजाने में करोड़ों रुपए जमा हो गए, लेकिन दोबारा परीक्षाओं के आयोजन में विलंब, परीक्षा के भविष्य तय होने में देरी से लाखों युवा बेरोजगारों की रोजगार की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
सरकारी दफ्तरों तो खाली पदों के बावजूद कामकाज हो नियमित होने से सरकार का कामकाज तो प्रभावित नहीं हो रहा, लेकिन महंगाई के दौर में बेरोजगार युवाओं का जीवनयापन मुश्किल हो रहा है। पहले तो 2013-14 में निकली भर्तियों का परिणाम अब तक जारी नहीं हो सका है, यदि परीक्षाएं निरस्त कर दी गई तो फिर अभ्यर्थियों को नौकरी के लिए दो तीन साल इंतजार करना होगा।
कनिष्ठ लिपिक भर्ती को लेकर एसओजी की रिपोर्ट का अध्ययन करने, परीक्षा के भविष्य को लेकर रिपोर्ट देने के लिए कमेटी गठित की है। परीक्षा को लेकर निर्णय करने से पहले आधार होना चाहिए। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय करेंगे। ललित के पंवार, अध्यक्ष आरपीएससी

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