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सचिवालय में उठा 1998 में चयनित ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती का मामला प्रदेश के 1400 अभ्यर्थियों को 20 साल से नियुक्ति का है इंतजार

श्रीगंगानगर| वर्ष 1998 में चयनित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का मामला जयपुर सचिवालय में उठाया गया है। प्रमुख सचिव नरेश पाल गंगवार की अध्यक्षता में हुई विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में स्वीकार किया गया है कि प्रक्रिया कुछ हद तक गलत हुई है।
इस पर तय हुआ कि प्रमुख सचिव अपने स्तर पर जांच कराकर इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने का प्रयास करेंगे। भर्ती में चयनित श्रीगंगानगर निवासी इकबाल सिंह ढिल्लो, परमिंदर सिंह, हनुमानगढ़ के पुरुषोत्तम, बीकानेर की साया, जयपुर के दिनेश शर्मा सहित अन्य का कहना है कि 1998 में 26 जिला परिषदों में करीब 1400 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई थी। लेकिन जिलों की विशेष अंक की प्रक्रिया को अवैध माना गया था। अभ्यर्थियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गलत माना था और प्रक्रिया निरस्त करने के लिए कहा था। बावजूद इसके शिक्षा विभाग ने अभी तक नियुक्ति आदेश जारी नहीं किए। अभ्यर्थी 20 साल से नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, आश्वासन याद दिलाया: अब अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि 1998 के तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के चयनित शिक्षक अब तक नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पत्र में लिखा है कि 1 जुलाई 2003 के शिक्षा सचिव स्तरीय नियुक्ति आदेश के तहत हमें नौकरी मिलनी थी। पूर्व में भी शिक्षा सचिव एवं शिक्षा मंत्री ने उक्त प्रकरण का अध्ययन कर हमें नियुक्ति के योग्य माना। मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया है कि विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की भी अवहेलना की गई है। न्यायालय के निर्देशानुसार बनाई गई वरीयता सूची में निम्न स्थान रखने वाले 1800 शिक्षक फर्जी व भ्रष्ट तरीके से लग हुए हैं। इनमें से 1200 लोगों के तथ्य प्रमाण सहित हाल ही में हुई (26 जून 2018) मंत्री मंडलीय उपसमिति के समक्ष प्रस्तुत किए गए। फिर भी नियुक्ति आदेश जारी नहीं हुए। अभ्यर्थियों ने सीएम को पूर्व में दिए गए आश्वासन की भी याद दिलाई। साथ ही नियुक्ति दिलाने की भी मांग की।

तत्कालीन शिक्षा मंत्री-सचिव ने नियुक्ति के योग्य माना, लेकिन विभाग ने आज तक नियुक्ति नहीं दी

शिक्षक संघ ने कहा, नियुक्ति होने तक जारी रहेगा संघर्ष

सरकार से हुई वार्ता में विभाग ने खुद स्वीकारा है कि नियुक्ति के समय गलतियां हुई है। फिर विभाग द्वारा 1998 में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही। हमने सरकार के पास भी साक्ष्य भिजवाएं है। जब तक नियुक्ति नहीं हो जाती हमारा संघर्ष जारी रहेगा। - शंभूदयाल शर्मा, प्रांतीय संयोजक, चयनित शिक्षक संघ, जयपुर।

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