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शिक्षा विभाग को अब नजर आई विज्ञान व गणित के प्रति रुझान में कमी

धौलपुर. । राज्य के सरकारी विद्यालयों से पढ़कर दसवीं कक्षा तक पहुंचने वाले एससी/एसटी, अल्पसंख्यक, अरबन डिप्राइड चिल्ड्रन (शहरी वंचित बच्चे) व बालिकाओं में विज्ञान व गणित विषय के प्रति रूझान की कमी अब शिक्षा विभाग को सताने लगी है।
इन श्रेणियों के विद्यार्थियों में गणित व विज्ञान विषयों के प्रति अभिरूचि जागृत करने के लिए अब दृष्टि योजना के माध्यम से विभाग ने नई कवायद शुरू की है।

इसके तहत इन श्रेणियों के बच्चों से गणित व विज्ञान विषयों के प्रोजेक्ट/मॉडल बनवाए जाएंगे तथा सबसे श्रेष्ठ प्रोजेक्टों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के इस नवाचार को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य गणित व विज्ञान विषय के प्रति बच्चों में दिलचस्पी पैदा करना है।
किसी भी विषय के प्रति अभिरूचि जागृत करने का सबसे सशक्त माध्यम माने जाने वाले प्रोजेक्ट शिक्षण का सहारा लेकर विभाग इन श्रेणियों के बच्चों का माध्यमिक स्तर पर इन विषयों में नामांकन बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इसके लिए विद्यालय स्तर से लेकर ब्लॉक और जिला स्तर पर त्रिस्तरीय गतिविधियां संचालित की जाएगी।
होगी वैज्ञानिक विवेचना
विद्यालयों में समाज में प्रचलित विभिन्न तरह की भ्रांतियों व मान्यताओं की सामाजिक व वैज्ञानिक विवेचना की जाएगी।
यानि जिन चीजों को चमत्कार मानता है उनकी वैज्ञानिक व्याख्या व विभिन्न धर्मों की मान्याताओं के वैज्ञानिक आधार को बच्चों के सामने उदाहरण सहित प्रस्तुत किया जाएगा ताकि समाज में चली आ रही भ्रांतियों को बच्चे विज्ञान के दृष्टिकोण से समझ सकें।
बच्चों की सहायता से स्कूलों में 'साइंस कॉर्नरÓ भी बनवाए जाएंगें ताकि बच्चे विज्ञान व गणित विषय की सभी मूलभूत अवधारणाओं को आसानी से स्वत: समझने में सक्षम हो सकें।
ऐसे एकत्र होंगे प्रोजेक्ट
जिले के चार ब्लॉकों बाड़ी, राजाखेड़ा, धौलपुर व बसेड़ी में ब्लॉक स्तर पर दोनों विषयों के 100-100 प्रोजेक्ट एकत्र किए जाएंगें। ब्लॉक से जिला स्तर पर सबसे बेहतर 25-25 प्रोजेक्टों को भेजा जाएगा। इनमे से सबसे श्रेष्ठ प्रोजेक्टों को सम्मानित किया जाएगा।
विद्यालयों को करना होगा ये काम
राज्य के सभी उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढऩे वाली बालिकाओं, एससी, एसटी, अल्पसंख्यक व शहरी वंचित क्षेत्र के बच्चों की गणित व विज्ञान विषयों में सहभागिता बढाऩे के लिए प्रतिकक्षा पीयर समूह बनाए जाएंगें।
इस समूह को मासिक आधार पर विषय आधारित व्यवहारिक पहलुओं पर प्रोजेक्ट बनाने के लिए दिया जाएगा।
प्रोजेक्ट में सभी की भागीदारी के लिए रोटेशन से समान अवसर दिए जाएंगें।
इसके बाद श्रेष्ठ प्रोजेक्ट को स्कूल में सभी बच्चों के सामने प्रस्तुत कराया जाएगा।
इसके अलावा 'बूझो तो जानोंÓ जैसी प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चे स्वयं प्रश्न व पहेलियां तैयार कर लाएंगें, जिनको कक्षा शिक्षण व बाल सभा में शामिल किया जाएगा।
ब्लॉकवार मिडिल स्कूल
97 धौलपुर
69 बाड़ी
102 बसेड़ी
69 राजाखेड़ा
जटिल सूत्रों को सरलता से समझ सकेंगे
दिनेश गर्ग गणित विषय विशेषज्ञ राउमावि कांकोली ने बताया कि गणित विषय के जटिल सूत्रों को मॉडल व प्रोजेक्ट के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है।
गणित विषय के छोटे सूत्र से बड़े सूत्र को बनाने की विधि भी मॉडल के माध्यम से सहज तरीके से समझी जा सकती है। इसका फायदा बड़ी कक्षाओं में जाकर मिलता है। वहीं बच्चों में गणित के प्रति जो खौफ है वह खत्म होता है।
जल्द ही क्रियांविति शुरू हो जाएगी
चन्द्रभान शर्मा एपीसी एसएसए धौलपुर ने बताया कि योजना के लिए ब्लॉकों के लिए बजट आवंटित कर दिया है। शीघ्र ही विद्यालयों में इसकी क्रियांविति शुरू हो जाएगी।

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