धौलपुर जिले की महिला टीचर्स ने शुक्रवार को जुलूस निकाल कर जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.
मामला यूं है कि शिक्षा विभाग की ओर से ग्रीष्मावकाश में आयोजित किए जा रहे आवासीय शिक्षक प्रशिक्षण शिविरों के विरोध में राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा की अगुवाई में जुलूस निकाल कर एसडीएम कार्यालय पर उग्र प्रदर्शन किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर तेज गर्मी को देखते हुए आवासीय प्रशिक्षण शिविरों को पहले की भांति गैर आवासीय कराए जाने की मांग दोहराई है.
प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद महिला शिक्षिकाओं ने कहा कि पति-पत्नी दोनों की ड्यूटी आवासीय प्रशिक्षण लेने में लगा दी गई है. ऐसे में बच्चों की और घर की देखभाल क्या शिक्षा मंत्री व सरकार करेगी.
शिक्षिकाओं ने कहा कि आवासीय प्रशिक्षण के नाम पर उन्हें बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है. जब प्रशिक्षण शिविर के पाठ्यक्रम में सुबह साढे़ं 9 बजे से शाम 5 बजे तक शिक्षण कार्य का समय निर्धारित कर रखा है तो जबरन रात में रोकने पर विभाग क्यों आमादा हो रहा है.
शिक्षकों ने कहा कि ऐसे में बैठे अधिकारियों को इस समय पड़ रही भीषण गर्मी और ब्लॉक स्तर पर बिजली, पानी शौचालय और स्नानघर की कमी एवं महिलाओं को बिना सुरक्षा के रात में जबरन रोकना तानाशाही है, जिस किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि प्रशिक्षण शिविर का स्वरूप नहीं बदला तो शिक्षक इन शिविरों का बहिष्कार करने को विवश होंगे.
मामला यूं है कि शिक्षा विभाग की ओर से ग्रीष्मावकाश में आयोजित किए जा रहे आवासीय शिक्षक प्रशिक्षण शिविरों के विरोध में राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा की अगुवाई में जुलूस निकाल कर एसडीएम कार्यालय पर उग्र प्रदर्शन किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर तेज गर्मी को देखते हुए आवासीय प्रशिक्षण शिविरों को पहले की भांति गैर आवासीय कराए जाने की मांग दोहराई है.
प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद महिला शिक्षिकाओं ने कहा कि पति-पत्नी दोनों की ड्यूटी आवासीय प्रशिक्षण लेने में लगा दी गई है. ऐसे में बच्चों की और घर की देखभाल क्या शिक्षा मंत्री व सरकार करेगी.
शिक्षिकाओं ने कहा कि आवासीय प्रशिक्षण के नाम पर उन्हें बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है. जब प्रशिक्षण शिविर के पाठ्यक्रम में सुबह साढे़ं 9 बजे से शाम 5 बजे तक शिक्षण कार्य का समय निर्धारित कर रखा है तो जबरन रात में रोकने पर विभाग क्यों आमादा हो रहा है.
शिक्षकों ने कहा कि ऐसे में बैठे अधिकारियों को इस समय पड़ रही भीषण गर्मी और ब्लॉक स्तर पर बिजली, पानी शौचालय और स्नानघर की कमी एवं महिलाओं को बिना सुरक्षा के रात में जबरन रोकना तानाशाही है, जिस किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि प्रशिक्षण शिविर का स्वरूप नहीं बदला तो शिक्षक इन शिविरों का बहिष्कार करने को विवश होंगे.
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