चूरू जिले के प्रभारी और
शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने साफ कर दिया है कि अभी तो सरकार का
ध्यान शिक्षा में नवाचार है। नवाचारों में गुणवत्ता बढ़ाने के लि शिक्षकों
के प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को
लेकर फिलहाल कोई मंशा नहीं है। इस पर विचार करेंगे।
जब भी तबादला नीति बनेगी। उसमें प्रतिबंधित जिलों से शिक्षकों के स्थानांतरण पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसमें उन जिलों की सारी स्थिति का अवलोकन करने के बाद ही निर्णय किया जा सकेगा। प्रस्तुत है शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी से पत्रिका की बातचीत के प्रमुख अंश...।
सवाल : तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर सरकार क्या कर रही है।
जवाब : अभी तो नवाचारों में गुणवत्ता बढ़े। इसके लिए शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। प्रशिक्षण में अध्यापकों के लिए अच्छी व्यवस्थाएं हों। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। रही बात तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले की तो इसके लिए सरकार विचार करेगी।
सवाल: प्रतिबंधित जिलों से शिक्षकों के स्थानांतरण कब तक किए जाएंगे।
जवाब : जब भी तबादला नीति बनेगी। इस बिंदु को भी शामिल किया जाएगा। यह उस जिले में शिक्षकों की उपस्थिति कितनी है, कितने शिक्षक कार्यरत, कितने पद रिक्त हैं। कितने की जरूरत है। इन सबके के आधार पर ही प्रतिबंधित जिलों से तबादले किए जाएंगे।
सवाल : हाल ही में स्कूलों को क्रमोन्नत किया है। उनमें स्टाफ की पूर्ति के लिए सरकार क्या प्रयास करेगी।
जवाब : ऐसी ग्राम पंचायतें जहां की सैकण्डरी स्कूलों में 40 से अधिक बच्चे हैं। उनक स्कूलों को सीनियर सैकण्डरी में क्रमोन्नत किया गया है। ऐसे पूरे प्रदेश में 283 स्कूल हैं। इन स्कूलों के लिए आवश्यक पदों का सृजन भी कर दिया गया है। इन स्कूलों में शीघ्र ही स्टाफ लगाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के हाल ही आए निर्णय के अनुसार बहुत ही जल्दी ही 13 हजार लेक्चरर और लेवल वन के साढ़े छह हजार शिक्षकों के पदस्थापन किए जाएंगे।
सवाल : प्रशिक्षणों में शिक्षकों के भत्तों को लेकर आपके मंत्रालय ने क्या प्रयास किए हैं।
जवाब : पहले प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को दो सौ रुपए देने का प्रावधान था। लेकिन अब सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर तीन सौ रुपए कर दिया है।
सवाल : हाल ही में होने वाले प्रशिक्षण से किनको मुक्त रखा गया है।
जवाब : पांच श्रेणी के लोगों को इस प्रशिक्षण से मुक्त रखा है। इनमें जिनके सेवानिवृत्ति में एक साल बचा है, जो गर्भवती महिलाएं, जिनके बच्चे छह माह से छोटे हैं। जो असाध्य रोग से पीडि़त और जिनके बच्चे विमंदित हैं। उनको इस प्रशिक्षण शिविर से मुक्त रखा है।
जब भी तबादला नीति बनेगी। उसमें प्रतिबंधित जिलों से शिक्षकों के स्थानांतरण पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसमें उन जिलों की सारी स्थिति का अवलोकन करने के बाद ही निर्णय किया जा सकेगा। प्रस्तुत है शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी से पत्रिका की बातचीत के प्रमुख अंश...।
सवाल : तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर सरकार क्या कर रही है।
जवाब : अभी तो नवाचारों में गुणवत्ता बढ़े। इसके लिए शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। प्रशिक्षण में अध्यापकों के लिए अच्छी व्यवस्थाएं हों। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। रही बात तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले की तो इसके लिए सरकार विचार करेगी।
सवाल: प्रतिबंधित जिलों से शिक्षकों के स्थानांतरण कब तक किए जाएंगे।
जवाब : जब भी तबादला नीति बनेगी। इस बिंदु को भी शामिल किया जाएगा। यह उस जिले में शिक्षकों की उपस्थिति कितनी है, कितने शिक्षक कार्यरत, कितने पद रिक्त हैं। कितने की जरूरत है। इन सबके के आधार पर ही प्रतिबंधित जिलों से तबादले किए जाएंगे।
सवाल : हाल ही में स्कूलों को क्रमोन्नत किया है। उनमें स्टाफ की पूर्ति के लिए सरकार क्या प्रयास करेगी।
जवाब : ऐसी ग्राम पंचायतें जहां की सैकण्डरी स्कूलों में 40 से अधिक बच्चे हैं। उनक स्कूलों को सीनियर सैकण्डरी में क्रमोन्नत किया गया है। ऐसे पूरे प्रदेश में 283 स्कूल हैं। इन स्कूलों के लिए आवश्यक पदों का सृजन भी कर दिया गया है। इन स्कूलों में शीघ्र ही स्टाफ लगाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के हाल ही आए निर्णय के अनुसार बहुत ही जल्दी ही 13 हजार लेक्चरर और लेवल वन के साढ़े छह हजार शिक्षकों के पदस्थापन किए जाएंगे।
सवाल : प्रशिक्षणों में शिक्षकों के भत्तों को लेकर आपके मंत्रालय ने क्या प्रयास किए हैं।
जवाब : पहले प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को दो सौ रुपए देने का प्रावधान था। लेकिन अब सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर तीन सौ रुपए कर दिया है।
सवाल : हाल ही में होने वाले प्रशिक्षण से किनको मुक्त रखा गया है।
जवाब : पांच श्रेणी के लोगों को इस प्रशिक्षण से मुक्त रखा है। इनमें जिनके सेवानिवृत्ति में एक साल बचा है, जो गर्भवती महिलाएं, जिनके बच्चे छह माह से छोटे हैं। जो असाध्य रोग से पीडि़त और जिनके बच्चे विमंदित हैं। उनको इस प्रशिक्षण शिविर से मुक्त रखा है।
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