बारां शिक्षक बनकर बच्चों का जीवन संवारने से पहले ही 162 युवाओ ने अपनी राह बदल ली। उन्होंने शिक्षक बनने के लिए प्री प्री टीचर्स एज्युकेशन टेस्ट तक देना जरूरी नहीं समझा। वहीं तमाम भावी शिक्षक बिना 'पहचान' के ही परीक्षा देने आ गए, लेकिन परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी दे रहे शिक्षकों ने बाद में उनसे शपथपत्र लेकर प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी।
एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर की ओर से रविवार को प्रदेश के 602 परीक्षा केंद्रों पर प्री टीचर्स एज्युकेशन टेस्ट (पीटीईटी) प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया था। परीक्षा में शामिल होने के लिए 2.30 लाख छात्रों ने आवेदन किया था। चार वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए सुबह नौ से 12 बजे तक पहली पाली में परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसमें करीब 32 हजार छात्र शामिल हुए। वहीं दो वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक परीक्षा आयोजित की गई थी।
162 ने छोड़ा मैदान
बारां में पीटीईटी के लिए 10 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इन केंद्रों पर 3975 छात्र पंजीकृत थे, लेकिन 162 परीक्षा में अनुपस्थित रहे। वहीं तमाम छात्र प्रवेश पत्र पर लिखे गए निर्देशों को पढ़े बिना ही परीक्षा देने पहुंच गए। निर्देश ना पढ़ने के कारण यह अपने साथ परिचय पत्र नहीं लाए, जबकि एमडीएस यूनिवर्सिटी ने बिना पहचान पत्र के किसी को भी परीक्षा में ना बैठने के सख्त निर्देश जारी किए थे। ऐसे छात्रों के भविष्य को देखते हुए केंद्राधीक्षकों ने इनसे शपथ पत्र भरवाकर परीक्षा में बैठने की अनुमति जारी कर दी।
एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर की ओर से रविवार को प्रदेश के 602 परीक्षा केंद्रों पर प्री टीचर्स एज्युकेशन टेस्ट (पीटीईटी) प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया था। परीक्षा में शामिल होने के लिए 2.30 लाख छात्रों ने आवेदन किया था। चार वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए सुबह नौ से 12 बजे तक पहली पाली में परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसमें करीब 32 हजार छात्र शामिल हुए। वहीं दो वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक परीक्षा आयोजित की गई थी।
162 ने छोड़ा मैदान
बारां में पीटीईटी के लिए 10 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इन केंद्रों पर 3975 छात्र पंजीकृत थे, लेकिन 162 परीक्षा में अनुपस्थित रहे। वहीं तमाम छात्र प्रवेश पत्र पर लिखे गए निर्देशों को पढ़े बिना ही परीक्षा देने पहुंच गए। निर्देश ना पढ़ने के कारण यह अपने साथ परिचय पत्र नहीं लाए, जबकि एमडीएस यूनिवर्सिटी ने बिना पहचान पत्र के किसी को भी परीक्षा में ना बैठने के सख्त निर्देश जारी किए थे। ऐसे छात्रों के भविष्य को देखते हुए केंद्राधीक्षकों ने इनसे शपथ पत्र भरवाकर परीक्षा में बैठने की अनुमति जारी कर दी।
No comments:
Post a Comment