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Monday 15 May 2017

जालोर में प्रिंसीपल ने वाट्सएप पर ऐसा क्या लिखा कि....

जालोर. शिक्षा विभाग की सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए बने  राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के एक वाट्सएप्प गु्रप में  राजस्थान शिक्षा सेवा के एक अधिकारी की शर्मनाक पोस्ट दिनभर चर्चा का विषय रहा। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत डीईओ सैकंडरी एंड रमसा जालोर नाम से एक वाट्सएप्प गु्रप संचालित किया जा रहा है। इस गु्रप का गठन २० अक्टूबर २०१६ को किया गया था। 
इस गु्रप के माध्यम से रमसा व शिक्षा विभाग से जुड़े निर्देशों व आदेशों के बारे में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संस्था प्रधान व अन्य शिक्षकों को अवगत करवाया जाता रहा है।लेकिन रविवार को इस गु्रप में जो हुआ, वो शर्मनाक ही नहीं, अपितु शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानसिकता को उजागर करने वाला एक सच था। इस गु्रप में राजस्थान शिक्षा सेवा की एक महिला अधिकारी ने अपना फोटो पोस्ट कर उसके नीचे  'इंजर्ड ओनली अर्जेंट कॉलÓ लिखा। इस पोस्ट के तुरंत बाद ही राजस्थान शिक्षा सेवा के एक अधिकारी ने  ऐसा कमेंट पोस्ट किया कि गु्रप के सभी सदस्यों की आंखे फटी रह गई। इस कमेंट को पढ़कर इस गु्रप में जुड़ी राजस्थान शिक्षा सेवा की दर्जनो महिला अधिकारियों व शिक्षिकाओं की मनोस्थिति क्या हुई होगी, इसकी कल्पना करना मुश्किल है। हालांकि इस पोस्ट के कुछ समय बाद ही संबंधित अधिकारी इस गु्रप से लेफ्ट हो गए थे।
पद गरिमामय, लेकिन पोस्ट शर्मनाक
स्कूलों में प्रधानाचार्य का पद गरिमामय होता है। स्कूल ही नहीं अपितु संबंधित गांव व कस्बे के लोग भी स्कूल के प्रधानाचार्य को सम्मान की नजर से देखते है। हर जगह उनको सम्मान भी देते है। यह सही भी है, कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है। लेकिन रविवार को एक प्रधानाचार्य का कमेंट शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय रहा। पोस्ट में ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया है, जिसे बोलने के लिए किसी व्यक्ति को सौ बार सोचना पड़ता है। 
शर्मनाक पोस्ट
मेरा वाट्सएप बंद है। मुझे गु्रप से किसी सदस्य ने इस पोस्ट के बारे में बताया है। शिक्षा सेवा के किसी अधिकारी से इस तरह की पोस्ट आशा नहीं रखते है। इस गु्रप के एडमिन पूर्व में रमसा में कार्यक्रम अधिकारी थे।उसी समय से यह गु्रप सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए उपयोग में लिया जा रहा है।
-प्रकाशचंद्र चौधरी, एडीपीसी रमसा, जालोर

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