अजमेर.
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का वर्ष 2017 का पहला परिणाम सोमवार को
घोषित होने जा रहा है। इस परिणाम की खास बात यही है कि पहली बार बोर्ड
परिणाम के साथ मेरिट जारी नहीं कर रहा है। बोर्ड देश के उन गिने चुने
शिक्षा बोर्ड में शामिल होने जा रहा है, जहां पहले से ही बोर्ड परिणाम के
साथ मेरिट बंद है। इस महत्वपूर्ण निर्णय से प्रदेश के विद्यार्थी अब मानसिक
तनाव से मुक्त हो सकेंगे।
बोर्ड
सीबीएसई की तर्ज पर मेरिट बंद करने जा रहा है। गुजरात और महाराष्ट्र जैसे
बड़े राज्यों में पहले से ही मेरिट बंद है। अब राजस्थान भी देश के उन गिने
चुने राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां परिणाम के साथ मेरिट जारी नहीं होती
है। बोर्ड का इसके पीछे सबसे बड़ा तर्क यही है कि इससे बच्चे को नुकसान
नहीं होगा और अनावश्यक मानसिक दबाव खत्म हो जाएगा।
प्रदेश
के प्राइवेट स्कूलों को जरूर इस निर्णय से नुकसान हो सकता है। बोर्ड के
मेरिट बंद के निर्णय के बाद प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की एसोसिएशन ने
शिक्षा मंत्री बोर्ड को ज्ञापन देकर मेरिट वापस शुरू करने की मांग भी की
थी।
20 लाख विद्यार्थियों में से करीब 200 विद्यार्थी मेरिट में पाते
10वीं,
प्रवेशिका, 12वीं और वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षाओं में हर साल करीब 20 लाख
विद्यार्थी प्रविष्ट होते हैं। वर्ष 2017 की परीक्षा के लिए 19 लाख से अधिक
विद्यार्थी पंजीकृत किए गए। 12वीं में इस बार 8 लाख 69 हजार 131
विद्यार्थी पंजीकृत किए गए। इनमें 12वीं कला वर्ग में 5 लाख 86 हजार 379
विद्यार्थी, वाणिज्य में 48 हजार 113 विद्यार्थी, विज्ञान वर्ग में 2 लाख
34 हजार 523 विद्यार्थी पंजीकृत किए गए।
वरिष्ठ
उपाध्याय में 4001 और 10वीं के लिए 10 लाख 99 हजार 119 विद्यार्थी पंजीकृत
किए गए। प्रवेशिका में 7 हजार 769 विद्यार्थी पंजीकृत किए गए। इनमें से
बोर्ड द्वारा जारी की जाने वाली राज्य स्तरीय मेरिट में करीब 200
विद्यार्थी ही मेरिट में जगह बनाने में कामयाब होते। इनमें भी 10वीं के 15
स्थानों पर 150 से अधिक विद्यार्थी आते हैं। शेष 19 लाख से अधिक विद्यार्थी
उनके मां-बाप इस मलाल में ही रहते कि उनका बच्चा मेरिट में नहीं सका। अब
यह मानसिक दबाव अब नहीं रहेगा।
इनस्थानों पर मिलती थी मेरिट
बोर्ड
की ओर से वर्ष 2016 तक मेरिट जारी करने का प्रावधान रहा। बोर्ड द्वारा
राज्य जिला स्तरीय मेरिट अलग-अलग जारी की जाती रही हैं। बोर्ड द्वारा जारी
की जाने वाली स्टेट मेरिट में 12वीं कक्षा में विज्ञान, कला वाणिज्य की
अलग-अलग मेरिट जारी की जाती थी।
सराड़ा प्रकरण भी बना आधार
बोर्ड
कीवर्ष 2015 की परीक्षा के बाद सराड़ा में एक गिरोह पकड़ा गया। प्राइवेट
स्कूलों ने बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाएं जांच रहे शिक्षकों से मिलीभगत कर
उत्तर पुस्तिका में अपने स्कूल के विद्यार्थियों के नंबर बढ़वाने का
कुत्सित प्रयास किया। यह प्रकरण ईमानदार शिक्षक अमरचंद कुम्हार ने उजागर
किया।
यह सारा खेल इसलिए ही चल
रहा था कि प्राइवेट स्कूल का विद्यार्थी मेरिट में जाए। ऐसे में मेरिट पर
ही सवालिया निशान लगने लगे थे। प्रदेश में चंद स्कूल ही लगातार मेरिट में
जाते और शेष स्कूल उनके विद्यार्थी हीन भावना में ही रहते। फिर गंगापुर
सिटी का एक स्कूल ऐसा भी सामने आया कि एक ही स्कूल से 15 विद्यार्थी मेरिट
में। प्रदेशभर में ही नहीं देशभर में बोर्ड का यह प्रकरण चर्चाओं में रहा।
मेरिट बंद होने से स्कूलों में शुरू हो गई गलत प्रतिस्पर्धा बंद होगी। बच्चों का कोई नुकसान नहीं होगा। 6 स्टेट में पहले से मेरिट बंद है। सीबीएसई जारी नहीं करता। अब यहां भी यह व्यवस्था शुरू की गई है। विद्यार्थियों को स्कूटी लेपटॉप आदि योजनाओं का लाभ मिलता रहेगा। -प्रो. बीएल चौधरी, अध्यक्ष, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
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