सुखाड़िया विवि की हाल ही में हुई शिक्षक भर्ती में चहेतों को भर्ती करने
के आरोपों, विवादों और जांच के बीच अब सामने आया है कि 38 भर्तियों में से
ज्यादातर में नियमानुसार सब्जेक्ट एक्सपर्ट बुलाए बिना ही इंटरव्यू
कराकर भर्तियां करा ली गईं। यूजीसी रेग्युलेशन और विवि अधिनियम के अनुसार भर्तियों के दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए दो और एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के लिए तीन सब्जेक्ट एक्सपर्ट बुलाने जरूरी हैं। वहीं सब्जेक्ट एक्सपर्ट सहित 5 लोगों के कोरम में इंटरव्यू होना आवश्यक है। मगर सुविवि ने असिस्टेंट प्रोफेसर की 30 में से 23 भर्तियों में सिर्फ एक-एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट बुलाया। एसोसिएट प्रोफेसर की भी सभी छह भर्तियों पर सिर्फ 2-2 एक्सपर्ट बुलाए गए। भास्कर ने कई कुलपतियों सहित उच्च शिक्षा के जानकारों से बात की तो उन्होंने भी कम से कम दो एक्सपर्ट बुलाना जरूरी बताया है।
दूसरा पहलू : बाकी 7 में से सिर्फ लॉ में आए तीन विशेषज्ञ, पिछली भर्तियों से एकदम उलट
विवि ने असिस्टेंट प्रोफेसर की 30, एसोसिएट प्रोफेसर की 6 और प्रोफेसर पद पर दो भर्तियां की। असिस्टेंट प्रोफेसर की 30 में से 23 भर्तियों में सिर्फ एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट बुलाया गया, जबकि 6 भर्तियों में 2 सब्जेक्ट एक्सपर्ट बुलाए गए। सिर्फ असिस्टेंट प्राेफेसर लॉ की ही एकमात्र ऐसी भर्ती रही, जिसमें 3 सब्जेक्ट एक्सपर्ट रहे। एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की बात करें तो सिर्फ बॉयोटेक्नोलॉजी में प्रोफेसर पद के इंटरव्यू के लिए तीन एक्सपर्ट बुलाए गए। जबकि अन्य 7 भर्तियों में 2-2 एक्सपर्ट रहे। बता दें कि प्रदेश में पिछले वर्षों में हुई सभी भर्तियों में कम से कम 2 एक्सपर्ट हर भर्ती के लिए बुलाए गए। राजस्थान यूनिवर्सिटी, जेएनवीयू जोधपुर, सुविवि में (आईवी त्रिवेदी के कार्यकाल में) और एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित प्रदेश के सभी विवि में हुई पिछली भर्तियों में दो-दो एक्सपर्ट बुलाए गए थे।
ये है दूसरे कुलपतियों की राय
जनजाति विवि के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने कहा कि 5 लोगों के कोरम में कम से कम दो एक्सपर्ट होने जरूरी हैं। जिस विषय का इंटरव्यू है और उसका जानने वाला अगर एक ही है तो वो कितने और क्या सवाल पूछ पाएगा। कृषि विवि जोधपुर के कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा और भरतपुर विवि के कुलपति प्रो. अश्विनी कुमार बंसल ने भी कम से कम दो सब्जेक्ट एक्सपर्ट बुलाए जाने की पैरवी की। आरपीएससी अध्यक्ष और सुविवि के पूर्व कुलपति प्रो. बीएल चौधरी ने कहा कि आरपीएससी दो एक्सपर्ट बुलाता है और विवि भी भर्तियों में दो ही विशेषज्ञ बुलाते हैं।
नियम : यह होना ही चाहिए
यूजीसी रेग्युलेशन : यूजीसी रेग्युलेशन ऑन मिनिमम क्वालिफिकेशन फॉर अपॉइंटमेंट आॅफ टीचर्स एंड अदर एकेडमिक स्टाफ इन यूनिवर्सिटी 2018 के 5.1 में सलेक्शन कमेटीज एंड गाइडलाइंस ऑन सलेक्शन के तीसरे पॉइंट के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर की चयन प्रक्रिया के लिए कोरम में कम से कम पांच सदस्यों होने चाहिए, जिनमें से तीन सब्जेक्ट एक्सपर्ट होने जरूरी है। इसी के पॉइंट बी में लिखा है कि कोरम में कम से कम चार सदस्य हों, इनमें कम से कम दो सब्जेक्ट एक्सपर्ट होने जरूरी है। एसोसिएट प्रोफेसर या प्रोफेसर के लिए तीन सब्जेक्ट एक्सपर्ट होना जरूरी है।
भर्तियों से पहले बना दी नई गाइड लाइन
विवि ने भर्तियों से पहले बॉम की बैठक कर गाइड लाइन तैयार की। पिछले साल 22 जुलाई को हुई इस बैठक में आगामी शिक्षक भर्तियों को लेकर यूजीसी के रेग्युलेशन और विवि के एक्ट को ध्यान में रखते हुए नियम तैयार किए। इसमें विवि के नियम 6 में सलेक्शन कमेटी/ स्क्रीनिंग कम इवेल्यूएशन में पहले यह लिखा गया है कि सलेक्शन में कम से कम एक एक्सपर्ट होना आवश्यक है। वहीं अंत में यह लिखा गया है कि पांच सदस्यों के कोरम में 2 सब्जेक्ट एक्सपर्ट होना जरूरी है।
सुविवि का एक्ट
सुविवि एक्ट 1962 के तहत पांचवें पॉइंट कान्सटीट्यूशन ऑफ सलेक्शन कमेटीज के फर्स्ट शिड्यूल के तीसरे पॉइंट में रीडर, लेक्चरर और अन्य समकक्ष पदों पर भर्ती के लिए नियम है। इसके तीसरे अंक के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए दो सब्जेक्ट एक्सपर्ट होने जरूरी हैं, वहीं एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के लिए तीन सब्जेक्ट होने जरूरी हैं।
आकस्मिक स्थिति में
विवि को कम से कम दो एक्सपर्ट बुलाने होते हैं, मगर विवि एक्ट में विश्वविद्यालयों को यह राहत दी गई है कि किसी आकस्मिक स्थिति में अगर एेन वक्त पर कोई सब्जेक्ट एक्सपर्ट आने से मना कर दे तो एक एक्सपर्ट की मौजूदगी में इंटरव्यू करवाए जा सकते हैं। बीएल चौधरी बताते हैं कि कभी-कभार ऐसा होता है, जब सब्जेक्ट एक्सपर्ट एेन वक्त पर नहीं आ पाता है, उसी स्थिति में यह रियायत मिलती है।
आरपीएससी भी भर्तियों में दो एक्सपर्ट रखता है
विवि अपनी भर्तियों को अंतत: यूजीसी रेग्युलेशन और आरपीएससी की भर्ती प्रक्रिया के मापदंडों पर खरा उतरता बताता है। मगर आरपीएससी में शिक्षकों के असिस्टेंट प्रोफेसर में कम से कम दो सब्जेक्ट एक्सपर्ट जरूर होते हैं।
प्रो. जेपी शर्मा, कुलपति, सुविवि
हमने तो बुलाया था, नहीं आए तो क्या कर सकते हैं
भास्कर : 30 में से 23 असिस्टेंट प्रोफेसर के इंटरव्यू में सिंगल एक्सपर्ट आए ऐसा क्यों?
कुलपति : एक्सपर्ट को तो बुलाया है पर इलेवंथ आवर में लोगों ने आने से मना कर दिया, इसलिए ऐसा हुआ है।
भास्कर : 1-2 मामलों में ऐसा हो तो इत्तफाक माना जा सकता है, 30 में से 23 में अचानक एक्सपर्ट ने मना कर दिया क्या?
कुलपति : एक एक्सपर्ट की मौजूदगी में भी करा सकते हैं इंटरव्यू, हमने तो ज्यादा बुलाए थे और कई भर्तियों में ज्यादा एक्सपर्ट आए भी हैं। अब नहीं आए तो क्या कर सकते हैं।
शिक्षाविदों की मांग
साख बचाने के लिए रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करे विवि : सुविवि पर लगातार लग रहे आरोपों को देखते हुए प्रदेशभर के शिक्षाविदों ने मांग कि है कि अपनी साख बचाने और खुद को सही साबित करने के लिए भर्तियों के इंटरव्यू की वीडियो रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करनी चाहिए। लोगों ने सलाह दी है कि खुद को सही साबित करने के लिए विवि की वेबसाइट पर रिकॉर्डिंग डाल देनी चाहिए।
कराकर भर्तियां करा ली गईं। यूजीसी रेग्युलेशन और विवि अधिनियम के अनुसार भर्तियों के दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए दो और एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के लिए तीन सब्जेक्ट एक्सपर्ट बुलाने जरूरी हैं। वहीं सब्जेक्ट एक्सपर्ट सहित 5 लोगों के कोरम में इंटरव्यू होना आवश्यक है। मगर सुविवि ने असिस्टेंट प्रोफेसर की 30 में से 23 भर्तियों में सिर्फ एक-एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट बुलाया। एसोसिएट प्रोफेसर की भी सभी छह भर्तियों पर सिर्फ 2-2 एक्सपर्ट बुलाए गए। भास्कर ने कई कुलपतियों सहित उच्च शिक्षा के जानकारों से बात की तो उन्होंने भी कम से कम दो एक्सपर्ट बुलाना जरूरी बताया है।
दूसरा पहलू : बाकी 7 में से सिर्फ लॉ में आए तीन विशेषज्ञ, पिछली भर्तियों से एकदम उलट
विवि ने असिस्टेंट प्रोफेसर की 30, एसोसिएट प्रोफेसर की 6 और प्रोफेसर पद पर दो भर्तियां की। असिस्टेंट प्रोफेसर की 30 में से 23 भर्तियों में सिर्फ एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट बुलाया गया, जबकि 6 भर्तियों में 2 सब्जेक्ट एक्सपर्ट बुलाए गए। सिर्फ असिस्टेंट प्राेफेसर लॉ की ही एकमात्र ऐसी भर्ती रही, जिसमें 3 सब्जेक्ट एक्सपर्ट रहे। एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की बात करें तो सिर्फ बॉयोटेक्नोलॉजी में प्रोफेसर पद के इंटरव्यू के लिए तीन एक्सपर्ट बुलाए गए। जबकि अन्य 7 भर्तियों में 2-2 एक्सपर्ट रहे। बता दें कि प्रदेश में पिछले वर्षों में हुई सभी भर्तियों में कम से कम 2 एक्सपर्ट हर भर्ती के लिए बुलाए गए। राजस्थान यूनिवर्सिटी, जेएनवीयू जोधपुर, सुविवि में (आईवी त्रिवेदी के कार्यकाल में) और एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित प्रदेश के सभी विवि में हुई पिछली भर्तियों में दो-दो एक्सपर्ट बुलाए गए थे।
ये है दूसरे कुलपतियों की राय
जनजाति विवि के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने कहा कि 5 लोगों के कोरम में कम से कम दो एक्सपर्ट होने जरूरी हैं। जिस विषय का इंटरव्यू है और उसका जानने वाला अगर एक ही है तो वो कितने और क्या सवाल पूछ पाएगा। कृषि विवि जोधपुर के कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा और भरतपुर विवि के कुलपति प्रो. अश्विनी कुमार बंसल ने भी कम से कम दो सब्जेक्ट एक्सपर्ट बुलाए जाने की पैरवी की। आरपीएससी अध्यक्ष और सुविवि के पूर्व कुलपति प्रो. बीएल चौधरी ने कहा कि आरपीएससी दो एक्सपर्ट बुलाता है और विवि भी भर्तियों में दो ही विशेषज्ञ बुलाते हैं।
नियम : यह होना ही चाहिए
यूजीसी रेग्युलेशन : यूजीसी रेग्युलेशन ऑन मिनिमम क्वालिफिकेशन फॉर अपॉइंटमेंट आॅफ टीचर्स एंड अदर एकेडमिक स्टाफ इन यूनिवर्सिटी 2018 के 5.1 में सलेक्शन कमेटीज एंड गाइडलाइंस ऑन सलेक्शन के तीसरे पॉइंट के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर की चयन प्रक्रिया के लिए कोरम में कम से कम पांच सदस्यों होने चाहिए, जिनमें से तीन सब्जेक्ट एक्सपर्ट होने जरूरी है। इसी के पॉइंट बी में लिखा है कि कोरम में कम से कम चार सदस्य हों, इनमें कम से कम दो सब्जेक्ट एक्सपर्ट होने जरूरी है। एसोसिएट प्रोफेसर या प्रोफेसर के लिए तीन सब्जेक्ट एक्सपर्ट होना जरूरी है।
भर्तियों से पहले बना दी नई गाइड लाइन
विवि ने भर्तियों से पहले बॉम की बैठक कर गाइड लाइन तैयार की। पिछले साल 22 जुलाई को हुई इस बैठक में आगामी शिक्षक भर्तियों को लेकर यूजीसी के रेग्युलेशन और विवि के एक्ट को ध्यान में रखते हुए नियम तैयार किए। इसमें विवि के नियम 6 में सलेक्शन कमेटी/ स्क्रीनिंग कम इवेल्यूएशन में पहले यह लिखा गया है कि सलेक्शन में कम से कम एक एक्सपर्ट होना आवश्यक है। वहीं अंत में यह लिखा गया है कि पांच सदस्यों के कोरम में 2 सब्जेक्ट एक्सपर्ट होना जरूरी है।
सुविवि का एक्ट
सुविवि एक्ट 1962 के तहत पांचवें पॉइंट कान्सटीट्यूशन ऑफ सलेक्शन कमेटीज के फर्स्ट शिड्यूल के तीसरे पॉइंट में रीडर, लेक्चरर और अन्य समकक्ष पदों पर भर्ती के लिए नियम है। इसके तीसरे अंक के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए दो सब्जेक्ट एक्सपर्ट होने जरूरी हैं, वहीं एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के लिए तीन सब्जेक्ट होने जरूरी हैं।
आकस्मिक स्थिति में
विवि को कम से कम दो एक्सपर्ट बुलाने होते हैं, मगर विवि एक्ट में विश्वविद्यालयों को यह राहत दी गई है कि किसी आकस्मिक स्थिति में अगर एेन वक्त पर कोई सब्जेक्ट एक्सपर्ट आने से मना कर दे तो एक एक्सपर्ट की मौजूदगी में इंटरव्यू करवाए जा सकते हैं। बीएल चौधरी बताते हैं कि कभी-कभार ऐसा होता है, जब सब्जेक्ट एक्सपर्ट एेन वक्त पर नहीं आ पाता है, उसी स्थिति में यह रियायत मिलती है।
आरपीएससी भी भर्तियों में दो एक्सपर्ट रखता है
विवि अपनी भर्तियों को अंतत: यूजीसी रेग्युलेशन और आरपीएससी की भर्ती प्रक्रिया के मापदंडों पर खरा उतरता बताता है। मगर आरपीएससी में शिक्षकों के असिस्टेंट प्रोफेसर में कम से कम दो सब्जेक्ट एक्सपर्ट जरूर होते हैं।
प्रो. जेपी शर्मा, कुलपति, सुविवि
हमने तो बुलाया था, नहीं आए तो क्या कर सकते हैं
भास्कर : 30 में से 23 असिस्टेंट प्रोफेसर के इंटरव्यू में सिंगल एक्सपर्ट आए ऐसा क्यों?
कुलपति : एक्सपर्ट को तो बुलाया है पर इलेवंथ आवर में लोगों ने आने से मना कर दिया, इसलिए ऐसा हुआ है।
भास्कर : 1-2 मामलों में ऐसा हो तो इत्तफाक माना जा सकता है, 30 में से 23 में अचानक एक्सपर्ट ने मना कर दिया क्या?
कुलपति : एक एक्सपर्ट की मौजूदगी में भी करा सकते हैं इंटरव्यू, हमने तो ज्यादा बुलाए थे और कई भर्तियों में ज्यादा एक्सपर्ट आए भी हैं। अब नहीं आए तो क्या कर सकते हैं।
शिक्षाविदों की मांग
साख बचाने के लिए रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करे विवि : सुविवि पर लगातार लग रहे आरोपों को देखते हुए प्रदेशभर के शिक्षाविदों ने मांग कि है कि अपनी साख बचाने और खुद को सही साबित करने के लिए भर्तियों के इंटरव्यू की वीडियो रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करनी चाहिए। लोगों ने सलाह दी है कि खुद को सही साबित करने के लिए विवि की वेबसाइट पर रिकॉर्डिंग डाल देनी चाहिए।
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