अजमेर. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती (Teacher Recruitment)
2004 में वंचित रहे अभ्यर्थियों का मामला केंद्रीय सतर्कता आयोग में पहुंच
गया है। आयोग ने अभ्यर्थी मुकेश त्रिवेदी की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर
लिया है। उधर राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने इस प्रकरण को लगभग समाप्त करते हुए नियुक्तियों से साफ इन्कार किया है।
अभ्यर्थी त्रिवेदी की ओर से सतर्कता आयोग को भेजी गई शिकायत में लिखा गया है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग को बार-बार परिवेदनाएं भेजी जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। केवल जुलाई और अगस्त में ही लगभग 500 से ऊपर परिवेदनाएं भेजी जा चुकी है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि आरपीएससी के परीक्षा विभाग ने नियमों की अवहेलना कर 2812 पुरुष अभ्यर्थियों को नियुक्ति से वंचित कर उन्हें क्षतिकारित किया गया है। अभ्यर्थियों ने मांग की है कि इस सम्पूर्ण चयन प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
यह है मामला
शिक्षक भर्ती 2004 में वंचित अभ्यर्थी पिछले 15 साल से नियुक्ति के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि उक्त भर्ती में आयोग की ओर से मनमर्जी का आरक्षण प्रावधान लागू करके हॉरिजेंटल में 2354 महिलाओं को अधिक पोस्टिंग दे दी, जबकि इन पदों पर पुरुष अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जानी थी।
चार महीने बाद मिली जानकारी
अभ्यर्थी की ओर से सतर्कता आयोग में अगस्त 2019 में प्रकरण भेजा गया। आयोग ने प्रकरण दर्ज कर लिया लेकिन इसकी जानकारी शिकायतकर्ता को चार दिन पहले 15 जनवरी को डाक से दी गई है।
अभ्यर्थी त्रिवेदी की ओर से सतर्कता आयोग को भेजी गई शिकायत में लिखा गया है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग को बार-बार परिवेदनाएं भेजी जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। केवल जुलाई और अगस्त में ही लगभग 500 से ऊपर परिवेदनाएं भेजी जा चुकी है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि आरपीएससी के परीक्षा विभाग ने नियमों की अवहेलना कर 2812 पुरुष अभ्यर्थियों को नियुक्ति से वंचित कर उन्हें क्षतिकारित किया गया है। अभ्यर्थियों ने मांग की है कि इस सम्पूर्ण चयन प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
यह है मामला
शिक्षक भर्ती 2004 में वंचित अभ्यर्थी पिछले 15 साल से नियुक्ति के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि उक्त भर्ती में आयोग की ओर से मनमर्जी का आरक्षण प्रावधान लागू करके हॉरिजेंटल में 2354 महिलाओं को अधिक पोस्टिंग दे दी, जबकि इन पदों पर पुरुष अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जानी थी।
चार महीने बाद मिली जानकारी
अभ्यर्थी की ओर से सतर्कता आयोग में अगस्त 2019 में प्रकरण भेजा गया। आयोग ने प्रकरण दर्ज कर लिया लेकिन इसकी जानकारी शिकायतकर्ता को चार दिन पहले 15 जनवरी को डाक से दी गई है।
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