राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में की गई ऑनलाइन हाजरी की
व्यवस्था का विभिन्न शिक्षक संघों ने विरोध जताना शुरू कर दिया। साथ ही
मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा गया है। राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज
कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा व राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के
प्रदेश संघर्ष समिति संयोजक यादवेन्द्र शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार
द्वारा विद्यालयों में बिना संसाधनों के ऑनलाइन हाजरी की व्यवस्था करना
जल्दबाजी है।
सरकार ऑनलाइन हाजरी की व्यवस्था लागू करने से पहले विद्यालयों में समस्त संसाधनों की व्यवस्था करें और फिर निदेशालय से लेकर विभाग के समस्त कार्यालयों सहित विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन हाजरी की व्यवस्था कर सकती है। लेकिन जिस प्रकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था को तबाह करने के लिए प्रयोग किए। जिससे शिक्षकों तथा शिक्षा से सरोकार रखने वाले नागरिकों में भारी असंतोष व गुस्सा पैदा हुआ। उसका फायदा उठाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षा से संबंधित जनता से अनेक वायदे किए, परंतु उन वायदों की क्रियान्विति नहीं हुई। न तो एकीकरण के तहत बंद किए गए विद्यालय खुले, ना खाली पद भरे गए। न ही सभी विद्यालयों में आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। इसलिए सरकार अपनी नाकामी से जनता का ध्यान हटाने के लिए ऑनलाइन हाजरी की व्यवस्था जैसे प्रयोग कर रही है।
शिक्षा विभाग में लम्बे समय से सहायक कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई है। इसलिए अधिकतर विद्यालयों में सहायक कर्मचारी नहीं हैं, हजारों विद्यालयों में बिजली के कनेक्शन नहीं हैं, सभी विद्यालयों में नेट की सुविधा नहीं है। कम्प्यूटर शिक्षक नहीं हैं, विद्यालयों में हजारों शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं और कार्यरत शिक्षकों में से हजारों शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगा रखा है। इसके बाद भी शिक्षा विभाग की व्यवस्थाओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए ऑनलाइन उपस्थिति और अवकाश स्वीकृति का दिखावा किया जा रहा है। संगठन ऑनलाइन हाजरी व्यवस्था के खिलाफ आन्दोलन की रूपरेखा तैयार कर प्रदेश भर में विरोध कार्रवाई करेगा।
सरकार ऑनलाइन हाजरी की व्यवस्था लागू करने से पहले विद्यालयों में समस्त संसाधनों की व्यवस्था करें और फिर निदेशालय से लेकर विभाग के समस्त कार्यालयों सहित विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन हाजरी की व्यवस्था कर सकती है। लेकिन जिस प्रकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था को तबाह करने के लिए प्रयोग किए। जिससे शिक्षकों तथा शिक्षा से सरोकार रखने वाले नागरिकों में भारी असंतोष व गुस्सा पैदा हुआ। उसका फायदा उठाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षा से संबंधित जनता से अनेक वायदे किए, परंतु उन वायदों की क्रियान्विति नहीं हुई। न तो एकीकरण के तहत बंद किए गए विद्यालय खुले, ना खाली पद भरे गए। न ही सभी विद्यालयों में आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। इसलिए सरकार अपनी नाकामी से जनता का ध्यान हटाने के लिए ऑनलाइन हाजरी की व्यवस्था जैसे प्रयोग कर रही है।
शिक्षा विभाग में लम्बे समय से सहायक कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई है। इसलिए अधिकतर विद्यालयों में सहायक कर्मचारी नहीं हैं, हजारों विद्यालयों में बिजली के कनेक्शन नहीं हैं, सभी विद्यालयों में नेट की सुविधा नहीं है। कम्प्यूटर शिक्षक नहीं हैं, विद्यालयों में हजारों शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं और कार्यरत शिक्षकों में से हजारों शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगा रखा है। इसके बाद भी शिक्षा विभाग की व्यवस्थाओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए ऑनलाइन उपस्थिति और अवकाश स्वीकृति का दिखावा किया जा रहा है। संगठन ऑनलाइन हाजरी व्यवस्था के खिलाफ आन्दोलन की रूपरेखा तैयार कर प्रदेश भर में विरोध कार्रवाई करेगा।
No comments:
Post a Comment