जोधपुर.जेएनवीयू के शिक्षक भर्ती घोटाले में एसीबी ने लखनऊ के गन्ना अनुसंधान केंद्र में तैनात वैज्ञानिक व जोधपुर काजरी के पूर्व निदेशक डॉ. एमएम राय को गिरफ्तार किया है। मंगलवार को डॉ. राय को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। डॉ. राय साक्षात्कार बोर्ड में राज्यपाल के प्रतिनिधि थे।
इन साक्षात्कारों में बताई गई डॉ. राय की उपस्थिति
25 दिसंबर 2012 को जेएनवीयू में संस्कृत विभाग के प्रोफेसर एवं एसोसिएट प्रोफेसर के साक्षात्कार हुए, जो कि दोपहर दो बजे पर प्रारंभ हुए। इनमें संस्कृत विभाग में प्रोफेसर पद पर प्रो. प्रभावती चौधरी के चयन की अनुशंसा की गई, जिसे सिंडिकेट ने मान लिया।
26 दिसंबर 2012 को गृह विज्ञान विभाग के प्रोफेसर के लिए साक्षात्कार हुए। साक्षात्कार में गृह विज्ञान में प्रोफेसर पद पर डॉ. उषा कोठारी एवं सहायक प्रोफेसर के पद पर डॉ. ज्योति मीणा के चयन की अनुशंसा की गई । इसे 12 फरवरी 2013 को आयोजित सिंडिकेट में मान लिया गया।
दो शिक्षकों ने जेल से वीसी को पत्र भेज कहा- बाहर आकर जवाब देंगे
जेएनवीयू शिक्षक भर्ती-2013 के लाभार्थी 34 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को विवि प्रबंधन को अपना जवाब देने का मंगलवार को अंतिम दिन था। दो शिक्षक जो जेल में न्यायिक अभिरक्षा में हैं, उन्होंने कुलपति प्रो. आरपी सिंह को पत्र भेजकर कहा कि वे जेल में हैं और जब जमानत हो जाएगी तो बाहर आकर जवाब देंगे। दो शिक्षकों को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया था, अभी तक उनकी जमानत नहीं हुई है। उन्होंने जवाब भेजने के आखिरी दिन जेल से कुलपति के नाम एक पत्र भेजा।
इनमें अंग्रेजी विभाग के विवेक ने कहा कि वे जेल में हैं तथा उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। इसलिए वे जवाब देने में असमर्थ हैं। वे जमानत मिलने के बाद बाहर आकर ही जवाब दे पाएंगे। वहीं समाजशास्त्र के ऋषभ गहलोत ने कहा कि वे जेल में बैठकर जवाब देने में असमर्थ हैं। कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट ने 28 फरवरी तक जवाब स्वीकार करने के निर्देश दिए थे। रात 12 बजे तक जिनके जवाब आएंगे, उन्हें स्वीकार कर लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार शाम 6 बजे तक 20 से 22 शिक्षकों के ही जवाब आए। जवाब देने वालों में अधिकांश वे अभ्यर्थी हैं, जिनकी डिग्री पीएचडी रेग्युलेशन 2009 के अनुसार नहीं थी और कुछ की योग्यता निर्धारित तिथि 25 जनवरी 2012 तक पूर्ण नहीं हो रही थी।
मंगलवार शाम तक डॉ. डूंगरसिंह खींची के भाई राजेंद्रसिंह खींची व भाभी शरद शेखावत और जेएनवीयू के पूर्व प्रोफेसर डॉ. एमएल वडेरा का जवाब भी जेएनवीयू को नहीं मिला था। वहीं अब तक आए अधिकांश शिक्षकों ने अपने जवाब में कहा कि उनका चयन सही हुआ है, विवि ने भर्ती के लिए नवंबर में 74/2011-12 विज्ञापन जारी किया था, उसके अनुसार उनकी योग्यताएं सही थीं।
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इन साक्षात्कारों में बताई गई डॉ. राय की उपस्थिति
25 दिसंबर 2012 को जेएनवीयू में संस्कृत विभाग के प्रोफेसर एवं एसोसिएट प्रोफेसर के साक्षात्कार हुए, जो कि दोपहर दो बजे पर प्रारंभ हुए। इनमें संस्कृत विभाग में प्रोफेसर पद पर प्रो. प्रभावती चौधरी के चयन की अनुशंसा की गई, जिसे सिंडिकेट ने मान लिया।
26 दिसंबर 2012 को गृह विज्ञान विभाग के प्रोफेसर के लिए साक्षात्कार हुए। साक्षात्कार में गृह विज्ञान में प्रोफेसर पद पर डॉ. उषा कोठारी एवं सहायक प्रोफेसर के पद पर डॉ. ज्योति मीणा के चयन की अनुशंसा की गई । इसे 12 फरवरी 2013 को आयोजित सिंडिकेट में मान लिया गया।
दो शिक्षकों ने जेल से वीसी को पत्र भेज कहा- बाहर आकर जवाब देंगे
जेएनवीयू शिक्षक भर्ती-2013 के लाभार्थी 34 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को विवि प्रबंधन को अपना जवाब देने का मंगलवार को अंतिम दिन था। दो शिक्षक जो जेल में न्यायिक अभिरक्षा में हैं, उन्होंने कुलपति प्रो. आरपी सिंह को पत्र भेजकर कहा कि वे जेल में हैं और जब जमानत हो जाएगी तो बाहर आकर जवाब देंगे। दो शिक्षकों को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया था, अभी तक उनकी जमानत नहीं हुई है। उन्होंने जवाब भेजने के आखिरी दिन जेल से कुलपति के नाम एक पत्र भेजा।
इनमें अंग्रेजी विभाग के विवेक ने कहा कि वे जेल में हैं तथा उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। इसलिए वे जवाब देने में असमर्थ हैं। वे जमानत मिलने के बाद बाहर आकर ही जवाब दे पाएंगे। वहीं समाजशास्त्र के ऋषभ गहलोत ने कहा कि वे जेल में बैठकर जवाब देने में असमर्थ हैं। कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट ने 28 फरवरी तक जवाब स्वीकार करने के निर्देश दिए थे। रात 12 बजे तक जिनके जवाब आएंगे, उन्हें स्वीकार कर लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार शाम 6 बजे तक 20 से 22 शिक्षकों के ही जवाब आए। जवाब देने वालों में अधिकांश वे अभ्यर्थी हैं, जिनकी डिग्री पीएचडी रेग्युलेशन 2009 के अनुसार नहीं थी और कुछ की योग्यता निर्धारित तिथि 25 जनवरी 2012 तक पूर्ण नहीं हो रही थी।
मंगलवार शाम तक डॉ. डूंगरसिंह खींची के भाई राजेंद्रसिंह खींची व भाभी शरद शेखावत और जेएनवीयू के पूर्व प्रोफेसर डॉ. एमएल वडेरा का जवाब भी जेएनवीयू को नहीं मिला था। वहीं अब तक आए अधिकांश शिक्षकों ने अपने जवाब में कहा कि उनका चयन सही हुआ है, विवि ने भर्ती के लिए नवंबर में 74/2011-12 विज्ञापन जारी किया था, उसके अनुसार उनकी योग्यताएं सही थीं।
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