जोधपुर।
सुप्रीम कोर्ट ने बहु चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार छह
आरोपियों में से एक जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीएस
राजपुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। राज्य
सरकार को लताड़ लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राजपुरोहित की गिरफ्तारी को ही
अवैध करार दिया।राज्य सरकार को पड़ी लताड़...
- पूर्व कुलपति की ओर से आज सुप्रीम कोर्ट में शिक्षक भर्ती घोटाले में उन्हें गिरफ्तार करने के तरीके को लेकर याचिका दायर की गई।
- न्यायाधीश पिनाकी चन्द्र घोष की बेंच में में राजपुरोहित की वकील ऐश्वर्या भाटी ने गिरफ्तारी पर ही सवाल उठाए।
- उन्होंने तर्क दिया कि इस मामले सुप्रीम कोर्ट ने एसीबी को जांच कर उसकी रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
- इस रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जानी थी, लेकिन एसीबी ने जल्दबाजी दिखाते हुए राजपुरोहित की अवैध तरीके से गिरफ्तार कर लिया।
- न्यायाधीश पिनाकी चन्द्र घोष ने इस पर राज्य सरकार को लताड़ लगाते हुए राजपुरोहित की गिरफ्तारी को अवैध बताया और उन्हें तुरंत रिहा करने का आदेश दिया।
- उन्होंने कहा कि जमानत वैध तरीके से गिरफ्तार व्यक्ति को प्रदान की जाती है न कि अवैध तरीके से गिरफ्तार व्यक्ति को। ऐसे में राजपुरोहित को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया।
- न्यायाधीश पिनाकी चन्द्र घोष की बेंच में में राजपुरोहित की वकील ऐश्वर्या भाटी ने गिरफ्तारी पर ही सवाल उठाए।
- उन्होंने तर्क दिया कि इस मामले सुप्रीम कोर्ट ने एसीबी को जांच कर उसकी रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
- इस रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जानी थी, लेकिन एसीबी ने जल्दबाजी दिखाते हुए राजपुरोहित की अवैध तरीके से गिरफ्तार कर लिया।
- न्यायाधीश पिनाकी चन्द्र घोष ने इस पर राज्य सरकार को लताड़ लगाते हुए राजपुरोहित की गिरफ्तारी को अवैध बताया और उन्हें तुरंत रिहा करने का आदेश दिया।
- उन्होंने कहा कि जमानत वैध तरीके से गिरफ्तार व्यक्ति को प्रदान की जाती है न कि अवैध तरीके से गिरफ्तार व्यक्ति को। ऐसे में राजपुरोहित को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया।
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