डीईओ की सफाई- लिपिक शिक्षिका ने तो कुछ नहीं किया
जांच अधिकारी डीईओ प्रारंभिक गोरधनलाल सुथार ने जब पूछा की पूरे मामले में क्या कार्रवाई की। तो उन्होंने सीधे ही बोल दिया की आप कही रिकॉर्डिंग तो नहीं कर रहे है। इस मामले में सिर्फ एडीईओ ने ही फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी किया है।
लिपिक अनुज दवे शिक्षिका रेखा सेानी ने कोई गलती नहीं की है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि लिपिक ने तो सिर्फ एडीईओ के कहने पर ही काम किया है। वो तो इस मामले में कोई दोषी नहीं है। वही शिक्षिका की भी कोई गलती नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब शिक्षिका ने ज्वाइन नहीं किया तो वो कहां पर थी। विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं है।
^ मामले में डीडी को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें सिर्फ एडीईओ ही दोषी है। लिपिक शिक्षिका ने तो कोई गलती नहीं की है। आप कही रिकार्डिंग तो नहीं कर रहे है। लिपिक ने तो एडीईओ के कहने पर ही काम किया। गोरधनलालसुथार, जांच अधिकारी डीईओं प्रारंभिक
^डीईओ प्रारंभिक की जांच रिपोर्ट अाने के साथ ही मैने निदेशक को चार्जशीट देकर इनके खिलाफ कार्रवाई करने को लिख दिया है। शिक्षिका लिपिक के मामले को लेकर भी वापस जांच करवाता हूं, दोषियों के खिलाफ 100 फीसदी कार्रवाई होगी। भरतकुमारमेहता, डीडी माध्यमिक
इस मामले से समझें शिक्षा विभाग में मनमर्जी के कामकाज को
{रामवि,बगड़ी की प्रधानाध्यापिका की सिफारिश पर दो शिक्षिकाओं रेखा सोनी सुमनबाला को डीईओ ने एपीओ कर पाली कार्यालय में हाजिरी देने के आदेश दिए
{17 फरवरी को एडीईओ धन्नाराम परिहार ने दोनों के आंशिक मुख्यालय में परिवर्तन कर वापस उसी स्कूल में भेज दिया
{शिक्षिका रेखा सोनी ने इससे पहले डीईओ ऑफिस में ज्वॉइन किया और ही 17 फरवरी या इसके बाद स्कूल में
{इस पर भी एडीईओ के हस्ताक्षर से रेखा सोनी को 15 से 24 फरवरी का डीईओ ऑफिस से उपस्थिति प्रमाण जारी कर दिया गया।
{मामले की शिकायत हुई तो शिक्षिका ने डीईओ ऑफिस पहुंचकर बैकडेट में फरवरी के बजाय 15 से 24 मार्च के साइन रजिस्टर में कर दिए।
{डीईओ ने सोजत रोड स्कूल प्रिंसिपल को दिए थे, मामले की जांच के आदेश, इसके बाद भूल गए, अब भास्कर ने गड़बड़ी उजागर की तो गुरुवार को प्रिंसिपल पहुंची जांच रिपोर्ट लेकर।
{जांच रिपोर्ट में सिर्फ तात्कालिक एडीईओ धन्नाराम परिहार को ही दोषी माना, जबकि संबंधित लिपिक अनुज दवे शिक्षिका रेखा सोनी के खिलाफ कोई आरोप तक नहीं?
{ पूरी जांच रिपोर्ट की सवालों के घेरे में - जांच अधिकारी डीईओ प्रारंभिक गोरधनलाल सुथार द्वारा की गई जांच रिपोर्ट ही सवालों के घेरे में गई है।
{शिक्षिका को 10 दिन तक बिना उपस्थिति ही तात्कालिक एडीईओ धन्नाराम परिहार लिपिक ने फर्जी उपस्थिति प्रमाण जारी कर दिया था।
भास्कर संवाददाता | पाली
बगड़ीनगर स्कूल की शिक्षिका को तात्कालिक एडीईओ धन्नाराम परिहार द्वारा 10 दिन के फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में डीईओ (प्रारंभिक) गोरधनलाल सुथार की जांच रिपोर्ट ही सवालों के दायरे में गई है। जांच में डीईओ ने इस पूरे मामले में एडीईओ धन्नाराम परिहार को ही दोषी माना है, जबकि संबंधित लिपिक तथा जिस शिक्षिका के नाम पर फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी किया गया, उसे निर्दोष करार दे दिया गया है। इस बारे में डीईओ का जवाब भी काफी अटपटा है कि शिक्षिका को क्यो दोष दे?। पूरा मामला एडीईओ पर ही बनता है। गौरतलब है एडीईओ परिहार ने शिक्षिका रेखा सोनी को बिना ज्वॉइन कराए ही 17 फरवरी को इनका मुख्यालय बदलकर वापस वही स्कूल कर दिया। शिक्षिका रेखा सोनी ने यहां भी ज्वॉइन नहीं किया तो एडीईओ ने उसे 15 से 24 फरवरी तक का फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
बड़ासवाल- शिक्षिकाउपस्थित ही नहीं तो कैसे जारी किया प्रमाण-पत्र
शिक्षिकारेखा सोनी ने डीईओ ऑफिस में हाजिरी दी और ही स्कूल में। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर उसने हाजिरी कहां दी। किस आधार पर शिक्षा विभाग ने अब तक उसकी सेवा नियमित की। अब जांच रिपोर्ट में भी इस शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर की बात है। नोटिस तक जारी तक नहीं किया है।
जांच अधिकारी डीईओ प्रारंभिक गोरधनलाल सुथार ने जब पूछा की पूरे मामले में क्या कार्रवाई की। तो उन्होंने सीधे ही बोल दिया की आप कही रिकॉर्डिंग तो नहीं कर रहे है। इस मामले में सिर्फ एडीईओ ने ही फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी किया है।
लिपिक अनुज दवे शिक्षिका रेखा सेानी ने कोई गलती नहीं की है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि लिपिक ने तो सिर्फ एडीईओ के कहने पर ही काम किया है। वो तो इस मामले में कोई दोषी नहीं है। वही शिक्षिका की भी कोई गलती नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब शिक्षिका ने ज्वाइन नहीं किया तो वो कहां पर थी। विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं है।
^ मामले में डीडी को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें सिर्फ एडीईओ ही दोषी है। लिपिक शिक्षिका ने तो कोई गलती नहीं की है। आप कही रिकार्डिंग तो नहीं कर रहे है। लिपिक ने तो एडीईओ के कहने पर ही काम किया। गोरधनलालसुथार, जांच अधिकारी डीईओं प्रारंभिक
^डीईओ प्रारंभिक की जांच रिपोर्ट अाने के साथ ही मैने निदेशक को चार्जशीट देकर इनके खिलाफ कार्रवाई करने को लिख दिया है। शिक्षिका लिपिक के मामले को लेकर भी वापस जांच करवाता हूं, दोषियों के खिलाफ 100 फीसदी कार्रवाई होगी। भरतकुमारमेहता, डीडी माध्यमिक
इस मामले से समझें शिक्षा विभाग में मनमर्जी के कामकाज को
{रामवि,बगड़ी की प्रधानाध्यापिका की सिफारिश पर दो शिक्षिकाओं रेखा सोनी सुमनबाला को डीईओ ने एपीओ कर पाली कार्यालय में हाजिरी देने के आदेश दिए
{17 फरवरी को एडीईओ धन्नाराम परिहार ने दोनों के आंशिक मुख्यालय में परिवर्तन कर वापस उसी स्कूल में भेज दिया
{शिक्षिका रेखा सोनी ने इससे पहले डीईओ ऑफिस में ज्वॉइन किया और ही 17 फरवरी या इसके बाद स्कूल में
{इस पर भी एडीईओ के हस्ताक्षर से रेखा सोनी को 15 से 24 फरवरी का डीईओ ऑफिस से उपस्थिति प्रमाण जारी कर दिया गया।
{मामले की शिकायत हुई तो शिक्षिका ने डीईओ ऑफिस पहुंचकर बैकडेट में फरवरी के बजाय 15 से 24 मार्च के साइन रजिस्टर में कर दिए।
{डीईओ ने सोजत रोड स्कूल प्रिंसिपल को दिए थे, मामले की जांच के आदेश, इसके बाद भूल गए, अब भास्कर ने गड़बड़ी उजागर की तो गुरुवार को प्रिंसिपल पहुंची जांच रिपोर्ट लेकर।
{जांच रिपोर्ट में सिर्फ तात्कालिक एडीईओ धन्नाराम परिहार को ही दोषी माना, जबकि संबंधित लिपिक अनुज दवे शिक्षिका रेखा सोनी के खिलाफ कोई आरोप तक नहीं?
{ पूरी जांच रिपोर्ट की सवालों के घेरे में - जांच अधिकारी डीईओ प्रारंभिक गोरधनलाल सुथार द्वारा की गई जांच रिपोर्ट ही सवालों के घेरे में गई है।
{शिक्षिका को 10 दिन तक बिना उपस्थिति ही तात्कालिक एडीईओ धन्नाराम परिहार लिपिक ने फर्जी उपस्थिति प्रमाण जारी कर दिया था।
भास्कर संवाददाता | पाली
बगड़ीनगर स्कूल की शिक्षिका को तात्कालिक एडीईओ धन्नाराम परिहार द्वारा 10 दिन के फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में डीईओ (प्रारंभिक) गोरधनलाल सुथार की जांच रिपोर्ट ही सवालों के दायरे में गई है। जांच में डीईओ ने इस पूरे मामले में एडीईओ धन्नाराम परिहार को ही दोषी माना है, जबकि संबंधित लिपिक तथा जिस शिक्षिका के नाम पर फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी किया गया, उसे निर्दोष करार दे दिया गया है। इस बारे में डीईओ का जवाब भी काफी अटपटा है कि शिक्षिका को क्यो दोष दे?। पूरा मामला एडीईओ पर ही बनता है। गौरतलब है एडीईओ परिहार ने शिक्षिका रेखा सोनी को बिना ज्वॉइन कराए ही 17 फरवरी को इनका मुख्यालय बदलकर वापस वही स्कूल कर दिया। शिक्षिका रेखा सोनी ने यहां भी ज्वॉइन नहीं किया तो एडीईओ ने उसे 15 से 24 फरवरी तक का फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
बड़ासवाल- शिक्षिकाउपस्थित ही नहीं तो कैसे जारी किया प्रमाण-पत्र
शिक्षिकारेखा सोनी ने डीईओ ऑफिस में हाजिरी दी और ही स्कूल में। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर उसने हाजिरी कहां दी। किस आधार पर शिक्षा विभाग ने अब तक उसकी सेवा नियमित की। अब जांच रिपोर्ट में भी इस शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर की बात है। नोटिस तक जारी तक नहीं किया है।
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