होटलोंकी तरह अब सरकारी स्कूल भी फाइव, फोर और थ्री स्टार होंगे। सरकार ने
यह फैसला पढ़ाई के प्रति प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता में
सुधार के लिए उठाया है। यह रेटिंग बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार पर होगी।
अच्छे प्रदर्शन पर फाइव स्टार रेटिंग और खराब प्रदर्शन पर फोर से वन स्टार
तक रेटिंग मिलेगी।
वर्ष 2017 की बोर्ड परीक्षा परिणाम पर स्कूलों को रेटिंग दी जाएगी। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है और आगामी बोर्ड परीक्षा परिणाम के बाद इस योजना को अमली जामा पहना दिया जाएगा। हर स्कूल को 8वीं, 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार रेटिंग मिलेगी। कक्षा 12वीं में संकायवार कला, विज्ञान और वाणिज्य वर्ग के परिणाम के आधार पर अलग-अलग ही रेटिंग तैयार होगी।
{ फाइव स्टार : स्कूलका परिणाम बोर्ड के कुल परिणाम से अधिक है। साथ ही स्कूल में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत भी राज्य स्तर पर प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों के कुल प्रतिशत से अधिक है तो स्कूल को फाइव स्टार की रेटिंग दी जाएगी।
{ फोरस्टार: प्रथमश्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले बच्चों का प्रतिशत राज्य स्तर पर बोर्ड परीक्षा में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के कुल प्रतिशत से कम है तो 4 स्टार की रेटिंग मिलेगी।
{थ्री स्टार :अगर किसी स्कूल में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत राज्य स्तर पर प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के प्रतिशत से तो अधिक है, लेकिन उस स्कूल का परिणाम बोर्ड के कुल परिणाम से कम है तो स्कूल को थ्री स्टार की रेटिंग दी जाएगी।
{टू स्टार :स्कूल का परिणाम और प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत बोर्ड के परिणाम और प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के परिणाम से कम है तो स्कूल को टू स्टार की रेटिंग दी जाएगी।
{वन स्टार :बोर्ड परीक्षा में अगर स्कूल के 95 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया स्कूल को वन स्टार की रेटिंग दी जाएगी। भले ही उसका परिणाम और प्रथम आने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत कुछ भी हो।
स्कूलों को फाइव स्टार कम रेटिंग मिली तो बताना होगा कारण
स्कूलको फाइव स्टार से कम रेटिंग मिलती है तो उसको इसका कारण बताना होगा। संस्थाप्रधान की कमियों की पहचान करते हुए यह भी बताना होगा कि इन कमियों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है। स्कूल को इसे वार्षिक योजना में भी शामिल करना होगा।
40प्रतिशत से कम परिणाम पर शिक्षक के खिलाफ होगी कार्रवाई
इधर,सरकार ने बोर्ड परीक्षा परिणाम में 40 प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई का प्रावधान भी लागू किया है, जिसके तहत जिले में 26 शिक्षकों को नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है, जिसमें 9 संस्थाप्रधान, 3 प्रधानाचार्य, 10 वरिष्ठ शिक्षक और 4 व्याख्याता शामिल है।
वर्ष 2017 की बोर्ड परीक्षा परिणाम पर स्कूलों को रेटिंग दी जाएगी। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है और आगामी बोर्ड परीक्षा परिणाम के बाद इस योजना को अमली जामा पहना दिया जाएगा। हर स्कूल को 8वीं, 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार रेटिंग मिलेगी। कक्षा 12वीं में संकायवार कला, विज्ञान और वाणिज्य वर्ग के परिणाम के आधार पर अलग-अलग ही रेटिंग तैयार होगी।
{ फाइव स्टार : स्कूलका परिणाम बोर्ड के कुल परिणाम से अधिक है। साथ ही स्कूल में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत भी राज्य स्तर पर प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों के कुल प्रतिशत से अधिक है तो स्कूल को फाइव स्टार की रेटिंग दी जाएगी।
{ फोरस्टार: प्रथमश्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले बच्चों का प्रतिशत राज्य स्तर पर बोर्ड परीक्षा में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के कुल प्रतिशत से कम है तो 4 स्टार की रेटिंग मिलेगी।
{थ्री स्टार :अगर किसी स्कूल में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत राज्य स्तर पर प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के प्रतिशत से तो अधिक है, लेकिन उस स्कूल का परिणाम बोर्ड के कुल परिणाम से कम है तो स्कूल को थ्री स्टार की रेटिंग दी जाएगी।
{टू स्टार :स्कूल का परिणाम और प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत बोर्ड के परिणाम और प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के परिणाम से कम है तो स्कूल को टू स्टार की रेटिंग दी जाएगी।
{वन स्टार :बोर्ड परीक्षा में अगर स्कूल के 95 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया स्कूल को वन स्टार की रेटिंग दी जाएगी। भले ही उसका परिणाम और प्रथम आने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत कुछ भी हो।
स्कूलों को फाइव स्टार कम रेटिंग मिली तो बताना होगा कारण
स्कूलको फाइव स्टार से कम रेटिंग मिलती है तो उसको इसका कारण बताना होगा। संस्थाप्रधान की कमियों की पहचान करते हुए यह भी बताना होगा कि इन कमियों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है। स्कूल को इसे वार्षिक योजना में भी शामिल करना होगा।
40प्रतिशत से कम परिणाम पर शिक्षक के खिलाफ होगी कार्रवाई
इधर,सरकार ने बोर्ड परीक्षा परिणाम में 40 प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई का प्रावधान भी लागू किया है, जिसके तहत जिले में 26 शिक्षकों को नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है, जिसमें 9 संस्थाप्रधान, 3 प्रधानाचार्य, 10 वरिष्ठ शिक्षक और 4 व्याख्याता शामिल है।
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