मनोज कुमार पुरोहित| जोधपुर राज्य सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग की लापरवाही प्रदेश की एक बेटी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन रहे कॅरिअर के आड़े रही है। मामला जोधपुर आईआईटी से पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाली और मूल रूप से उदयपुर की हिना राठौड़ का है।
उसे हाल में 8 दिसंबर को दीक्षांत समारोह में पीएचडी की डिग्री से नवाजा गया। उसको कतर यूनिवर्सिटी में पोस्ट डॉक्टरेट करने के लिए प्रवेश मिल गया है। निर्धारित मापदंडों के अनुसार डिग्री सरकार से सत्यापित होनी जरूरी है। इसके लिए उसने राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग में संपर्क किया तो वहां से जवाब मिला कि आईआईटी की डिग्री का अनुमोदन केंद्रीय मंत्रालय ही करेगा। जब वह मानव संसाधन मंत्रालय पहुंची तो उसे करीब 12 साल पुराने आदेश का हवाला देते हुए पुन: राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग में ही जाने को कहा गया। मानव संसाधन मंत्रालय में आईआईटी के सेक्शन ऑफिसर कुंदननाथ का कहना है कि मंत्रालय ने वर्ष 2004 में ही यह आदेश निकाल दिया था कि कोई भी शैक्षणिक संस्थान हो, उसकी डिग्रियों का अनुमोदन संबंधित राज्य का तकनीकी शिक्षा विभाग ही करेगा। देश में यह पहला ‘स्टुपिड केस’ है जो मंत्रालय तक पहुंचा है। यह वहां के तकनीकी शिक्षा विभाग की लापरवाही है। उन्होंने बताया कि आईआईटी जोधपुर का भी पत्र मिल गया है। वर्ष 2004 का आदेश दिल्ली में आरके पुरम स्थित स्कॉलरशिप विंग की ओर से निकाला गया था। इसकी कॉपी मंगवाई गई है, इस बारे में वापस सर्कुलर जारी करेंगे।
आईआईटी जोधपुर के डायरेक्टर प्रो. सीवीआर मूर्ति ने जब 8 दिसंबर को हिना को पीएचडी डिग्री प्रदान की तो उसकी खुशी का कोई पारावार नहीं था, लेकिन कतर जाने के लिए डिग्री का सत्यापन नहीं होने से अब वह मायूस है। फाइल फोटो
मंत्री बोलीं- कॅरिअर से खिलवाड़ नहीं होने देंगे
^इस संबंध में ट्विटर के माध्यम से मुझे जानकारी मिली है। हिना का मामला मेरे पास आया हुआ है। हम इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे। उसकी डिग्री को सत्यापित करवाने का पूरा प्रयास किया जाएगा और उसके कॅरिअर के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
-किरण माहेश्वरी, उच्चएवं तकनीकी शिक्षा मंत्री, राजस्थान
तकनीकी विवि से जुड़ी डिग्रियों का ही अनुमोदन
जोधपुरआईआईटी प्रशासन ने इस बारे में तकनीकी शिक्षा निदेशक एसके सिंह से बात की। सिंह का कहना था कि वे केवल तकनीकी विश्वविद्यालय से जुड़ी डिग्रियों का ही अनुमोदन करते हैं। इस संबंध में उच्च अधिकारी ही जवाब दे सकते हैं। उन्होंने इस मामले में तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव एमएम सेठिया से भी बात की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
हिना को 4 जनवरी को कतर के लिए रवाना होना है, लेकिन अभी तक उसकी डिग्री सत्यापित नहीं हुई है। उसने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर मदद मांगी। मामले की जानकारी राज्य की उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी को मिली तो उन्होंने हीना की मदद करने और उसके कॅरिअर को सुरक्षित रखने का आश्वासन दिया। माहेश्वरी ने कहा कि वे संबंधित अधिकारियों से बात करेंगी, लेकिन अभी तक हुआ कुछ नहीं।
उसे हाल में 8 दिसंबर को दीक्षांत समारोह में पीएचडी की डिग्री से नवाजा गया। उसको कतर यूनिवर्सिटी में पोस्ट डॉक्टरेट करने के लिए प्रवेश मिल गया है। निर्धारित मापदंडों के अनुसार डिग्री सरकार से सत्यापित होनी जरूरी है। इसके लिए उसने राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग में संपर्क किया तो वहां से जवाब मिला कि आईआईटी की डिग्री का अनुमोदन केंद्रीय मंत्रालय ही करेगा। जब वह मानव संसाधन मंत्रालय पहुंची तो उसे करीब 12 साल पुराने आदेश का हवाला देते हुए पुन: राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग में ही जाने को कहा गया। मानव संसाधन मंत्रालय में आईआईटी के सेक्शन ऑफिसर कुंदननाथ का कहना है कि मंत्रालय ने वर्ष 2004 में ही यह आदेश निकाल दिया था कि कोई भी शैक्षणिक संस्थान हो, उसकी डिग्रियों का अनुमोदन संबंधित राज्य का तकनीकी शिक्षा विभाग ही करेगा। देश में यह पहला ‘स्टुपिड केस’ है जो मंत्रालय तक पहुंचा है। यह वहां के तकनीकी शिक्षा विभाग की लापरवाही है। उन्होंने बताया कि आईआईटी जोधपुर का भी पत्र मिल गया है। वर्ष 2004 का आदेश दिल्ली में आरके पुरम स्थित स्कॉलरशिप विंग की ओर से निकाला गया था। इसकी कॉपी मंगवाई गई है, इस बारे में वापस सर्कुलर जारी करेंगे।
आईआईटी जोधपुर के डायरेक्टर प्रो. सीवीआर मूर्ति ने जब 8 दिसंबर को हिना को पीएचडी डिग्री प्रदान की तो उसकी खुशी का कोई पारावार नहीं था, लेकिन कतर जाने के लिए डिग्री का सत्यापन नहीं होने से अब वह मायूस है। फाइल फोटो
मंत्री बोलीं- कॅरिअर से खिलवाड़ नहीं होने देंगे
^इस संबंध में ट्विटर के माध्यम से मुझे जानकारी मिली है। हिना का मामला मेरे पास आया हुआ है। हम इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे। उसकी डिग्री को सत्यापित करवाने का पूरा प्रयास किया जाएगा और उसके कॅरिअर के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
-किरण माहेश्वरी, उच्चएवं तकनीकी शिक्षा मंत्री, राजस्थान
तकनीकी विवि से जुड़ी डिग्रियों का ही अनुमोदन
जोधपुरआईआईटी प्रशासन ने इस बारे में तकनीकी शिक्षा निदेशक एसके सिंह से बात की। सिंह का कहना था कि वे केवल तकनीकी विश्वविद्यालय से जुड़ी डिग्रियों का ही अनुमोदन करते हैं। इस संबंध में उच्च अधिकारी ही जवाब दे सकते हैं। उन्होंने इस मामले में तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव एमएम सेठिया से भी बात की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
हिना को 4 जनवरी को कतर के लिए रवाना होना है, लेकिन अभी तक उसकी डिग्री सत्यापित नहीं हुई है। उसने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर मदद मांगी। मामले की जानकारी राज्य की उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी को मिली तो उन्होंने हीना की मदद करने और उसके कॅरिअर को सुरक्षित रखने का आश्वासन दिया। माहेश्वरी ने कहा कि वे संबंधित अधिकारियों से बात करेंगी, लेकिन अभी तक हुआ कुछ नहीं।
No comments:
Post a Comment