नई दिल्ली. केंद्र सरकार पिछले कई महीनों से समृद्ध लोगों से बिनती कर रही है की वो एलपीजी गैस सब्सिडी थोड़ दें। लेकिन लगता है सरकार की बातों को अनसुना करने वालों को सबक सीखाने के लिए सरकार अब खुद एक कदम आगे बढ़ाने जा रही है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन टैक्सपेयर्स का ब्योरा पेट्रोलियम मंत्रालय को देगा, जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपये से अधिक है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य अधिक आयवर्ग वाले लोगों को मिलने वाली एलपीजी सब्सिडी को रोकना है।
दोनों सरकारी विभागों के बीच हुए समझौते के तहत आयकर विभाग इस तरह के लोगों के नाम के साथ साथ उनके पैन, जन्मतिथि, उपलब्ध पते, ईमेल आइडी व मोबाइल नंबर की जानकारी भी मंत्रालय को देगा। इससे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय उन एलपीजी ग्राहकों का पता लगा सकेगा, जो निर्धारित नियमों के विपरीत सब्सिडी ले रहे हैं और खुद गैस सब्सिडी नहीं छोड़ी है।
आइटी डिपार्टमेंट और पेट्रोलियम मिनिस्ट्री इस बारे में शीघ्र ही एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे ताकि इस जानकारी की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इस कदम को मंजूरी दी है। यह कदम सरकार के उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसके तहत उसने कहा था कि 10 लाख से अधिक सालाना आय वाले टैक्सपेयर्स को गैस सब्सिडी नहीं मिलेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पेट्रोलियम मंत्रालय को यह डेटा मिलने से 10 लाख रुपये सालाना आय वाले करदाताओं को गैस सब्सिडी मिलना खुद-ब-खुद बंद हो जाएगी।’
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन टैक्सपेयर्स का ब्योरा पेट्रोलियम मंत्रालय को देगा, जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपये से अधिक है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य अधिक आयवर्ग वाले लोगों को मिलने वाली एलपीजी सब्सिडी को रोकना है।
दोनों सरकारी विभागों के बीच हुए समझौते के तहत आयकर विभाग इस तरह के लोगों के नाम के साथ साथ उनके पैन, जन्मतिथि, उपलब्ध पते, ईमेल आइडी व मोबाइल नंबर की जानकारी भी मंत्रालय को देगा। इससे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय उन एलपीजी ग्राहकों का पता लगा सकेगा, जो निर्धारित नियमों के विपरीत सब्सिडी ले रहे हैं और खुद गैस सब्सिडी नहीं छोड़ी है।
आइटी डिपार्टमेंट और पेट्रोलियम मिनिस्ट्री इस बारे में शीघ्र ही एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे ताकि इस जानकारी की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इस कदम को मंजूरी दी है। यह कदम सरकार के उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसके तहत उसने कहा था कि 10 लाख से अधिक सालाना आय वाले टैक्सपेयर्स को गैस सब्सिडी नहीं मिलेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पेट्रोलियम मंत्रालय को यह डेटा मिलने से 10 लाख रुपये सालाना आय वाले करदाताओं को गैस सब्सिडी मिलना खुद-ब-खुद बंद हो जाएगी।’
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