उदयपुर.पंचायती राज विभाग की तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। जिला परिषद से ली गई इस परीक्षा का परिणाम चार बार जारी किया जा चुका है जिसमें अलग-अलग मेरिट जारी हुई है। सोमवार को जारी सूची में इस बार उदयपुर जिले से लगभग 400 अभ्यर्थी बाहर हो रहे हैं।
ये सवाल उठा रहे हैं कि जब पेपर के सवाल और जवाब वही हैं तो परिणाम अलग-अलग कैसे आ रहे हैं। इस बार जारी संशोधित परिणाम में बाहर हुए अभ्यर्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, जिससे एक बार फिर परीक्षा परिणाम पर रोक लग सकती है।
यह है मामला
परीक्षा मार्च 2012 में हुई थी जिसका प्रथम परिणाम सितम्बर 2012 में आया। परिणाम के आधार पर जिले में 2300 अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी गई। इसके बाद सवालों को लेकर कुछ विद्यार्थी कोर्ट की शरण में पहुंचे। वहां से रिवाइज परिणाम जारी करने के लिए कहा गया। 2013 में दो बार परिणाम रिवाइज हुआ। इसमें मार्किंग कम हो गई और मेरिट बढ़ गई जिससे जिले में 177 नियुक्त अभ्यर्थी बाहर हो गए। ये अभ्यर्थी कोर्ट से स्टे ले अाए और कोर्ट ने परिणाम को रिवाइज करने का फिर आदेश दिया। चौथी बार सोमवार को परिणाम रिवाइज किया गया जिसमें जिले के लगभग 400 अभ्यर्थी फिर बाहर हो गए। अभ्यर्थी फिर असमंजस में हैं कि सरकार किसको नौकरी पर रखेगी और किसको निकालेगी।
प्रथम परिणाम में 2300 को नियुक्ति दी, दूसरे-तीसरे रिवाइज परिणाम में 177 बाहर और अब 400 बाहर
अभ्यर्थी बोले-बढ़ती गई मेरिट
ऋषभदेव निवासी रूपलाल मीणा ने बताया कि एसटी कोटे में सोशल स्टडी पुरुष वर्ग में प्रथम परिणाम में 98 प्रतिशत मेरिट थी, इसके बाद 108 हुई और अब 121 पर पहुंच गई है जबकि सवाल और जवाब वही है। विभाग ने परीक्षा प्रणाली पूरी तरह बिगाड़ दी है। इससे अभ्यर्थियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
टीएसपी स्थानीय को लेकर भी समस्या
कुछ अभ्यर्थी टीएसपी के आरक्षित पद पर स्थानीय अभ्यर्थियों की भर्ती को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। इनका कहना है कि भर्ती के नियमों में साफ लिखा है कि टीएसपी के आरक्षित पदों पर दूसरे जिले के टीएसपी अभ्यर्थियों के बजाए स्थानीय को तरजीह दी जाएगी। जबकि एक दिन पहले जारी कट ऑफ में बाहरी अभ्यर्थी भी शामिल हैं। जबकि जिला परिषद के अधिकारियों का कहना है कि लिस्ट से टीएसपी के बाहरी अभ्यर्थियों की अपने आप छंटनी हो जाएगी।
अभ्यर्थियों ने बनाई आंदाेलन रणनीति
परिणाम आने के बाद राजस्थान शिक्षक और पंचायती राज शिक्षक संघ के बैनर तले परीक्षा प्रणाली से बाहर हुए अभ्यर्थियों ने सुखाड़िया समाधि पर बैठक की। संघ के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष शेरसिंह चौहान ने बताया कि इसमें निर्णय लिया कि गुरुवार सुबह 11 बजे जिला परिषद कार्यालय के बाहर धरना दिया जाएगा और सीईओ को ज्ञापन देंगे।
शिक्षक संघ प्रगतिशील तृतीय श्रेणी परीक्षा में रिवाइज परिणाम को लेकर संघ के स्थायी समिति के अध्यक्ष बाबूलाल जैन के नेतृत्व में मंगलवार को जिला प्रमुख और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन दिया। मांग की है कि 2012 में नियुक्त शिक्षक इस परिणाम से प्रभावित हो रहे हैं, उन्हें सेवा से अलग नहीं किया जाए। इनके लिए संगठन आंदोलन करेगा।
इतने वर्षों में रोल नम्बर तक भूल गए
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2012 के इतने वर्षों से अटके होने के बाद कई अभ्यर्थी अपना रोल नम्बर ही भूल गए हैं। इससे कई अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इस समस्या को हल करने के लिए जिला परिषद ने दो स्टाफ लगाए हैं। ये स्टाफ रोल नम्बर भूला चुके अभ्यर्थियों की मदद कर वापस नम्बर मुहैया करवा रहे हैं। उधर, जिला परिषद के बाहर लगे कट ऑफ को देखने के लिए दिनभर अभ्यर्थी आते रहे।
ये सवाल उठा रहे हैं कि जब पेपर के सवाल और जवाब वही हैं तो परिणाम अलग-अलग कैसे आ रहे हैं। इस बार जारी संशोधित परिणाम में बाहर हुए अभ्यर्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, जिससे एक बार फिर परीक्षा परिणाम पर रोक लग सकती है।
यह है मामला
परीक्षा मार्च 2012 में हुई थी जिसका प्रथम परिणाम सितम्बर 2012 में आया। परिणाम के आधार पर जिले में 2300 अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी गई। इसके बाद सवालों को लेकर कुछ विद्यार्थी कोर्ट की शरण में पहुंचे। वहां से रिवाइज परिणाम जारी करने के लिए कहा गया। 2013 में दो बार परिणाम रिवाइज हुआ। इसमें मार्किंग कम हो गई और मेरिट बढ़ गई जिससे जिले में 177 नियुक्त अभ्यर्थी बाहर हो गए। ये अभ्यर्थी कोर्ट से स्टे ले अाए और कोर्ट ने परिणाम को रिवाइज करने का फिर आदेश दिया। चौथी बार सोमवार को परिणाम रिवाइज किया गया जिसमें जिले के लगभग 400 अभ्यर्थी फिर बाहर हो गए। अभ्यर्थी फिर असमंजस में हैं कि सरकार किसको नौकरी पर रखेगी और किसको निकालेगी।
प्रथम परिणाम में 2300 को नियुक्ति दी, दूसरे-तीसरे रिवाइज परिणाम में 177 बाहर और अब 400 बाहर
अभ्यर्थी बोले-बढ़ती गई मेरिट
ऋषभदेव निवासी रूपलाल मीणा ने बताया कि एसटी कोटे में सोशल स्टडी पुरुष वर्ग में प्रथम परिणाम में 98 प्रतिशत मेरिट थी, इसके बाद 108 हुई और अब 121 पर पहुंच गई है जबकि सवाल और जवाब वही है। विभाग ने परीक्षा प्रणाली पूरी तरह बिगाड़ दी है। इससे अभ्यर्थियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
टीएसपी स्थानीय को लेकर भी समस्या
कुछ अभ्यर्थी टीएसपी के आरक्षित पद पर स्थानीय अभ्यर्थियों की भर्ती को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। इनका कहना है कि भर्ती के नियमों में साफ लिखा है कि टीएसपी के आरक्षित पदों पर दूसरे जिले के टीएसपी अभ्यर्थियों के बजाए स्थानीय को तरजीह दी जाएगी। जबकि एक दिन पहले जारी कट ऑफ में बाहरी अभ्यर्थी भी शामिल हैं। जबकि जिला परिषद के अधिकारियों का कहना है कि लिस्ट से टीएसपी के बाहरी अभ्यर्थियों की अपने आप छंटनी हो जाएगी।
अभ्यर्थियों ने बनाई आंदाेलन रणनीति
परिणाम आने के बाद राजस्थान शिक्षक और पंचायती राज शिक्षक संघ के बैनर तले परीक्षा प्रणाली से बाहर हुए अभ्यर्थियों ने सुखाड़िया समाधि पर बैठक की। संघ के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष शेरसिंह चौहान ने बताया कि इसमें निर्णय लिया कि गुरुवार सुबह 11 बजे जिला परिषद कार्यालय के बाहर धरना दिया जाएगा और सीईओ को ज्ञापन देंगे।
शिक्षक संघ प्रगतिशील तृतीय श्रेणी परीक्षा में रिवाइज परिणाम को लेकर संघ के स्थायी समिति के अध्यक्ष बाबूलाल जैन के नेतृत्व में मंगलवार को जिला प्रमुख और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन दिया। मांग की है कि 2012 में नियुक्त शिक्षक इस परिणाम से प्रभावित हो रहे हैं, उन्हें सेवा से अलग नहीं किया जाए। इनके लिए संगठन आंदोलन करेगा।
इतने वर्षों में रोल नम्बर तक भूल गए
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2012 के इतने वर्षों से अटके होने के बाद कई अभ्यर्थी अपना रोल नम्बर ही भूल गए हैं। इससे कई अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इस समस्या को हल करने के लिए जिला परिषद ने दो स्टाफ लगाए हैं। ये स्टाफ रोल नम्बर भूला चुके अभ्यर्थियों की मदद कर वापस नम्बर मुहैया करवा रहे हैं। उधर, जिला परिषद के बाहर लगे कट ऑफ को देखने के लिए दिनभर अभ्यर्थी आते रहे।
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