जयपुर. सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि
स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा स्थगित नहीं होगी। आरपीएससी की ओर से तय
तिथि 3 से 13 जनवरी तक ही परीक्षा होगी। परीक्षा तिथि मामले पर गठित मंत्री
समूह ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यह ऐलान किया है।
इससे आवेदन करने वाले 1.56 लाख ऐसे नए अभ्यर्थियों के परीक्षा से बाहर होने का संकट खड़ा हो गया है, जो या तो बीएड कर रहे हैं या स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। घोषित परीक्षा तिथि तक इन अभ्यर्थियों का परिणाम आना मुश्किल है। आयोग ने शर्त लगा रखी है कि परीक्षा तिथि तक डिग्री मिल जानी चाहिए। इस परीक्षा में 50 हजार ऐसे शिक्षक भी शामिल होंगे, जो बीएलओ ड्यूटी दे रहे हैं। वे भी तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। शहीद स्मारक पर सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा तिथि बढ़ानेे की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं।
परीक्षा तिथि बढ़ाकर मई-जून की जाए ताकि औरों को भी मौका मिले
परीक्षा तिथि बढ़ाकर मई-जून की जाए ताकि 1.56 लाख नए अभ्यर्थियों, 50 हजार बीएलओ को भी व्याख्याता बनने का मौका मिल सके। आयोग को अगर परीक्षा जनवरी में करानी थी तो फिर संशोधित विज्ञप्ति में परीक्षा तिथि अंकित करनी चाहिए थी। अब जब आवेदन करा लिया तो उन्हें डिग्री मिलने तक का मौका दिया जाए। इस भर्ती परीक्षा में बाहरी राज्यों का कोटा 5% से कम तक सीमित करें। ताकि राजस्थान के अभ्यर्थियों को इसमें नौकरी पाने का मौका मिले। पदों की संख्या 5 हजार से 10 हजार की जाए। ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों को नए नियमों के अनुसार प्रमाणपत्र बनवाने का पर्याप्त समय दें।
डेढ़ साल से तैयारी कर रहे कई छात्र चाहते थे परीक्षा जनवरी में हो जाए
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है- दोनों पक्षों से बात करके हमने अंतिम निर्णय लिया है कि परीक्षा तिथि को नहीं बढ़ाया जाएगा। मंत्री समूह ने दोनों पक्षों (परीक्षा तिथि बढ़ाने और नहीं बढ़ाने वालों) से बात की। इसमें अधिकांश ऐसे विद्यार्थी थे, जो डेढ़ साल से तैयारी कर रहे थे। वे चाहते थे कि परीक्षा स्थगित नहीं हो। परीक्षा समय पर होने से विद्यार्थियों को शिक्षक मिल सकेंगे और स्कूलों में तालाबंदी की भी नौबत नहीं आएगी। आंदोलन कर रहे युवाओं से मेरा अनुरोध है कि वे आंदोलन स्थगित करें और बहुत जल्दी होने वाली रीट की तैयारी शुरू करें।
मैं आखिरी दम तक आपकी लड़ाई लडूंगा
किरोड़ीलाल मीणा बोले- राज्य सरकार के तुगलकी फरमान के कारण लाखों युवा इस परीक्षा से तुरंत ही अपात्र हो गए हैं। लेकिन मैं सभी अभ्यर्थियों को कहना चाहता हूं कि आपको डरने की एवं घबराने की जरूरत नहीं है। मैं आखिरी दम तक आपकी लड़ाई लडूंगा। न्याय दििलवाऊंगा।
इससे आवेदन करने वाले 1.56 लाख ऐसे नए अभ्यर्थियों के परीक्षा से बाहर होने का संकट खड़ा हो गया है, जो या तो बीएड कर रहे हैं या स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। घोषित परीक्षा तिथि तक इन अभ्यर्थियों का परिणाम आना मुश्किल है। आयोग ने शर्त लगा रखी है कि परीक्षा तिथि तक डिग्री मिल जानी चाहिए। इस परीक्षा में 50 हजार ऐसे शिक्षक भी शामिल होंगे, जो बीएलओ ड्यूटी दे रहे हैं। वे भी तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। शहीद स्मारक पर सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा तिथि बढ़ानेे की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं।
परीक्षा तिथि बढ़ाकर मई-जून की जाए ताकि औरों को भी मौका मिले
परीक्षा तिथि बढ़ाकर मई-जून की जाए ताकि 1.56 लाख नए अभ्यर्थियों, 50 हजार बीएलओ को भी व्याख्याता बनने का मौका मिल सके। आयोग को अगर परीक्षा जनवरी में करानी थी तो फिर संशोधित विज्ञप्ति में परीक्षा तिथि अंकित करनी चाहिए थी। अब जब आवेदन करा लिया तो उन्हें डिग्री मिलने तक का मौका दिया जाए। इस भर्ती परीक्षा में बाहरी राज्यों का कोटा 5% से कम तक सीमित करें। ताकि राजस्थान के अभ्यर्थियों को इसमें नौकरी पाने का मौका मिले। पदों की संख्या 5 हजार से 10 हजार की जाए। ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों को नए नियमों के अनुसार प्रमाणपत्र बनवाने का पर्याप्त समय दें।
डेढ़ साल से तैयारी कर रहे कई छात्र चाहते थे परीक्षा जनवरी में हो जाए
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है- दोनों पक्षों से बात करके हमने अंतिम निर्णय लिया है कि परीक्षा तिथि को नहीं बढ़ाया जाएगा। मंत्री समूह ने दोनों पक्षों (परीक्षा तिथि बढ़ाने और नहीं बढ़ाने वालों) से बात की। इसमें अधिकांश ऐसे विद्यार्थी थे, जो डेढ़ साल से तैयारी कर रहे थे। वे चाहते थे कि परीक्षा स्थगित नहीं हो। परीक्षा समय पर होने से विद्यार्थियों को शिक्षक मिल सकेंगे और स्कूलों में तालाबंदी की भी नौबत नहीं आएगी। आंदोलन कर रहे युवाओं से मेरा अनुरोध है कि वे आंदोलन स्थगित करें और बहुत जल्दी होने वाली रीट की तैयारी शुरू करें।
मैं आखिरी दम तक आपकी लड़ाई लडूंगा
किरोड़ीलाल मीणा बोले- राज्य सरकार के तुगलकी फरमान के कारण लाखों युवा इस परीक्षा से तुरंत ही अपात्र हो गए हैं। लेकिन मैं सभी अभ्यर्थियों को कहना चाहता हूं कि आपको डरने की एवं घबराने की जरूरत नहीं है। मैं आखिरी दम तक आपकी लड़ाई लडूंगा। न्याय दििलवाऊंगा।
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