शिक्षा विभाग में लगातार खाली पदों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकार का ध्यान अब तक नई भर्तियों पर नहीं है। माध्यमिक शिक्षा में खाली पदों की बात की जाए तो एक महीने में ही खाली पदों की संख्या में 1907 की बढ़ोतरी हो गई। शिक्षा विभाग की ओर से जारी नवंबर महीने की रिपोर्ट में खाली पदों की संख्या 63,950 बताई गई है, जबकि अक्टूबर महीने की रिपोर्ट में खाली पदों की संख्या 62,043 थी।
खाली पदों में सर्वाधिक पद व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के हैं। इन तीनों कैडर के खाली पदों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। खाली पद बढ़ते जा रहे हैं और सरकार की घोषणा के 11 महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक नई भर्ती शुरू नहीं हुई। सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 31 हजार पदों पर तृतीय श्रेणी शिक्षक और 3 हजार पदों पर व्याख्याताओं की भर्ती का एलान किया था।
बेरोजगार लंबे समय से इन भर्तियों की प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में अखिल राजस्थान महिला शिक्षक संघ की प्रदेशाध्यक्ष कमला लांबा का कहना है कि शिक्षा विभाग में लगातार खाली होते पदों के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होना तय है। वर्तमान में लॉकडाउन के कारण स्कूल नहीं खुल रहे, लेकिन जब भी स्कूल खुलेंगे। स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ की जरूरत होगी।
शिक्षकों की कमी से परिणाम पर असर
स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण छात्र के परीक्षा परिणाम पर आता है। सरकारी स्कूलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा भी नहीं मिल पाती। उसकी नींव ही कमजोर होेने के कारण आगे तक पढ़ाई में परेशानी रहती है।
^हम
सरकार से घोषणा के मुताबिक शिक्षा विभाग में नई भर्ती शुरू करने की मांग
कर रहे हैं। सरकार ना नई भर्ती निकाल रही है और ना लंबित भर्तियों को पूरा
कर रही है।
-उपेन यादव,प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
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