जयपुर. राजस्थान में 2 साल से मास्टर जी यानि थर्ड ग्रेड टीचर को ट्रांसफर का इंतजार है, वह लगातार जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा रहे हैं. मंत्रियों से मिल रहे हैं, विधायकों को ज्ञापन दे रहे हैं. शिक्षा मंत्री से भी मिल चुके हैं, लेकिन अब तक सरकार तबादले को लेकर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दे रही है.
बता दें कि प्रदेश में 2 लाख 16 हजार 889 थर्ड ग्रेड शिक्षक पढ़ा रहे हैं. डार्क जोन में पोस्टेड थर्ड ग्रेड शिक्षकों की संख्या 72119 है. डार्क जोन का मतलब प्रतिबंधित जिले हैं, जहां सामान्य दिनों में तबादले नहीं होते. पिछले 11 साल में केवल दो बार थर्ड ग्रेड तबादले 2010 और 2018 में हुए हैं.
वसुंधरा राजे की भाजपा सरकार में थर्ड ग्रेड टीचर के तबादलों पर बैन लगा दिया था और तब से तबादले का ताला खुलने का नाम नहीं ले रहा है. अगर गलती से भी कोई नाम तबादले के लिए पहुंचता है तो उसे तत्काल निरस्त कर दिया जाता है. मास्टर जी अपने डेलिगेशन के साथ दस्तावेजों का पुलिंदा लेकर मंत्रियों के आसपास भटकते रहते हैं और जनप्रतिनिधियों से दबाव डलवाते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी अभी तबादले के लिए कोई कार्रवाई सरकार की तरफ से नहीं की गई है.
थर्ड ग्रेड का नंबर कब आएगा
थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों में सबसे बड़ा विवाद प्रतिबंधित जिलों को लेकर ही है. जहां ज्वाइन करने के बाद तबादला होना बहुत मुश्किल माना जाता है. बिना जोड़ जुगाड के ट्रांसफर हो नहीं पाते, मुख्यमंत्री की जब तक हरी झंडी नहीं मिलती तबादले पर बैन रहता है. यही वजह है कि शिक्षक पढाई लिखाई कराने के बजाय घर के नजदीक पोस्टिंग की चाहत में नेताओं से लेकर अफसरों के चक्कर काटते हैं. नेताओं पर भी गुरूजी दबाव बनाने का कोई मौका नहीं चूकते हैं.
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