राजस्थान यूनिवर्सिटी से संबद्धता लेने के लिए कुछ बीएड काॅलेजाें की गड़बड़ियां सामने आई है। काॅलेजाें ने अपनी लिस्ट में ऐसे शिक्षकों काे प्रिंसिपल बताया, जिनका काॅलेज से काेई लेना देना ही नही है। यूनिवर्सिटी द्वारा जब काॅलेजाें के अप्रूव्ड फेकल्टी की लिस्टें ऑनलाइन की गई ताे मामले खुले हैं। जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी काे ऐसे 9 काॅलेजाें की शिकायतें मिली है। विशेषज्ञों का कहना है कि एनसीटीई की गाईडलाइन के अनुसार क्वालिफाईड शिक्षक दिखाने और पैसे बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। राजस्थान यूनिवर्सिटी द्वारा अप्रूव्ड काॅलेजाें की लिस्ट में चौमूं में स्थित एक निजी बीएड काॅलेज में डाॅ. अवधेश दान काे प्रिंसिपल बताया गया है। मामले की जानकारी मिलने पर अवधेश दान ने संभागीय आयुक्त काे भी शिकायत की है। उनका कहना है कि वे फिलहाल जालाैर के काॅलेज में नाैकरी कर रहे हैं। चौमूं के इस काॅलेज काे जानते भी नही हैं, फिर भी उन्हें प्रिंसिपल कैसे बताया है पता नही।
राजभवन ने मांगी लिस्ट, 167 बीएड काॅलेज हैं
आरयू
से करीब 167 बीएड काॅलेज संबद्ध हैं। इनके अलावा 64 बीए, बीएड इंटीग्रेटेड
और 3 स्पेशल बीएड के काॅलेज संबद्धता प्राप्त हैं। अब गंभीर शिकायतें
हाेने के बाद राजभवन ने राजस्थान यूनिवर्सिटी काे पत्र लिखकर बीएड
काॅलेजाें के अप्रूव्ड फेकल्टी की जानकारी मांगी है।
^कुछ
बीएड काॅलेजाें द्वारा दूसरे शिक्षक काे खुद का प्रिंसिपल दिखाने की
शिकायतें मिली है। हम हर अप्रूव्ड फेकल्टी के आधार कार्ड से लिंक कर रहे
हैं। इसके बाद ही लिस्ट एनसीटीई काे भी भेजी जाएगी।
प्राे.एस.एल. शर्मा, कन्वीनर सब कमेटी बीओआई
^एफिलिएशन
के लिए आवेदन करने से पहले इन्होंने प्रिंसिपल बनने के लिए डाक्यूमेंट्स
दिए थे। जब यह जॉइन करने नहीं आए ताे हमनें नया प्रिंसिपल रख लिया। लेकिन
यूनिवर्सिटी ने वही नाम पीटीईटी काे भेज दिया।
सुमित्रा चाैधरी, सचिव ए एन बीएड काॅलेज
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