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Thursday 12 July 2018

शिक्षक का तबादला निरस्त नहीं किया तो विद्यार्थियों की टीसी कटाकर खोला अपना स्कूल, गांव के ही दो युवा निशुल्क पढ़ाएंगे

कनेछन खुर्द पंचायत के गणेशपुरा के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक का तबादला निरस्त नहीं करने के विरोध में ग्रामीणों का आंदोलन पांचवें दिन बुधवार को भी जारी रहा। स्कूल में 80 बच्चों का नामांकन है। इनमें से 58 बच्चे टीसी कटाने का आवेदन दे चुके हैं।
ग्रामीणों ने बच्चों को सरकारी स्कूल भेजना बंदकर अपना स्कूल शुरू कर दिया। शिक्षित दो युवा बच्चों को पढ़ा रहे हैं। बच्चों के लिए भवन, पेयजल व पोषाहार की व्यवस्था भी ग्रामीणों ने अपने स्तर पर की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जब तक शिक्षक गजेंद्र सिंह का तबादला निरस्त नहीं हो जाता तब तक बच्चों को सरकारी स्कूल नहीं भेजेंगे। तीन दिन से टीसी कटाने के आवेदन दिए जा रहे हंै। पहले दिन 22, दूसरे दिन 15 और तीसरे दिन 21 बच्चों ने टीसी कटाने के लिए आवेदन दिए। ग्रामीणों द्वारा शुरू किए गए ‘अपना स्कूल’ में पढ़ने के लिए जाने से पहले बच्चों ने रैली निकाली। नारेबाजी की और शिक्षक का तबादला निरस्त करने की मांग की। बच्चों के साथ गांव की महिलाएं भी मौजूद थीं। उल्लेखनीय है कि शिक्षक गजेंद्रसिंह के तबादले के बाद ग्रामीण गुस्से में है। शनिवार को उन्होंने स्कूल पर तालाबंदी की थी। अधिकारियों ने आश्वासन दिया। लेकिन मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू कर दिया।

शिक्षक का तबादला निरस्त नहीं होने तक बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं भेजेंगे, पेयजल व पोषाहार की व्यवस्था भी की

अपना स्कूल

शिक्षक के तबादले से गुस्सा इसलिए...ज्वाॅइन करने के 5 साल में बेहतर हुआ नामांकन व रिजल्ट, नोडल में श्रेष्ठ रहा स्कूल

शिक्षक गजेंद्रसिंह ने वर्ष 2013 में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गणेशपुरा में ज्वाइन किया। तब स्कूल पांचवीं तक था। जिसे 8वीं तक क्रमोन्नत कराया। निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के परिजनों से मिलकर नामांकन 50 से बढ़ाकर 80 तक पहुंचाया। रिजल्ट में सुधार के प्रयास किए। वे कॉमर्स से हैं, लेकिन बच्चों को गणित व विज्ञान विषय भी स्वयं पढ़ाना शुरू किया। नतीजा यह रहा कि इस साल पांचवीं व आठवीं का रिजल्ट 90 फीसदी रहा। गणेशपुरा स्कूल नोडल के 9 सरकारी स्कूलों में श्रेष्ठ परिणाम देने वाला रहा। खेल गतिविधियों से भी बच्चों को जोड़ा।

सुबह चौपाल पर ग्रामीणों ने निर्णय लिया और शुरू कर दिया ‘अपना स्कूल’

ग्रामीणों नेे स्कूल भवन, पेयजल,पोषाहार की व्यवस्था की है। अपना स्कूल के पहले दिन 52 बच्चे पढ़ने आए। आने वाले दिनों में बच्चों की संख्या और भी बढ़ने की संभावना है।

आरोप...स्कूल के लिए मिली जमीन पर कब्जा करने वालों ने कराया तबादला... ग्रामीणों ने बताया कि गणेशपुरा स्कूल में 3 ही कमरे हैं। विधायक मद से 20 लाख स्वीकृत हुए। बजट कम लगा तो शिक्षक गजेंद्र ने प्रयास कर 36.45 लाख स्वीकृत कराए। स्कूल भवन के लिए 6 मिल चौराहे पर सवा 3 बीघा जमीन आबंटित कराई। भवन बनाने वाली जमीन पर कुछ प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कियाा है। इस कारण शिक्षक का तबादला करा दिया गया। स्कूल में 4 शिक्षक हैं। इनमें 3 शिक्षिकाएं हैं।

शिक्षक का तबादला निरस्त नहीं करने से आक्रोशित ग्रामीणाें ने बुधवार सुबह चौपाल पर चर्चा की। सामूहिक रूप से ‘अपना स्कूल’ शुरू करने का निर्णय लिया। गांव के कल्याण मल कुमावत ने अपने मकान में स्कूल चलाने पर सहमति जताई। दो शिक्षित युवा नारूलाल बलाई व नारायण कुमावत आगे आए और बच्चों को निशुल्क पढ़ाने के लिए तैयार हो गए। अन्य लोगों ने बच्चों के बैठने के लिए दरी, पीने के पानी और पोषाहार की व्यवस्था की जिम्मेदारी ली। निर्णय लेते ही कुछ देर में बच्चों को अपने स्कूल में पढ़ने के लिए भेज दिया गया। पहले दिन 52 बच्चे अपना स्कूल पढ़ने पहुंचे।

विधानसभा अध्यक्ष मेघवाल से मिले उप प्रधान राणावत ... उप प्रधान बजरंगसिंह राणावत में बताया कि गणेशपुरा स्कूल के शिक्षक गजेंद्र सिंह का तबादला होने के बाद ग्रामीणों के आंदोलन से क्षेत्रीय विधायक व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को जयपुर जाकर बता दिया है। मेघवाल ने आश्वासन दिया है कि जल्द ग्रामीणों की समस्या का समाधान करेंगे।

सरकारी स्कूल

खाली होने लग। 58 बच्चों ने टीसी कटाने के आवेदन दिए।

ग्रामीण बोले...अफसर वार्ता के लिए भी नहीं आए ...पूर्व पंचायत समिति सदस्य किशन कुमावत ने बताया कि दो युवा निशुल्क पढ़ाएंगे। गांव से सहयोग राशि एकत्र करेंगे। ग्रामीण, प्रशासन व शिक्षा विभाग से नाराज हैं। विद्यार्थी टीसी कटवा रहे हैं पर शिक्षा विभाग का कोई भी अफसर नहीं पहुंचा। प्रशासन ने भी समझाइश नहीं की। जब तक शिक्षक गजेंद्रसिंह वापिस नहीं आएंगे, अपना स्कूल चलता रहेगा। सरकारी स्कूल में बच्चों को नहीं भेजेंगे।

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