केंद्रीय विद्यालय संगठन की वेबसाइट काफी सालों से अपने शिक्षकों के मैट्रमोनियल सर्विस दे रही है। इसकी मैट्रमोनियल लिंक पर क्लिक करके सौ से ज्यादा शिक्षकों की पर्सनल जानकारी सामने आ जाती है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन की सरकारी वेबसाइट नौकरी वाले वर-वधू की तलाश कर रहे अविवाहित लोग यहां अपने लिए योग्य वर या दुल्हन की तलाश कर सकते हैं। यह वेबसाइट इस बात का अच्छा उदाहरण है कि यहां मुफ्त में ही एक ही फील्ड से जुड़े शिक्षक अपने लिए वर और वधु की तलाश कर सकते हैं। लेकिन इस वेबसाइट का एक चिंताजनक पहलू यह है कि यहां अविवाहित शिक्षकों और खासकर महिला शिक्षकों की निजी जानकारी जैसे फोन नंबर और डेटऑफ बर्थ एड्रेस वेब साइट पर डिस्पले किए गए हैं। इस लिस्ट में देश के सभी केंद्रीय विद्यालयों में कार्यरत तकरीबन 120 टीचरों के नाम शामिल हैं।
दूसरी मेट्रीमोनियल वेबसाइट: मैट्रीमोनियल वेबसाइट की बात करें तो यहां पर आपको किसी भी लड़के और लड़की की जानकारी पाने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होता है। इसके बाद ही आप उस जानकारी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां पर भी फोन नंबर और डेट ऑफ बर्थ का पता लगाना उतना आसान नहीं होता है जितना केवीएस की वेबसाइट में है।
100 से ज्यादा अनमैरिड टीचर्स की है जानकारी
केंद्रीय विद्यालय संगठन एक ऑटोनोमस बॉडी है जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आती है। इस वेबसाइट के मैट्रीमोनियल लिंक पर जाकर आप करीब 100 से ज्यादा अनमैरिड टीचर्स की ईमेल आईडी, डेट ऑफ बर्थ, उनका मोबाइल नंबर, होमटाउन, वो कहां काम कर रहे हैं और कहां से हैं जैसी जानकारी शेयर की गई है। टीचर्स की लिस्ट के बाद आखिर में यह भी लिखा गया है कि केवीएस इस जानकारी में किसी भी गलती के लिए जिम्मेदार नहीं है।
साइबर सुरक्षा की दृष्टि से नहीं है सही
रिपोर्ट के अनुसार, वेबसाइट के इस मेट्रोमोनियल वेब पेज की जानकारी सिर्फ यहां काम करने वाले अविवाहित शिक्षकों के लिए ही है। लेकिन गलती से यह पब्लिक है। इससे दुनिया के किसी भी कोने में बैठा कोई शख्स महिला शिक्षकों की निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल कर सकता है। वहीं जो निजी मैट्रीमोनियल वेबसाइट्स हैं उसमें किसी भी रजिस्टर्ड सदस्य की निजी जानकारियां जैसे मोबाइल नंबर आदि नहीं लिया सकता। दुनिया में साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील देशों की सूची में भारत का स्थान पांचवां है। वास्तविक समय में किसी की निजी जानकारियों का सार्वजनिक हो जाना सुरक्षा की दृष्टि से कई तरह के गंभीर खतरे उत्पन्न करता है।
पहले भी सार्वजनिक हो चुकी है जानकारी
इसी तरह का घटनाक्रम करीब एक साल पहले चेन्नई नगर पालिका की वेबसाइट पर देखने को मिला था। इसके तहत संस्थान की वेबासाइट पर अपने नागरिकों की जन्म व मृत्यु की जानकारी सार्वजनिक हो गई थी।
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केंद्रीय विद्यालय संगठन की सरकारी वेबसाइट नौकरी वाले वर-वधू की तलाश कर रहे अविवाहित लोग यहां अपने लिए योग्य वर या दुल्हन की तलाश कर सकते हैं। यह वेबसाइट इस बात का अच्छा उदाहरण है कि यहां मुफ्त में ही एक ही फील्ड से जुड़े शिक्षक अपने लिए वर और वधु की तलाश कर सकते हैं। लेकिन इस वेबसाइट का एक चिंताजनक पहलू यह है कि यहां अविवाहित शिक्षकों और खासकर महिला शिक्षकों की निजी जानकारी जैसे फोन नंबर और डेटऑफ बर्थ एड्रेस वेब साइट पर डिस्पले किए गए हैं। इस लिस्ट में देश के सभी केंद्रीय विद्यालयों में कार्यरत तकरीबन 120 टीचरों के नाम शामिल हैं।
दूसरी मेट्रीमोनियल वेबसाइट: मैट्रीमोनियल वेबसाइट की बात करें तो यहां पर आपको किसी भी लड़के और लड़की की जानकारी पाने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होता है। इसके बाद ही आप उस जानकारी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां पर भी फोन नंबर और डेट ऑफ बर्थ का पता लगाना उतना आसान नहीं होता है जितना केवीएस की वेबसाइट में है।
100 से ज्यादा अनमैरिड टीचर्स की है जानकारी
केंद्रीय विद्यालय संगठन एक ऑटोनोमस बॉडी है जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आती है। इस वेबसाइट के मैट्रीमोनियल लिंक पर जाकर आप करीब 100 से ज्यादा अनमैरिड टीचर्स की ईमेल आईडी, डेट ऑफ बर्थ, उनका मोबाइल नंबर, होमटाउन, वो कहां काम कर रहे हैं और कहां से हैं जैसी जानकारी शेयर की गई है। टीचर्स की लिस्ट के बाद आखिर में यह भी लिखा गया है कि केवीएस इस जानकारी में किसी भी गलती के लिए जिम्मेदार नहीं है।
साइबर सुरक्षा की दृष्टि से नहीं है सही
रिपोर्ट के अनुसार, वेबसाइट के इस मेट्रोमोनियल वेब पेज की जानकारी सिर्फ यहां काम करने वाले अविवाहित शिक्षकों के लिए ही है। लेकिन गलती से यह पब्लिक है। इससे दुनिया के किसी भी कोने में बैठा कोई शख्स महिला शिक्षकों की निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल कर सकता है। वहीं जो निजी मैट्रीमोनियल वेबसाइट्स हैं उसमें किसी भी रजिस्टर्ड सदस्य की निजी जानकारियां जैसे मोबाइल नंबर आदि नहीं लिया सकता। दुनिया में साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील देशों की सूची में भारत का स्थान पांचवां है। वास्तविक समय में किसी की निजी जानकारियों का सार्वजनिक हो जाना सुरक्षा की दृष्टि से कई तरह के गंभीर खतरे उत्पन्न करता है।
पहले भी सार्वजनिक हो चुकी है जानकारी
इसी तरह का घटनाक्रम करीब एक साल पहले चेन्नई नगर पालिका की वेबसाइट पर देखने को मिला था। इसके तहत संस्थान की वेबासाइट पर अपने नागरिकों की जन्म व मृत्यु की जानकारी सार्वजनिक हो गई थी।
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