About Us

Sponsor

शिक्षा की सूरत कैसे बदले ? अब तीनों सवालों के जवाब...

कल आये आर्थिक सर्वेक्षण ने सरकारी प्राथमिक शिक्षा के बारे में कुछ जोरदार बातें की हैं। वे कह रहे हैं, शिक्षकों पर ज्यादा खर्च हो रहा है, योग्य एवं प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी बरक़रार है तथा शिक्षकों की उपस्थिति के लिए बायोमैट्रिक प्रणाली लागू की जाये।
इन निष्कर्षों से लगता है। शिक्षा के सवालों को हम कितने हवाई तरीके से लेते हैं। सरकारी प्राथमिक स्कूलों के साथ अगर कोई समस्या है तो वह तेजी से फैलती "बहुपरती (बाजारीकरण) शिक्षा प्रणाली" की वजह से पैदा हो रही है। दूसरा है, पांच शिक्षकों, क्लर्क, प्रधानाचार्य तथा सहायक कार्मिकों का काम दो शिक्षकों से लेना। अब तीनों सवालों के जवाब-

* एक लोकतान्त्रिक देश में चाहे सरकारी हो या निजी शिक्षक सभी को सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। अधिक वेतन की बात करना एक तरह की चालाकी है। बल्कि हर तरह का काम करने वाले व्यक्ति को अपने आश्रितों तथा अपने खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त वेतन मिलना चाहिए।

* योग्य और प्रशिक्षित शिक्षकों का अभाव इसलिये बना रहता है क्योंकि सरकारें तय मानकों को ताक पर रखकर प्रायः बैकडोर से शिक्षकों की इंट्री करवाती हैं।

* शिक्षक स्कूल नहीं जाते या गोल रहते हैं। यह बहुत बड़ा दुष्प्रचार है। सच तो यह है कि अन्य सभी विभागों की तुलना में शिक्षा विभाग के लोग समय से स्कूल आते-जाते हैं। चाहे तो तुलनात्मक अध्ययन कर लें।

(निष्कर्ष-
शिक्षा का बाजारीकरण बंद करो। शिक्षा में लोकतंत्र (समानता) स्थापित करो। प्राथमिक स्कूलों को सभी संसाधनों से युक्त करो। हाँ, स्कूलों में बायोमैट्रिक जरूर लगवाओ !)

No comments:

Post a Comment

Photography

Recent

Recent Posts Widget
'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Important News

Popular Posts