सरकारी स्कूल में एक छात्र पर सालाना एक लाख से अधिक खर्च
सीकर। आठवीं तक के सरकारी स्कूल में एक बच्चे की पढ़ाई का खर्चा एक लाख रुपए से भी अधिक आ रहा है। मामला दांता के जलिंद्रा की ढाणी उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। इसमें मात्र 34 छात्रों को पढ़ाने के लिए सरकार 36 लाख रुपए से अधिक का सालाना खर्च कर रही है। इस विद्यालय में 34 के नामांकन पर लगे छह अध्यापकों को करीब तीन लाख रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है। इसके अलावा स्टेशनरी, पोषाहार बिजली व पानी सहित अन्य खर्च अलग से है। दांतारामगढ़ क्षेत्र में ऐसा यह एकमात्र स्कूल नहींं है, बल्कि और ऐसे कई स्कूल हैं। कहीं 51 और कहीं 76 के नामांकन पर सात अध्यापक लगा रखे हैं। इतना ही नही विद्यालयों में अध्यापकों की संख्या पूरी होने के बाद भी कई अध्यापक प्रतिनियुक्ति पर जमे हुए हैं।
सीकर। आठवीं तक के सरकारी स्कूल में एक बच्चे की पढ़ाई का खर्चा एक लाख रुपए से भी अधिक आ रहा है। मामला दांता के जलिंद्रा की ढाणी उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। इसमें मात्र 34 छात्रों को पढ़ाने के लिए सरकार 36 लाख रुपए से अधिक का सालाना खर्च कर रही है। इस विद्यालय में 34 के नामांकन पर लगे छह अध्यापकों को करीब तीन लाख रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है। इसके अलावा स्टेशनरी, पोषाहार बिजली व पानी सहित अन्य खर्च अलग से है। दांतारामगढ़ क्षेत्र में ऐसा यह एकमात्र स्कूल नहींं है, बल्कि और ऐसे कई स्कूल हैं। कहीं 51 और कहीं 76 के नामांकन पर सात अध्यापक लगा रखे हैं। इतना ही नही विद्यालयों में अध्यापकों की संख्या पूरी होने के बाद भी कई अध्यापक प्रतिनियुक्ति पर जमे हुए हैं।