प्रदेश में पिछले दिनों प्रिंसिपल और व्याख्याताओं की ट्रांसफर लिस्ट निकालने के मामले में बवाल होने लग गया। वरिष्ठ शिक्षकों (सेकेंड ग्रेड) का समूह अब धरने पर बैठ गया है। धरने पर बैठे शिक्षकों ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने केवल विधानसभा क्षेत्र लक्षमणगढ़ के शिक्षकों की ही लिस्ट निकाली है, जो शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के क्षेत्र की है। जबकि 199 विधानसभा क्षेत्रों के शिक्षकों की सूची अब तक जारी नहीं की।
राजस्थान एकीकृत शिक्षक महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष हरपाल दादरवाल ने बताया कि महासंघ के बैनरतले हम पिछले 4 दिनों से धरने पर बैठे है, लेकिन शिक्षा मंत्री या प्रशासन हमारी नहीं सुन रहा। पिछले साल अक्टूबर में ट्रांसफर लिस्ट निकलाने का आश्वासन दिया था और सभी से ऑनलाइन आवेदन भी मांगे गए। लेकिन बाद में नगर निगम और पंचायत चुनाव की आचार संहिता लग गई। आचार संहिता का हवाला देकर ट्रांसफर लिस्ट जारी नहीं की।
अब जब आचार संहिता हट गई तो केवल व्याख्याताओं, प्राधानाचार्यो के ही ट्रांसफर किए गए। उन्होंने बताया कि जब शिक्षकों से तबादले के लिए सितंबर-अक्टूबर में ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। तब पूरे राज्य से लगभग 16 हजार वरिष्ठ शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। इसमें से लगभग 200 लोगों के ही ट्रांसफर आदेश जारी किए, वह भी सीकर जिले के लक्षमणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जुड़े है।
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