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अब देश में एक नीति के तहत होगी शिक्षक पात्रता परीक्षा

 सीकर. देशभर में शिक्षक बनने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए राहतभरी खबर है। केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। इसके तहत इसी साल से देशभर में शिक्षक पात्रता परीक्षाओं में एकरूपता लाने की दिशा में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कवायद शुरू कर दी हैं। अब तक देशभर में कक्षा एक से आठवीं तक के शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षाओं का आयोजन हो रहा था। लेकिन भविष्य में द्वितीय श्रेणी व प्रथम श्रेणी व्याख्याताओं को भी शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर नौकरी लेनी होगी। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पिछले साल राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करते समय यह ऐलान किया था। इसके बाद अब अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी राज्य सरकार व केन्द्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में पत्र लिखा है।

राज्य व केन्द्र शासित प्रदेशों से मांगी जानकारी
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी राज्य सरकार व केन्द्र शासित प्रदेशों से एक फॉर्मेट में जानकारी मांगी है। इसके तहत पूछा गया है कि फिलहाल राज्य में कितने शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण है, कितनी बार पात्रता परीक्षा आयोजित हो चुकी है, परीक्षा का पैटर्न क्या है। सभी राज्यों से जानकारी आने के बाद शिक्षक पात्रता परीक्षाओं के पैटर्न को एकरूप किया जाएगा।
बदलाव के पीछे तर्क विद्यार्थियों तक पहुंचाना बेहतर शिक्षक
शिक्षा मंत्रालय का तर्क है कि बेहतर शिक्षक विद्यार्थियों के कॅरियर को बेहतर तरीक से संवार सकता है। शिक्षकों के चयन से पहले बेहतर तरीके से गुणवत्ता जांच के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा के मापदंड तय किए हैं।
पहले चरण में बदलाव: बाद में होंगे साक्षात्कार
पहले चरण में परिषद ने पात्रता परीक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है। अगले चरण में सभी राज्य सरकार व केन्द्र शासित प्रदेशों को शिक्षक चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार को शामिल करने के भी आदेश जारी होंगे।
सबसे बड़ा असर: द्वितीय श्रेणी शिक्षक व व्याख्याता भर्ती पर
अब तक देशभर में सैकण्ड ग्रेड व प्रथम श्रेणी स्कूली व्याख्याताओं का सीधे प्रतियोगी परीक्षा के अंकों के आधार पर चयन हो रहा है। लेकिन नई व्यवस्था के तहत सैकण्ड ग्रेड व व्याख्यताओं को भी पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। इसके बाद ही वे नियुक्ति के हकदार होंगे।
फिलहाल थर्ड ग्रेड शिक्षकों के लिए अनिवार्य
फिलहाल देशभर में थर्ड गे्रड शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रथम व द्वितीय लेवल में आयोजित की जा रही है। इसके लिए सीबीएसई की ओर से सीटेट का आयोजन वर्ष में दो बार किया जाता है। राज्य सरकारों की ओर से भी शिक्षक पात्रता परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है।
अन्य राज्यों में नौकरी के विकल्प भी खुलेंगे
देश में एक पैटर्न पर शिक्षक पात्रता परीक्षा होने से बेरोजगारों के लिए नौकरी की राह सभी राज्यों में खुल सकेगी। फिलहाल अलग-अलग राज्यों में अलग पैटर्न पर भर्ती होने से नौकरी नहीं मिल पाती थी।
उपेन यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
एक्सपर्ट व्यू: शिक्षक बनने के लिए अब जुटना होगा पूरी तैयारी से
इंजीनियर महेश चौधरी का कहना है कि शिक्षक पात्रता परीक्षाओं में एकरूपता आने से देशभर के बीएसटीसी व बीएड डिग्रीधारियों को फायदा मिलेगा। वहीं प्रथम व द्वितीय श्रेणी शिक्षक बनने के लिए युवाओं को अब और बेहतर तैयारी करनी होगी। क्योंकि पहले युवाओं को पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। इसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटना होगा।

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