कोरोना महामारी को लेकर राज्य सरकार ने शिक्षकों का एक दिन व दो दिन तक का प्रतिमाह वेतन कटौती के आदेश जारी किए थे। सितंबर माह से कटौती शुरू कर दी गई थी। संघ के प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने बताया कि अक्टूबर में
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर इस निर्णय को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने वेतन कटौती को पृथक खाते में रखे गए वेतन कटौती के पैसे को लौटाने के आदेश जारी किए हैं।महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने बताया कि 15 नवंबर को पहली सुनवाई हुई। जिसमें हाईकोर्ट ने प्रतिमाह वेतन कटौती की राशि को राहत कोष में जमा न कराने का आदेश दिया। अगली सुनवाई 19 नवंबर से पहले सरकार ने कटौती के आदेश को स्वैच्छिक कर दिया।
19 नवंबर को हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि पृथक फंड में जमा की गई अक्टूबर की वेतन कटौती राशि शिक्षकों को लौटाई जाए। अन्य कटौतियों के संबंध में वेतन कटौती की सुनवाई जारी रखने की बात कही। संगठन की ओर से अधिवक्ता हनुमान चौधरी ने पैरवी की।
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